एमएलए की शादी में एक करोड़ का खर्चा

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

बिहार के मुख्‍यमंत्री नी‍तीश कुमार ने बांधा तौसीफ का सेहरा

: गरीब-पिछड़े इलाके में बीवी पर खर्च किया बेशुमार : 32 लाख की औकात वाले विधायक ने अपनी शादी में खर्चा किया एक करोड़ रूपया : पूरा इलाका बदतरीन हालातों में, मगर विधायक बेफिक्र : हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंचने की प्रहसन खूब चर्चित है इलाके में :

किशनगंज : बिहार के सबसे गरीब इलाकों में से एक किशनगंज जिले के बहादुरगंज के कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम ने इसी 27 अप्रेल को हुई अपनी शादी में एक करोड़ रुपए के आसपास खर्च किए। वे नववधू को लाने हैलिकॉप्टर पर गए, जबकि ससुराल उनके घर से कुछ किलोमीटर दूर ही था। अपने मोदी-विरोधी तेवर वाले नी‍तीश कुमार का इस शादी में आना और विधायक का सेहरा बांधना जैसी मांगलिक-टर्न्ड-पॉलिटिकल ड्रामा का मजेदार हिस्सा बन गया। वैसे इस शादी की चर्चाएं आसपास के जिलों में खूब चल रही हैं।

किशनगंज बिहार का वह हिस्सा माना जाता है जो बंगाल से जुड़ा हुआ है। यहां का कल्चर बिहार के बजाय सीधे बंगाली आंचल को ओढ़े लगता है। यहां सत्तू की महक नहीं, बल्कि भात-माछ की खुशबू माहौल में रहती है। यहां की करीब 70 फीसदी आबादी मुस्लिम है।

तकरीबन 50,000 मेहमान दावत पर बुलाए। इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी थे, जिन्होंने उनका सेहरा बाँधा। इस शादी पर हुआ खर्च उनके चुनावी हलफनामे में बताई गई घोषित माली हैसियत से ज्यादा था। चुनाव आयोग को सौंपे गये हलफनामे के मुताबिक तीन बार विधायक रह चुके तौसीफ आलम की चल सम्पत्ति का मूल्य सन 2010 में 6 लाख 92 हजार था जबकि अचल सम्पत्ति का मूल्य 26 लाख से भी ज्यादा है। कहने की जरूरत नहीं कि विधायक तौसीफ आलम के खिलाफ छह आपराधिक मामले भी चल रही हैं।

आलम ने पत्रकारों के सवालों का जवाब कुछ यूं दिया:- दरअसल शादी एक किसी शख्स के जीवन का बहुत अहम मौका होता है। इसीलिए ऐसे मौके को हर शख्स अपने हिसाब से खुशगवार बनाना चाहता है तो इसमें गलत क्या है। अपने क्षेत्र में फैली बदतरीन हालत से बेफिक्र तौसीफ आलम ने कहा कि यह सारा आयोजन का खर्चा मेरे दोस्तों ने किया है। यह शादी केवल किशनगंज ही नहीं, आसपास के जिलों के लिए भी जबर्दस्त चर्चा का बनी रही है।

शादी की पार्टी में शामिल हुए एक शख्स ने चहकते हुए बताया कि गजब का खाना था। लजीज खाना। धूमधाम तो बेहिसाब थी। उप्पर से हेलीकॉप्टर भी तो था ना। अरे मजा आ गया हमको।

दिल्ली के प्रमुख पत्रकार प्रमोद जोशी बताते हैं कि हाल में दक्षिण अफ्रीका में हुई शादी में तमाम भारतीय राजनेता भी गए थे। भारतीय राजनीति के समाजवाद और सामंती समझ का अंतर हम आसानी से दख सकते हैं।

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