आरूषि हत्याकांड में तलवार दंपति को उम्रकैद

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बचाव पक्ष ने कहा, नहीं मिला इंसाफ

नई दिल्ली : आरुषि हेमराज हत्याकांड मामले में तलवार दंपति को सीबीआई की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा पर बहस करते हुए सीबीआई ने कोर्ट से फांसी की सजा की मांग की थी।

सोमवार को फैसला सुनाए जाने के बाद बचाव पक्ष ने शिकायत में कहा था कि उन्हें इंसाफ नहीं मिला है। बचाव पक्ष ने कहा कि जब तक मकसद साबित नहीं है, तो सिर्फ हालात की बिना पर कैसे तलवार दंपती को गुनाहगार ठहराया जा सकता है।

परिस्थितिजन्य साक्ष्य ही आधार

सीबीआई के वकील आरके सैनी ने कहा कि मामले का मुख्य जोर परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था। उसने हत्या के मामले में तलवार दंपति की संलिप्तता की ओर इशारा किया। कोर्ट ने इन सबूतों को देखा और इन पर सहमति जताई।

जांच पर जताया संदेह

नूपुर की बहन वंदना ने कहा कि यह पूर्वाग्रहपूर्ण है। मन पहले ही बना लिया गया था। अगर केस चलाने का यह तरीका है तो केस चलाने की कोई जरूरत नहीं है। सबूत को कोई नहीं देखना चाहता है।

फैसले का अंदाजा था

हम फैसले से बहुत दुखी हैं, हमें एक ऐसे जुर्म के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जो हमने किया ही नहीं। मगर हम हार नहीं मानेंगे और न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।

(फैसले से पहले ही तलवार दंपति का लिखित प्रतिक्रिया)

हाईकोर्ट जाएंगे

सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद जेल बाहर जाते हुए राजेश और नूपुर तलवार ने कहा कि उन्हें इस फैसले से निराशा हुई है। सजा सुनने के बाद कोर्ट के फैसले के खिलाफ वे हाईकोर्ट में इसे चुनौती देंगे। कोर्ट का फैसला आने के बाद सीबीआई के अधिवक्ता वीके सैनी तथा बीके सिंह ने कहा कि कोर्ट ने एकदम सही आदेश किया है। हत्याकांड में तलवार दंपति का ही हाथ है। सीबीआई ने मामले में तलवार दंपति को ही मुख्य आरोपी बनाया था।

कैसे फंदे में फंसे

घर में चार लोग ही थे

तलवार दंपति के ड्राइवर नौकरानी, गार्ड के मुताबिक उस रात घर में चार लोग ही थे।

घाव का निशान

‘वी’ आकार के घाव का निशान गोल्फ स्टिक का हो सकता है, गायब स्टिक पर जवाब नहीं दे सके तलवार।

सफाई से रेता गला

पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है कि किसी धारदार हथियार से सफाई से गला काटा गया।

 

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