आरूषि का गला काट दिया, ताकि मामला हत्‍या का लगे

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‘रात भर शराब पिया और बेटी का खून साफ करते रहे आरूषि के मां-बाप’

: हेमराज के साथ आपत्तिजनक हालत में देख आपा खो चुका था डॉक्‍टर तलवार : आरूषि की हत्या करना नहीं था तलवार-दम्‍पत्ति का मकसद : हेमराज के चक्कर में हो गयी आरुषि की भी हत्या :

गाजियाबाद : आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड की मिस्ट्री साल्वड करने का दावा किया है सीबीआई ने। सीबीआई की मानें तो इन दोनों की हत्या के बाद तलवार दम्पत्ति ने रात भर आरूषि का खून साफ किया और अपने भय को दूर करने के लिए रात भर यह दोनों लोग शराब पीते रहे। इस मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट में जांच करने वाले सीबीआई के अधिकारियों ने दावा किया है कि तलवार से आरुषि की हत्या दुर्घटनावश हो गई जबकि हेमराज को राजेश तलवार ने गुस्से में मारा था।

कोर्ट को हत्या के मकसद की जानकारी देते सीबीआई ने बताया कि आरुषि और तलवार का घरेलू नौकर हेमराज घर में आपत्तिजनक हालत में पाए गए थे। इसके बाद डॉ. राजेश ने अपनी गोल्फ स्टिक से दोनों को मारा। इससे दोनों की मौत हो गई। मामले की जांच करने वाली सीबीआई टीम के प्रमुख एडीशनल एसपी एजीएल कौल ने विशेष कोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 14 साल की आरुषि की लाश उसके बेडरूम में 15 मई 2008 की रात को मिली थी।

अगले दिन उसी अपार्टमेंट की छत से घरेलू नौकर हेमराज का शव मिला था। एएसपी कौल के मुताबिक हत्या वाली रात डॉ. राजेश को घर के भीतर से आवाजें सुनाई दीं। वे हेमराज के कमरे में गए लेकिन वो वहां नहीं मिला। कमरे में रखी दो गोल्फ स्टिक में से राजेश ने एक उठा ली और आरुषि के कमरे की ओर गए। दरवाजा अंदर से बंद नहीं था और वहां से आवाजें आ रही थीं। राजेश ने धक्का देकर दरवाजा खोला। अंदर आरुषि व हेमराज आपत्तिजनक हालत में थे। यह देखकर राजेश आगबबूला हो गए और गोल्फ स्टिक से उन्होंने हेमराज के सिर पर वार किया। हेमराज के सिर पर दूसरा वार करने के दौरान गोल्फ स्टिक आरुषि के माथे पर लगी।

एएसपी कौल ने बताया कि जो गोल्फ स्टिक सीबीआई ने बरामद की। वह ठीक तरह से जुड़ी हुई नहीं थी। आरुषि के माथे पर चोट का निशान था। यह वी या यू आकार वाली गोल्फ स्टिक की मार की वजह से था। शोर सुनकर नूपुर तलवार की भी नींद खुल गई और वह आरुषि के कमरे में पहुंचीं। दोनों ने हेमराज और आरुषि की नब्ज टटोली। हेमराज मर चुका था और आरुषि भी मरने वाली थी। डर के मारे तलवार दंपति ने लाशों को छुपाने की कोशिश की। तभी उन्होंने नौकर पर ही हत्या का आरोप लगाने की साजिश रची। हेमराज की लाश को चादर में छुपाकर दोनों सीढ़ी से खींचते हुए घर की छत पर ले गए। वहां दोनों ने मिलकर धारदार हथियार से उसका गला काट डाला।

फिर दोनों ने छत पर ताला लगा दिया और दोबारा आरुषि के कमरे में गए और पूरे कमरे को साफ कर दिया। आरुषि का गला भी धारदार हथियार से काट दिया गया। ताकि दोनों की मौत एक जैसी लगे। इसके बाद नुपूर ने आरुषि के प्राइवेट पार्ट को साफ किया और उसे कपड़े पहना दिए। सबूत मिटाने के लिए दोनों पूरी रात खून साफ करते रहे। इसी बीच राजेश तनाव कम करने के लिए बिना पानी मिलाए शराब पीते रहे और सुबह होने पर नौकरानी भारती के आने का इंतजार करते रहे। वे दोनों अंदर और बाहर के सारे दरवाजों को बंद कर चुके थे।

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