आपके घर में बहू-बेटियां नहीं हैं क्या

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

सारी पातक की जड़ है औरत, तलवारें लेकर सब के सिर कलम करो
‘सहमति’ पर रोना रोते महापुरुष-महामहिलाएँ दिमागी दिवालियापन दिखा रहे
होश-बेहोश का सवाल नहीं, बलात्कार सिर्फ बलात्कार होता है

DrKavita Vachaknavee: होश में न होने या नशे की हालत में होने पर लड़की/महिला से बनाए गए सम्बन्ध सारी दुनिया में बलात्कार माने जाते हैं। अभी 2 माह पूर्व ब्रिटेन में विश्व-स्तर के दो फुटबाल खिलाड़ियों को इसी कारण अदालत ने दोषी पा कर दण्ड सुनाया क्योंकि उन्होने अपनी एक मित्र से नशे की हालत में सम्बन्ध बनाए थे।

जो महापुरुष और महामहिलाएँ ‘सहमति’ का रोना रोते हुए अपना-अपना मानसिक दिवालियापन या असलियत उजागर कर रहे हैं, वे अज्ञानी हैं या धूर्त यह वे स्वयं तय कर लें। अज्ञानी से अज्ञानी व्यक्ति जिसका अर्थ समझता है उसका अर्थ तक समझने योग्य नहीं हैं आप !

उस कहावत का नया अर्थ आज समझ पाई हूँ कि आपके घर में बहू बेटियाँ नहीं हैं क्या !

चन्द्र मणि चौहान : व्यभिचार चाहे सहमती से हो या ना हो वह अपराध की श्रेणी में ही आता है : ये तो सरकार ने जो कानून बनाया है की सहमती से एक बालिग स्त्री सम्बन्ध बना सकती है ,,,,, वही सबसे ज्यादा जिम्मेदार है इन जैसे कामुकता के दूतों के इस सहमती नामक प्रपंच की

DrKavita Vachaknavee : अरे भई, सारी पातक की जड़ स्त्री ही है आपका बस चले तो तलवारें लेकर सब के सिर कलम दें। रुके क्यों हैं उठाये तलवारें। आपकी विद्वत्ता और पौरुष तभी सिद्ध होगा ना !

Neeraj Misra : kavita ji behoshi ki halat koi kaise sahmati de sakata hai yah to logo ki mansikata hai jo bematlab ki bat ka batangad bana rahen hain hai

Manees Pandey : खुर्शीद अनवर जी को बचाव तो करना ही था अपना सो पन्ने रंग दिये। सच्चाई झेल न सके तो छलांग लगा दी।

Jaiprakash Jha : ऐसी सहमति कोई स्त्री या तो बिबस होकर देती है या धोखे में । अतः शिकायत को गंभीरता से लेना ही चाहिए।

Anuj Mishra : चाहे कुछ भी हो दोष हमेशा स्त्री को ही क्यों दिया जाता हैं

Meenakshi H. : Verma bcoz men call her weaker sex

Meenakshi H. : Verma suvidha ka mamla hai, jahan dosh dekar kaam chalta hai, chala lete hai. jaha kaam nikalna hota hai to mahila devi bhi ban jati h aur apsra bhi

Neeta Mehrotra : समरथ को नहीं दोस गोसाई ……… मुझे तो यही समझ आता है

DrKavita Vachaknavee :  तुम्हारे इस व्यंग्य को समझने की योग्यता रखते हैं वे ? वंदना शर्मा

Ajit Singh nahi : ……comrade kabhi balaatkaar nahee kar sakta ……. wo to arvind kejriwal se bhi zyada shareef imaandaar hote hain ………..

DrKavita Vachaknavee : : और हाँ, वैसे उन्हें जगा नहीं रही न उन्हें जगाने में रुचि है। वस्तुतः उनके ओढ़े हुए नकाबों को हटाकर उनके पाठकों और मित्रों को उनकी सच्चाई दिखाने की मुहिम में हूँ कि ये देखो कितने पानी में हैं ये लोग ! वंदना शर्मा

Deepak Kumar Misra : क्षमा करें, अपने देश में आधुनिक स्त्रीवाद ने स्त्री को स्वतंत्रता दी तो चरित्रहीन पुरुषों ने इसका लाभ उठाया, दूसरी ओर पुरुष की निकटता से स्त्री के लिए आनंद के क्षणों को खोजना सरल हो गया, अर्थात पतन की सहमति दोनों पक्षों से मिली है, ऐसे में किसी एक को दोष देना उचित नहीं है

Rashmi Mundra Maheshwari : प्रकरण को समझने में कुछ मदद ली जा सकती है वीडियो से…मैंने भी देखा और इसे शेयर करना भी ठीक समझा।

DrKavita Vachaknavee : कल रात ही देख लिया था व कल रात टिप्पणियों आदि में जगह जगह लगाया भी। इसके बाद भी लोगों की नौटंकी चालू है तो कोई क्या कहे !

Rashmi Mundra Maheshwari : वीडियो अभी कुछ देर पहले का ही है..ओम थानवी जी, मधु किश्वर भी हैं चर्चा में..

DrKavita Vachaknavee : यह देखो यह कल रात का वीडियो है -http://khabar.ibnlive.in.com/news/113653/1

खुर्शीद अनवर ने दे दी जान, बरामद नोट से उठे सवाल!

Neeta Mehrotra : लोग बेवजह तमाशबीन बने मनोरंजन में लगे हैं । क्रूर व्यवहार ……

DrKavita Vachaknavee : इसी से नोट मिलने व स्वीकार करने की बात पता चली थी

Rashmi Mundra Maheshwari : आज के वीडियो में लंबी चर्चा शामिल है..

DrKavita Vachaknavee : बिलकुल, अवश्य देखूँगी

Ashish Shandilya : Agyani ko to samjhaya ja sakta hai,lekin dhoort ko nahin….

Sushma Naithani : कुछ दिन सब्र करें जो सच है वो सामने आयेगा ही , फिलहाल सब समझे हुए और समझाने वाले लोग हैं ):

(डॉ कविता वाचकन्वी की फेसबुक वाल से)

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