“पत्रकार-शिरोमणियों” पर “टुच्चे” पत्रकार ने लानत भेज दी

मेरा कोना

कानपुरी न्यूज चैनल के मीडिया-प्रबंधकों के सामने बजीं बेहिसाब तालियां

कुमार सौवीर

लखनऊ : एक नवजात न्यूज चैनल के मीडिया प्रबंधकों को एक अदने-से पत्रकार ने आइना दिखा दिया। पत्रकारिता में टुच्चे माने जाने वाले जिला स्‍तरीय पत्रकारों में से एक इस पत्रकार ने जब अपने संस्थान के आला मठाधीशों को लानत भेजनी शुरू कीं, तो वहां मौजूद दर्जनों पत्रकारों ने जमकर तालियां बजायीं। कहने की जरूरत नहीं कि इसके पहले संस्थान के बड़े पत्रकार बड़ी-बड़ी बातें छौंक रहे थे।

यह वाकया है कानपुर का और यह न्यूज चैनल भी कानपुरिया व्यवसाइयों द्वारा संचालित होता है। नाम है के-न्यूज चैनल ( यूपी-उत्तइराखंड )। यह चैनल अभी चंद महीना पहले ही शुरू हुआ है। दो दिन पहले ही कानपुर के माल रोड स्थित एक तीन स्टार वाले होटल के हाल में इस चैनल ने अपने रिपोर्टरों की मीटिंग आयोजित की थी जिसमें यूपी और उत्तइराखंड के सारे जिलों के स्ट्रिंगर्स-संवाददाता बुलाये गये थे। इस बैठक का मकसद चैनल में प्रसारित होने वाले खबरों की समीक्षा, खबरों की कसावट और खासकर आसन्न लोकसभा चुनाव के चलते चैनल की तैयारियों करना आदि के अलावा संस्थांन की आर्थिक मजबूती के लिए व्यवसाय प्रबंध करने की तैयारियां बनाना था। इस बैठक में दाहिने से बायें की ओर मंच पर चैनल के मेन एंकर विकास शर्मा, इनपुट हेड दुर्गेश चौहान, समूह सम्पादक हनुमंथ राव, राजनीतिक सम्पादक नवलकान्त सिन्हा और आउटपुट हेड श्रीपत त्रिवेदी मौजूद थे।

बैठक शुरू हुई और प्रबंधकों ने सभी स्ट्रिंगर्स से अपनी रणनीति के बाबत राय पूछनी शुरू कर दी। बताते हैं कि इसी बीच देहरादून के रिपोर्टर विजय तिवारी ने एक ऐसी सलाह दे दी कि वहां मौजूद लोग सन्न रह गये। विजय तिवारी का कहनां था कि:- हम लोगों को मंत्री, नेताओं और अफसरों की बाइट्स लेते रहना चाहिये। भले ही हमारे पास इसकी कोई बाइट लेने की कोई मजबूत वजह कोई हो अथवा नहीं। अफसर, मंत्री, नेता से लगातार बाइट लेने और उसे प्रसारित करने से हमारे सम्बन्ध मजबूत होते रहेंगे जिससे हमें नियमित रूप से बिजनेस मिलता रहेगा।

बताते हैं कि विजय तिवारी के इस वक्तव्य से पूरा बैठक-स्थल सन्नाटे में आ गया। कि अचानक मुजफ्फरनगर के स्ट्रिंगर आशीष यादव ने बैठक का सन्नापटा तोड़ दिया। आशीष खड़े हुए और बोले:- लानत है ऐसी पत्रकारिता पर जो हमें मंत्री, नेता और अफसरों का तलवा चाटने पर मजबूर करे। अरे मजा तो तब है जब हम ऐसी खबरों पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करें जो हमारे संस्थान की खबरों को समाज में प्रतिष्ठा दिलवा सके। और ऐसी ही खबरें ही नाम के साथ ही साथ बेहतर बिजनेस भी दिलवा सकेंगी।

कहने की जरूरत नहीं कि आशीष यादव के इस तेवर को देख-सुन कर बैठक में तालियां गड़गड़ाने लगीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *