उत्‍सव तो समझ में आया। लेकिन गुडि़या क्‍यों पीटीं ?

: गुडि़या घर की वही महिलाएं बनाती हैं, जो पुण्‍य-प्रसाद के तौर पर पति-देव द्वारा पीटी जाती हैं : बच्चियां तो गुडि़यों की खाल खिंचवाने के लिए लड़कों से गुजारिश और पिटती गुडि़यों को देख-देख कर किलकारियां मारती हैं : हिंसा शस्‍त्र स्‍वादिष्‍ट चिरौंजी, लेकिन उससे हिंसा, बाप रे बाप : कुमार सौवीर लखनऊ : […]

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गुडि़या की पिटाई और घर में पीटी जाने वाली महिला की हैसियत

: नाग-पंचमी और स्‍त्री-विमुक्तिकरण : महा शिव-पर्व के अवसर पर भयावह परम्‍परा : यौन-उत्‍पीड़न और सम्‍पत्ति हड़पने की साजिशें, श्‍वसुर-देवर लूटते हैं धन और देह भी : कुमार सौवीर लखनऊ : नाग-पंचमी एक ऐसा सामाजिक-सह-आध्यात्मिक अवसर है जो मनुष्य में अन्य प्राणियों के साथ सह-अस्तित्व की भावनाएं प्रवाहित करता है। इसमें करुणा, दया, संवेदना, भावुकता, […]

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शेषनाग-स्‍वामी महादेव के गले में लिपट कर शर्माता हुआ नाग देखिये, नागपंचमी मुबारक हो

: शिव की प्रतिमा पर खूब फुंफकारता है नाग, लेकिन जीवन्‍त शिव से शरमा गया : बहुत टहोका, लेकिन टस से मस नहीं हुआ वह नाग : बोला कि, “मालिक, आप ही तो मालिक हो, मैं तो आपका सेवक हूं” : बोला:- “हुकुम कीजिए भगवन! किसे डंसना है?” मैंने जवाब दिया:- “मूर्ख। तू अब विश्राम […]

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नागपंचमी में गुडि़या पीटने की परम्‍परा में बलात्‍कार विमर्श

: क्‍यों पीटी जाती हैं गुडि़यां, क्‍या यह कन्‍या प्रताड़ना पर बहस का मसला नहीं है : हर चौराहे पर पीटी जाती है गुडि़या, कोड़ों और डंडों से भी, पूरे उल्‍लास के साथ : तक्षक ने औरतों के पेट में न पचने वाली बातों पर कुपित होकर औरतों को सरेआम पिटवा दिया : डॉ कान्ति […]

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पुत्रों को दुग्ध-पान, बेटियों की सरेआम पिटाई

स्त्रीसशक्तीकरण की दिशा में कलंक है गुडि़या पीटने की परंपरा : नागपंचमी के दिन अजब-गजब रिवाज, गुडि़या पीटने का औचित्य : मनाते हैं सब लोग, लेकिन कारण किसी को नहीं पता : कोई लौकिक परम्परा बताता है तो कोई लोकाचार : कुमार सौवीर नागपंचमी के दिन एक ओर तो बेटों को दूध पिलाने की परम्परा […]

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