आदिवासी युवतियों के वर्जिनिटी टेस्ट की घटना शर्मनाक: कांग्रेस
: अजब-गजब बात यह कि बिना किसी आदेश के कैसे हो गयी यह जांचें : शर्मनाक है शिवराज सरकार की करतूत : एमपी में शादी से पहले वरजिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट : सामूहिक विवाहों में बरस रहे हैं सवालों के अंगारे :
बैतूल : मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सामूहिक विवाह के दौरान 350 महिलाओं ने वरजिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में सामूहिक विवाह का आयोजन राज्य सरकार करती है। आदिवासी बहुल जिला बैतूल के हरदा गांव में शुक्रवार को सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। इसी दौरान लड़कियों की शादी से पहले वरजिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का मामला सामने आया है। इस खबर ने पूरे प्रदेश में भूचाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इस मामले पर सरकार को घेरे में लिया है, उधर प्रदेश सरकार ने बैतूल की एसडीएम सुश्री नेहा को इस मामले की जांच का आदेश दे दिया है।
भोपाल से मिली खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बैतूल में आदिवासी युवतियों के वर्जिनिटी टेस्ट की घटना को शिवराज सरकार के लिये शर्मनाक और कलंकित करने वाली बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग की है। श्री सिंह ने आज यहां जारी एक बयान में कहा बैतूल में सामूहिक विवाह समारोह के दौरान आदिवासी युवतियों का विवाह स्थल पर ही वर्जिनिटी टेस्ट न केवल आदिवासी संस्कृति बल्कि प्रदेश की सभी महिलाओं का घोर अपमान है और इसके लिये शिवराज सरकार को माफ नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वास्तव में भाजपा सरकार कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील नहीं है और न ही उनके प्रति ईमानदार है, जिसके चलते इस तरह की घटनायें हो रहीं हैं। सिंह ने सीएम से इस घटना के लिये पूरे आदिवासी समाज से माफी मांगने को कहा है।
जिला प्रशासन ने इस मामले की मैजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। इनमें 90 आदिवासी महिलाएं भी हैं। बैतूल जिला कलेक्टर राजेश प्रसाद मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हरदा गांव में आयोजित सामूहिक विवाह में प्रेग्नेंसी और वरजिनिटी टेस्ट के आरोपों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। राजेश प्रसाद मिश्र ने कहा कि अस्सिटेंट कलेक्टर नेहा जांच करेंगी और महज 7 दिनों में जांच रिपोर्ट देंगी। सूत्रों का कहना है कि वरजिनिटी और प्रेग्नेंसी टेस्ट सरकारी अधिकारियों के आदेश पर किए गए हैं।
इस बीच मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिन सरकारी अधिकारियों ने गुनाह किया है उनसे सख्ती से निपटा जाए। समाजवादी जन परिषद के नेता अनुराग मोदी ने कहा कि जिला कलेक्टर जांच आदेश देकर इस मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं। प्रेग्नेंसी और वरजिनिटी टेस्ट कोई आम टेस्ट नहीं है। ऐसे मामलों में पहले अनुमति लेनी पड़ती है। आखिर बिना आदेश के इस तरह के टेस्ट हुए कैसे।