: पांचवीं मंजिल से गिरने के बावजूद सारी हड्डियां सलामत रहीं नीरज की : न चमड़ी फटी और न ही निकल पाया खून का एक भी कतरा : भडाना की आत्महत्या के किसी भी सिरे को नहीं खोल पायी है अब तक पुलिस : खासी हैसियतदार लोगों की इज्जत दांव पर है, इसीलिए खामोशी पसरी हुई है :
महिपाल सिंह
मुरादाबाद : तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी। फिलहाल तो यह इस विश्वविद्यालय में पढ़ाई से जयादा अफवाह और चर्चित किस्से ही सुने-सुनाये जा रहे हैं। वजह है अब तक हुई तीन युवतियों की मौत। हाल ही में मेडिकल की एक स्टूडेंट की बेहद रहस्यमयी हालत में मौत ने इस यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। अब तक खुद को सर्वोत्तम विश्वविद्यालय कहलाने वाले इस यूनिवर्सिटी के बारे में जो भी किस्से सतह पर आ रहे हैं, वे किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं। इतना ही नहीं, अब तो इसके प्रबंधन पर भी आदमकद सवाल उठने शुरू हो गये हैं।
ताजा मामला है नीरज भड़ाना का, जिसने हाल ही यहां के पांच मंजिली हॉस्टल से आत्महत्या कर ली थी। प्रशासन का दावा है कि लड़की ने पांचवीं मंजिल से छलांग लगा कर जान दी है लेकिन मौके पर ऐसा कोई भी सुराग नहीं मिलता जबकि उसे नीचे गिरता देखनेवाली एक चश्मदीद भी यूनिवर्सिटी में ही मौजूद है और जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आती है, पूरी कहानी पलट जाती है.
दिल्ली के नजदीक फरीदाबाद का भड़ाना परिवार इस वक्त गहरे सदमे में है. वजह है घर की छोटी बेटी नीरज की मौत का, लेकिन इस गम के माहौल में भी एक बात ऐसी है, जिसने इस परिवार को बुरी तरह उलझा दिया है और वो बात है उनकी बेटी की मौत का अजीबोगरीब तरीका.
दरअसल, नीरज की मौत उसके घर में नहीं बल्कि फरीदाबाद से 186 किलोमीटर दूर यूपी के शहर मुरादाबाद में हुई है. नीरज, पीतल नगरी के नाम से मशहूर इसी शहर में तीर्थंकर महावीर यूनिर्विसिटी में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थी लेकिन इसी यूनिवर्सिटी कैंपस में जिस हाल में नीरज की जान गई, उस पर उसके घरवाले तो क्या किसी के लिए भी यकीन करना मुश्किल होता.
नीरज की रूम मेट वर्षा का कहना है कि उसकी सहेली की मौत अपने हॉस्टल के पांचवीं मंजिल से नीचे गिरने की वजह से हुई। लेकिन हैरत की बात है कि वर्षा ने खुद अपनी आंखों से नीरज को ना सिर्फ नीचे गिरते हुए देखा, बल्कि उसे बचाने की भी कोशिश की। लेकिन नीरज का हाथ छूट गया और वो नीचे जा गिरी।
खुद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी इस सिलसिले में पुलिस में जो पहली शिकायत दी उसमें उन्होंने नीरज की मौत की वजह उसके पांचवीं मंजिल से गिरने को ही बताया था. बल्कि यूनिवर्सिटी का तो यहां तक कहना था कि उसने अपने ही कमरे की बॉलकनी से कूद कर खुदकुशी कर ली है.
मगर, सबसे चौंकानेवाली बात ये है कि इतनी ऊंचाई से गिरने के बावजूद ना तो नीरज के जिस्म की कोई हड्डी टूटी और ना ही मौका-ए-वारदात पर खून का एक भी कतरा पड़ा हुआ मिला, लेकिन सोचने वाली बात है कि क्या ऐसा भी कभी मुमकिन है कि कोई इतनी ऊंचाई से नीचे आ गिरे और उसके जिस्म की सारी की सारी हड्डियां बिल्कुल सलामत रहे. ये बात जितनी अजीब है, जमीन पर इतनी जोर से गिरने के बावजूद जिस्म से एक भी बूंद खून का ना निकलना भी उतना ही अजीब और जाहिर है, इन्हीं सवालों में नीरज की मौत की पहेली छिपी है. तो क्या नीरज ने वाकई पांचवीं मंज़िल से छलांग कर जान दी है या फिर उसकी मौत का राज कुछ और है.
यूनिवर्सिटी में हुई इस रहस्यमयी मौत का मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आने पर जैसे और भी उलझ जाता है क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट वो कहानी बयान नहीं करती, जो उसकी रूम मेट और यूनिवर्सिटी प्रशासन सुना रही है. अब सवाल ये है कि आख़िर लड़की को हुआ क्या है और इस पूरे वाकये का सच क्या है. ( क्रमश: )