थायरोकेयर: बाप रे बाप, यहां तो खून से लेकर इज्‍जत तक निकाली जाती है

सैड सांग

: केवल लूट का काला धंधा खोल रखा है खून की जांच के पाखण्‍ड में जुटे थायरोकेयर ने : खुद को श्रेष्‍ठ रक्‍त-परीक्षण केंद्र के तौर पर विख्‍यात कराने वाले थायरोकेयर में पधारिये न, आप की शामत न आ जाए तो कहियेगा : अच्‍छे-खासे मरीज को श्‍मशान तक पहुंचाने का ठेका लिये है थायरोकेयर :

कुमार सौवीर

लखनऊ : खून की जांच के नाम पर मरीज का खून और किस्‍मत तक चाट लिया थायरोकेयर ने। वसूला साढे़ सोलह सौ रूपया नकद। रसीद एक धेला तक की नहीं थमायी, मगर किसी मरीज की इस्‍तेमाल-शुदा सुई सीधे अगले मरीज की नस में घुसेड़ दिया। खून की जांच की रिपोर्ट तक नहीं दी, लेकिन रिपोर्ट पूछने पर गालियां पचासों गिन कर रसीद दिया। धमकी भी दी कि जीवन खराब कर देंगे। मानसिक रूप से बीमार मरीज अब मनोचिकित्‍सकों की ड्योढ़ी नाप रहा है।

आपको शायद यकीन भी नहीं हो पायेगा कि किसी रक्‍त-जांच केंद्र में पहुंचना का मतलब मरीज को मरघट तक पहुंचाने की तैयारी से कम नहीं होता। खास तौर पर तब जब किसी मरीज को गम्‍भीर मानसिक बीमारी हो। ऐसी हालत में तो थायरोकेयर की साख तो केवल मरीज की शामत तक आ जाने के बराबर ही माना जाता है, जहां कोई मरीज अगर मौत तक दाखिल न भी हो तो भी उसकी हालत मरणासन्‍न जैसी तो हो ही जाएगी।

जी हां, यह कमाल कर रहा है थायरोकेयर। खुद को भारत का सबसे बड़ा ब्‍लड डायनोस्टिक्‍स सेंटर के तौर पर विख्‍यात कर रखा है इस सेंटर ने। थायरोकेयर का दावा है कि पूरे देश में उसके सैकड़ों-हजारों सेंटर चल रहे हैं, जहां दुनिया की श्रेष्‍ठतम रक्‍त-जांच का काम अत्‍याधुनिक मशीनों और कुशल चिकित्‍सकों की निगरानी में चल रहा है। लेकिन थायरोकेयर ने इस अपने इस पुनीत दायित्‍व को किसी सडकछाप कुख्‍यात धंधे के तौर पर तब्‍दील कर रखा है। प्रोफेशनलिज्‍म के धोखे में इस सेंटर के तौर पर अब मरीजों के मानसिक उत्‍पीड़न का धंधा शुरू हो चुका है। थायरोकेयर वाले फ्रेंचाइजी के नाम किसी भी ऐरे-गैरे, नत्‍थू-खैरे को खून निकालने और न जाने कहां-कहां उसकी जांच कराने का वायदा करते हैं। बिना यह देखे-समझे कि यह सेंटर वाकई अप-टू-द-मार्क है या नहीं। कई जगहों पर तो किसी सड़क के किनारे किसी गुमटी जैसी हालत तक बन रह जाती है।

यहां अपने खून की जांच के लिए लिये जाने वाले इस सेंटर में झाड़ू लगाने, ब्‍लड-सेम्‍पल्‍स को निकालने और मरीजों से गाली-गलौज तक करने का काम केवल एक ही कर्मचारी से किया जाता है। बात-बात पर अभद्रता-बदतमीजी। मरीजों को उसकी शिकायत करने पर उसे धमकाना का धंधा भी इस सेंटर की खासियत है।

खून की जांच के नाम पर चल रहे घिनौने धंधे ने न जाने कितने मरीजों को मौत के घाट उतार दिया होगा, कोई हिसाब तक नहीं है। लेकिन कभी-कभी ऐसी घटनाएं हो ही जाती हैं, जिनसे ऐसे गंदे धंधों का खुलासा हो जाता है। थायरोकेयर खुद को दुनिया की सबसे बड़ी रक्‍त-जांच डायनोस्टिक टायकून घोषित करती है, जिसने देश के करीब हर गली-मोहल्‍ले-शहर में गिरोहबंदी की शैली में अपना गंदा धंधा का जाल फैला दिया है। मेरी बिटिया डॉट कॉम ऐसी साजिशों-खेलों का खुलासा करने जा रही है। यह लेख-श्रंखला है। इसकी अगली कडि़यों को देखने-समझने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- थायरोकेयर, यानी खून का कातिल धंधा

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