: कुशीनगर में प्रेम करने वाली युवती को अपने बिस्तर पर खींचना चाहते थे पुलिसवाले, इनकार की सजा दी बेल्ट से पीट कर : आठ दिनों तक कोतवाली में हवालात की हवा खिलायी, पड़ोस में ही है महिला थाना : व्यथा दर्ज करना तो दूर, मेडिकल कराने से इनकार किया पुलिस ने :
दोलत्ती डॉट कॉम संवाददाता
पडरौना : एक युवती ने अपने प्रेमी से विवाह कर लिया। लड़की के घरवालों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी कि लड़की नाबालिग है। पुलिस ने युवती की ससुराल जाकर उसे दबोचा और फिर उसे थाने के हवालात में बंद कर दिया। आठ दिनों तक यह युवती पडरौना नगर कोतवाली में बंद रही, जबकि पड़ोस में ही महिला थाना मौजूद है। मेडिकल रिपोर्ट में जब पता चल गया कि लड़की बालिग है, तो अदालत ने उसे रिहा करने का आदेश दिया। लेकिन पुलिस वालों ने उसे रिहा करने के बजाय एक अन्य पुलिसवाले के हवाले कर उसकी इज्जत का सौदा कर लिया। जब युवती ने इस पर ऐतराज किया तो उसे बुरी तरह बेल्ट से पीटा गया। इतना ही नहीं, इसकी शिकायत जब पुलिस को दी गयी, तो अपर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को दर्ज करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, इस अफसर ने उस युवती का मेडिकल कराने से भी इनकार कर दिया।
यह हालत है बिहार के सीमान्त जिला कुशीनगर का, जो बुद्ध का प्रशांत क्षेत्र माना जाता है। यूपी के एक दिग्गज मंत्री सूर्यप्रसाद शाही इसी जिले के हैं, और आसपास भाजपा की रेलमपेल रहती है, जिसमें मंडराते रहते हैं कलराज मिश्र, जो आज कल अपनी रिटायमेंट के बावजूद अपने वजूद के लिए जहां-तहां कूदते-प्रयास करते रहते हैं। कोशिश करते हैं कि उनका जनाधार मजबूत हो जाए और इस तरह वे भी मुख्यधारा में जुटे रहे, लेकिन इस ताजा घटना और उस पर प्रशासन, पुलिस और जनप्रतिनिधियों की खामोशी भाजपा की कोशिशों पर कींचड़ फेंकते दिख रही है।
कोठादरबार की रहने वाली है गुडि़या। आधार कार्ड में उसकी उम्र 21 बरस है। इसी बीच रामलीला मैदान के पास रहने वाले अरूण नामक एक युवक से उसका प्रेम हुआ। नतीजा, 22 जून-18 को इन दोनों ने इकतारी काली माई मंदिर में विवाह कर लिया। दोनों ही लोग कुर्मी हैं। लड़की के भाई ने पुलिस ने अरूण पर आरोप लगाया कि उसकी नाबालिग बहन को फुसला ले गया है। पुलिस ने अरूण के घर दबिश दी, तो अरूण भाग निकला। मगर गुडि़या को पुलिसवालों ने दबोच लिया। उसकी सास, व अन्य ससुराली जनों को पुलिसवालों ने पीटा, गालियां दीं और गुडि़या को लेकर कोतवाली ले गये।
हैरत की बात है कि पुलिस ने इसमें अराजकता की सारी सीमा तोड़ डाली। गुडि़या का आरोप है कि इस दबिश के दौरान पहुंचे पुलिस-दल में एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी। पुलिसवालों ने गुडिया को भी कई थप्पड़ मारे।
कुशीनगर में महिला थाना और नगर कोतवाली आसपास ही है। लेकिन गुडि़या के अनुसार उसे महिला थाने के बजाय कोतवाली ही ले जाया गया और उसे हवालात में बंद कर दिया गया। आठ दिनों तक वह हवालात में ही बंद रही। इस पूरे दौरान सजनू यादव दारोगा और अनीता व शांति मौर्या नामक महिला सिपाही की ड्यूटी लगी रही। इसी बीच उसका मेडिकल कराया गया जिसमें डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह बालिग साबित किया। बाद में अदालत ने इसी रिपोर्ट पर गुडि़या को बरी करने का आदेश दिया।
मगर गुडिया का आरोप है कि उसे रिहा करने के बाद शांति मौर्या अपने साथ एक मकान में ले गयी, जहां एक पुरूष सिपाही भी मौजूद था। शांति ने उस सिपाही के हवाले कर दिया गुडिया को, जो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहता था। गुडि़या ने इससे इनकार किया तो उसे पट्टा वाली बेंत तथा बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया। गुडि़या का आरोप है कि शांति और उस सिपाही चिल्ला रहे थे कि जो भी थाने में महिला आती है, उसे इसका टैक्स इसी तरह अदा करना होता है।
इस मामले पर कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक से काफी प्रयासों के बावजूद सम्पर्क नहीं हो पाया है।