हे राम ! यह चीत्कार नहीं, चेतावनी थी

: हमारे पास 80 बरस का निष्पाप कर्मयोगी गांधी भी है, और उसे मार डालने पर आमादा 40 बरस का एक विक्षिप्त गोडसे भी है : पड़ोसी से भी नफरत तो बच्चे अब होमवर्क की तरह सीखते-करते हैं : कुमार सौवीर लखनऊ : नफरत का उत्पादन हमेशा विनाश ही लाता है।अशोक हों, खिलजी हों, जिन्ना […]

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असली श्रमिक दिवस तो मनाया लेबर कमिश्‍नर ने, दारू में कर्रा हंगामा

: बहराइच में दारू में बेहाल लेबर कमिश्नर का कर्रा अंट-शंट। जमकर हंगामा : जैसे प्रेमचंद के हल्कू की तैयार खेत में कोई मतवाली मोटी-ताजी भैंस प्रविष्‍ट : कार सड़क के किनारे लगा दो बड़ा पेग सोडा के साथ हींचा और भुने काजू को कूंचते-कूंचते, चुभलाते और पगुराया : जाना था ईरान, पहुंच गयीं तूरान, […]

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लसोढ़ा के बिना भी कोई जिन्‍दगी है ?

: परमानेंट तो हमारी-आपकी सांसें भी नहीं हैं हुजूरेआली : पीढि़यों तक संस्‍कार के लिए जीवन में लसोढ़ा-पन खोजिए : प्रेमचंद की बूढ़ी काकी या फिर मंत्र के उस ओझा की तरह डॉ चड्ढा का मासूम बच्‍चा बचाने वाला लसोढ़ा कहीं और न मिलेगा : अशक्‍त, असहाय, मजलूम, महकूम लोगों को जिन्‍दगी से कोई खास […]

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बूढ़ी काकी (प्रेमचंद) – बूढ़े काका(अडवाणी)

( यूपी पूर्वांचल के मूल निवासी और फिलहाल लंदन में रह रहे दिनेश त्रिपाठी फेसबुक पर भी खासे लोकप्रिय हैं। आज उन्होंने प्रेमचंद और आडवाणी के कृतित्व पर खासी दिलचस्प टिप्पणी की है। आइये आप भी निहारिये: संपादक ) दिनेश त्रिपाठी जमाने ने मारे ,जवां कैसे कैसे… बूढ़ी काकी (प्रेमचंद) – बूढ़े काका(अडवाणी) बुढ़ापा बहुधा […]

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