पीसीपीएनडीटी के संयोजक डॉ. जिग्नेश ठक्कर का बयान बेहूदा
: शाहरुख-गौरी का अपराध: कानूनी और नैतिक भी : रेडियोलॉजिस्ट ऐसोसियेशन की पहलकदमी को चूर-चूर कर रहे हैं डॉक्टर ठक्कर : विदेश में जांच करने के बाद भारत में ढिंढोरा मचाना भी तो है समान अपराध :
मुम्बई : गौरी खान के गर्भस्थ भ्रूण को लेकर तूफान लगातार भड़कता जा रहा है। अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर शाहरूख और गौरी खान ने किस आधार पर अपनी होने वाली संतान का लिंग-निर्धारण कर दिया कि वह बेबी-ब्वाय ही होगा। जाहिर है कि शाहरूख ने गौरी के गर्भ का लिंग-परीक्षण कराया और उसके बाद जांच नतीजे को सरेआम प्रचारित करा दिया। उधर पीसीपीएनडीटी के संयोजक डॉ. जिग्नेश ठक्कर ने इस बारे में बयान दे दिया है कि अगर इन लोगों ने भारत में यह जांच करायी है तो वह अपराध के हिस्सेदार हैं, लेकिन अगर यह जांच विदेश में करायी गयी थी तो उनका कोई अपराध नहीं होगा। अब सवाल तो यह है कि विदेश में जांच कराना तक को ठीक करार दिया जा सकता है, लेकिन ऐसी जांच की रिपोर्ट को भारत में प्रचारित करना भी तो इस कानून और भारतीय मन-स्थिति की मूल भावना के खिलाफ है।
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