आरआर-21 और के-67 जानते हैं? फिर होली का क्‍या मतलब

: कहां हैं राजा राममोहन राय और लार्ड विलियम बेंटिक, दो सौ साल तक हर बार फूंकी जा रही है होलिका : वे क्‍या जानेंगे जिन्‍होंने बंगाल का भयावह दुर्भिक्षु देखा-सुना : शहरों का पेट भर गया, तो कृषि गायब और कपोल-कल्‍पनाएं जुड़ने लगीं : अब किसान नहीं, बेईमान लोग इनकम-टैक्‍स बचाने के लिए किसान […]

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गुस्साई माँ के श्राप से घूसखोर क्लर्क की मौत

: मदर्स-डे स्पेशल : हम किस प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। घूस लेने-देने वाले या उसके सख्त विरोधी ? : “दुर्बल को ना सताइये, वां की मोटी हाय। बिना साँस की चाम से, लोह भसम होई जाय।” : कुमार सौवीर लखनऊ : श्राप का महत्व तो हमने सदियों से पढ़ा और सुना है। श्राप यानी आर्त […]

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कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिरि सुमिरि नर उतरहिं पारा

: नाम और जाति अब कोडवर्ड नहीं, सुविधाजनक माहौल बनाने का जुगाड़ बन गया : भिकारी लाल अभिशाप लगा, तो नाम भगवान सिंह रख लिया : बसपा, सपा और अब भाजपा में भी नामकरण राजनीतिक बन गया : ” कहत कबीर सुनो भाई साधो ” : हरिकान्‍त त्रिपाठी लखनऊ : जिलों के नाम परिवर्तन पर मेरे […]

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कबीर की मां के संताप को महसूसिए और खुद पर शर्म कीजिए

अभद्र-अश्लील शब्दों पर टिकी बनारसी लोक-संस्कृति जिम्मेदार कबीर को महान मानने से पहले उस मां की पीड़ा को जानिये कुमार सौवीर लखनऊ : बचपन से ही पढ़ता रहा हूं कि हमारे देश के महान सुधारवादी संत-कवि कबीर का जन्म एक विधवा ब्राह्मणी की कोख से हुआ, नीरू नामक एक नि:संतान जुलाहा-दम्‍पति ने इस बच्चे को […]

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