लसोढ़ा के बिना भी कोई जिन्दगी है ?
: परमानेंट तो हमारी-आपकी सांसें भी नहीं हैं हुजूरेआली : पीढि़यों तक संस्कार के लिए जीवन में लसोढ़ा-पन खोजिए : प्रेमचंद की बूढ़ी काकी या फिर मंत्र के उस ओझा की तरह डॉ चड्ढा का मासूम बच्चा बचाने वाला लसोढ़ा कहीं और न मिलेगा : अशक्त, असहाय, मजलूम, महकूम लोगों को जिन्दगी से कोई खास […]
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