भाड़ में जाओ, मुझे नहीं बनना है रानी

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

स्वाजीलैंड में नंगी औरतों की डांस-परेड आयोजित करता है राजा

: नगोबेनी के इनकार के समर्थन में दुनिया भर में उठनी लगीं आवाजें : दोस्ती  के नाम पर स्वाजी राजा के गलबहियां कर रही है ब्रिटिश सरकार : बिरतानी हुकूमत का अमानवीय व्यवहार बेपर्दा :

कुमार सौवीर

(गतांक से आगे, अंक-1) यह 60-70 के दशक वाली हिन्दी फिल्मों का सा प्लॉट लगता है। जिसमें एक निरंकुश शासक अपनी मादा रियाया को नंगा नचाने के लिए बाकायदा एक राष्ट्रीय पारम्परिक उत्सव आयोजित करता है। इसी राष्ट्रीय उत्सव में एक नायाब युवती को पसंद कर उससे विवाह रच लेता है और इसी रंगारंग उत्स‍व में चुनी गयी युवती को राजा के हरम में दाखिल कर दिया जाता है। जहां ऐश्वर्य और विलास तो भरपूर हैं, लेकिन भावनाएं हमेशा-हमेशा के लिए कुचल डाली जाती हैं। क्रूर राजा के विशाल हरम में भर्ती ढेरों रानियों में संख्या लगातार बढ़ती ही जाती रहती है। लेकिन आखिरकार एक इस नंगई के खिलाफ रियाया की ही एक सदस्य युवती बगावत कर देती है। इधर युवती की इनकार की हुंकार होती है, वहीं दूसरी ओर राजा की सेनाएं उससे कुचल डालने के लिए कूच कर देती हैं।

—- बस बस। हमें इस कहानी में थोड़ा-बहुत फेरबदल करना ही पड़ेगा। कारण यह कि यह फिल्म नहीं, बल्कि जीती-जागती जिन्ददगी का मंचन है। और जाहिर है कि कहानी अपने हश्र तक नहीं पहुंच पायेगी, कहानी का आंकलन मुमकिन नहीं है। कारण यह है कि यह मामला अब सोश्यो-पॉलिटिकल मोड़ पर पहुंच चुका है। जी हां, क्रूर राजा की होनी वाली मंगेतर ने दुनिया की सबसे बड़ी महारानी के यहां शरण लेने का फैसला किया है, जो खारिज हो चुका है। राजा के सैनिक इस मंगेतर को दबोचने के लिए कूच कर गये हैं, लेकिन अब दुनिया भर में इस युवती के समर्थकों ने भीड़ जुटानी शुरू कर दी है।

जी हां, यह स्वाजजीलैंड का ताजा किस्सा है। यहां के राजा मिस्वाती-तृतीय की 22 वर्षीय मंगेतर टिंट्स्वालो नगोबेनी ने राजा के विवाह आमंत्रण को खारिज कर दिया है और अब वह सीधे लंदन भाग चुकी है। नगोबेनी ने ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया है कि उसे ब्रिटेन में राजनीतिक शरण दे दी जाए। लेकिन फिलहाल ऐसा हो नहीं पा रहा है। पूरी दुनिया में मानवाधिकारों का ढिंढोरा मचाये ब्रिटिश सरकार फिलहाल तो स्वाजीलैंड के साथ अपने पुराने रिश्तोंर के चलते घुटनों के बल झुक गयी है। खबर है कि ब्रिटिश सरकार ने नगोबेनी को आब्रजन की पूछताछ सेल में बंद कर दिया है। लेकिन चूंकि इस मामले पर जब ब्रिटेन और पूरी दुनिया में मानवाधिकारों ने जोरदार हंगामा किया तो नगोबेनी को रिहा कर दिया गया था।

लेकिन रिहा होते ही नगोबेनी ने आक्रामक रवैया अख्तियार कर लिया तो स्वाजी-नरेश के रूख को भांपते हुए ब्रिटिश पुलिस ने नगोबेनी को फिर पकड़ लिया है। जबकि सूत्र बताते हैं कि यह पूछताछ केवल नाटक के तौर पर ही है। क्योंकि ब्रिटिश सरकार अब स्वाजी-सरकार के दूतों की प्रतीक्षा कर रही है, जो स्वानजी से लंदन के रास्ते में ही हैं। ब्रिटिश सरकार चाहती है कि स्वाजी-सरकार के दूत लंदन पहुंचते ही नगोबेनी को उनके हवाले कर दें। कारण यह कि ब्रिटिश सरकार नगोबेनी के प्रकरण पर अपने करीबी रिश्तों के हाथ नहीं जलाने को तैयार है। अब यह दीगर माहौल है कि लंदन समेत पूरी दुनिया में नगोबेनी के समर्थन में जबर्दस्त दबाव बनता जा रहा है। (जारी)

स्वाजीलैंड के ताजा उथल-पुथल को पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें:कमर तक नंगी नाचती युवतियों का राष्ट्रीय समारोह

( कुमार सौवीर की यह रिपोर्ट लखनऊ और इलाहाबाद से प्रकाशित दैनिक समाचारपत्र डेली न्यूज एक्टिविस्ट में प्रकाशित हो चुकी है )

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