अबे यह ठगी-गिरी कहां सीखी तूने ? एसपी को चूना लगा दिया स्पूफिंग में

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: भाजपा नेता का पोता तो बहुत बड़ा दर निकला, पुलिस कप्‍तान के मोबाइल से मांगी भारी रकम : बड़े अफसरों तक के कराता था तबादले, मांगी थी दस करोड़ की मांग : : यूके, चीन, अमेरिका, हांगकांग समेत दस देशों से स्पूफिंग गेटवे से फोन किया :

मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता

जयपुर : चालें सीखने की अदा तो उसे परिवारिक माहौल में विरासत के तौर पर मिल गयी थी, लेकिन तकनॉलाजी के चलते उस ज्ञान को ठगी व वसूली में तब्‍दील करने का षडयंत्र उस ने खुद खोजा। दूसरे के फोन से अपनी कॉल करने वाली स्‍पूफिंग टेक्‍नीक के चलते उसने बड़े-बड़ों को लम्‍बा चूना लगाया, यहां तक कि कई वरिष्‍ठ पुलिस अफसरों से भी खूब रकम उगाही। लेकिन ऊंचे दांव लगाने का हौसला दिखाने के चक्‍कर में वह मुंह के बल धड़ाम से जा गिरा है। फिलहाल उसका ताजा पता है जेल।

खबर है कि  भाजपा के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर के पोते साहिल को एसीबी ने स्पूफिंग मामले में जालुपुरा स्थित एमएलए आवास से गिरफ्तार किया है। साहिल ने एसीबी के एसपी शंकर दत्त शर्मा के मोबाइल से स्पूफिंग कॉल कर एसपीएमएल कंपनी के अधिकारियों से १० करोड़ रुपए मांगे। उसने जलदाय विभाग के इंजीनियर सीएल जाटव से १० लाख मांगे जिसमें १.५ लाख ले भी लिए। सहिल ने फोन पर कंपनी के पदाधिकारियों और जलदाया विभाग के इंजीनियरों को धमकी दी कि अगर वे पैसे नहीं देंगे तो केस से नाम नहीं हटेगा। सीएल जाटव ने एसीबी एसपी शंकर दत्त शर्मा से संपर्क किया। तब मामले का खुलासा हुआ।

एसीबी की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने कई सरकारी विभागों के अफसरों को जनवरी २०१७ से अब तक इस सॉफ्टवेयर के जरिए एसीबी के लैंडलाइन नंबर व अफसरों के नंबर से फोन किया। साहिल ने बताया कि उसने एसपीएमएल कंपनी और जलदाय पीएचईडी अभियंताओं के घोटालों के बारे समाचार पढ़ा था। इसी से उसके दिमाग में यह आइडिया आया। साहिल ने जब भी किसी इंजीनियर को फोन किया तो मोबाइल पर एसीबी अधिकारी का फोन नंबर आया। इससे इंजीनियर भी डर गए और कई ने तो लाखों उसको दे भी दिए। खुलासे के बाद पता चला कि साहिल ने ऐसा करने के लिए नौ देशों से कॉल को जम्प करवाया था।

बताते हैं कि परेशान होकर जाटव ने एसीबी में संपर्क किया। एसीबी ने इंजीनियर की सीडीआर निकलवाई तो उसमें शंकर दत्त और एसीबी के लैंडलाइन के नंबर मिल गए। शंकर दत्त और लैंडलाइन के सीडीआर निकलवाई तो उसमें नंबर नहीं मिले। एसीबी के आईजी सचिन मित्तल ने जांच की तो स्पूफिंग कॉल का पता चला। इसके बाद ९ देशों की कंपनियों से मिलकर आईपी एड्रेस का पता किया तो मोबाइल व नंबर साहिल का निकला। उसने यूके, चीन, अमेरिका, हांगकांग समेत दस देशो से स्पूफिंग गेटवे से फोन किया। स्पूफिंग कॉल करके जलदाय विभाग के एक एडिशनल चीफ इंजीनियर दो एसई स्तर के अधिकारियों समेत 9 इंजीनियरों से रिश्वत मांगी थी।

राधेश्याम गंगानगर के पोते साहिल राजपाल ने खुद के स्थानीय पुलिस अफसरों के साथ बेहतर संबंधों का खुलासा किया है। वह इन संबंधों की आड़ में पुलिसकर्मियों के तबादले कराता था। इसके बदले में मोटी रकम लेता था। यह रकम पुलिस अफसरों और उसमें बंटती थी। एसीबी के अफसरों ने बताया कि आरोपी साहिल राजपाल पुलिस अधिकारियों के नाम का कई महीनों से खूब इस्तेमाल कर ब्लैकमनी जुटा रहा था। उसके श्रीगंगानगर में पुलिस अफसरों के साथ भी अच्छे संबंध रहे हैं। वह पुलिस अफसरों से संबंधों के चलते लोकल लेवल पर तबादले कराने के बदले में रुपए लिया करता था। बताया जा रहा है कि इन ट्रांसफर की एवज में वह 20 हजार रुपए से एक-दो लाख रुपए तक लेता था। सबसे बड़ी डील थानाधिकारी लगने के लिए होती थी। सीआई स्तर के थानों में पोस्टिंग के लिए अलग से रुपए लेता था। एसआई स्तर के थानों में पदस्थापन के लिए अलग रकम तय थी। जिन पुलिसकॢमयों से जितने में डील होती थी उसमें से आधे रुपए पुलिस अधिकारियों और शेष आधे वह स्वयं रखता था।

हालांकि लोग तबादलों के लिए राधेश्याम गंगानगर के पास आते थे। भाजपा की सरकार होने तथा उनके वरिष्ठ भाजपा नेता होते के कारण लोग अधिकारियों पर उनका होल्ड समझकर उनसे तबादलों की विनती करते थे। इधर भाजपा जिला कार्यकारिणी में साहिल के ताया रमेश राजपाल के उपाध्यक्ष होने के कारण भी लोग इस परिवार का पुलिस पर रुतबा समझकर तबादले की आस में आते थे। उन्हीं लोगों को साहिल शिकार बनाकर पैसे बटोर लेता था। वहीं, जयपुर पुलिस ने साहिल से बरामद विदेशी शराब की बोतलों की भी जांच शुरू कर दी है। साहिल से गुरुवार को जयपुर में 34 विदेशी बोतलें बरामद हुई थी। इस पर साहिल के खिलाफ अलग से मामला दर्ज हुआ है।

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