: कादीपुर बाजार में हुआ शर्मनाक हादसा, भीड़ तो उस्तरा लेकर खोपड़ी पर चौराहा बनाने पर आमादा थी : अपनी दीपावली को सोल्लास सम्पन्न करने की फिराक में कोतवाली ले जाए गये पत्रकार : पुलिस ने डांट-फटकार की, पैसा वापस कराया और चेतावनी देकर मामला रफा-दफा कर दिया :
कुमार सौवीर
सुल्तानपुर : यहां की कादीपुर बाजार में अभी कुछ दिन पहले चार पत्रकारों ने एक ऐसी करतूत कर डाली, जो पूरे पत्रकार समुदाय के चेहरे पर कालिख पोत गया। यह लोग एक दूकानदार से पचास हजार रूपयों की उगाही कर रहे थे। वह भी किश्तों में उगाही हो रही थी। पहली किश्त के तौर पर इन लोगों ने ढाई हजार रूपयों झटक ही लिया था। लेकिन इसी बीच लोग भड़क गये, नतीजा भीड़ ने उन्हें भरे बाजार कूट डाला। वह तो गनीमत थी कि पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला रफा-दफा करा दिया, वरना यहां के लोग तो इन सब की खोपड़ी पर उस्तरा से चौराहा बनाने और उनके गले पर जूतों की माला पहनाने पर आमादा थे।
अब जरा पूरी कहानी सुन लीजिए। सुल्तानपुर से आजमगढ़ जाते वक्त बिल्कुल आधी दूरी पर एक बड़ी बाजार है कादीपुर। इलाके का एक बड़ा शहर माना जाता है कादीपुर, नगर पंचायत है यहां। कुछ दिन पहले यहां के चार पत्रकारों ने एक मोटा आसामी पकड़ने की साजिश बुनी। नेतृत्व कर रहे थे फैजाबाद से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार जी। यह लोग पहले तो यहां के एक मेडिकल स्टोर पर पहुंचे। कभी यह दवाई, तो कभी यह दवाई तो कभी वह दवाई मांग कर उसे खरीदने की अदा में चेक करने लगे।
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इसी जांच-पड़ताल के दौरान इन पत्रकार जी लोगों ने पाया कि दुकान की कुछ दवाई एक्सपायरी है। बस मुद्दा पकड़ गया। दूकानदार को चहेंटना शुरू कर दिया, कि इस पूरे मामले को अखबार में छापेंगे, चैनल में चलायेंगे, दुकान और दुकानदार को बदनाम करेंगे, कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेंगे और आखिरकार एसपी से लेकर डीजीपी और सीएम से पीएम तक मामला पहुंचा कर तुम्हें हमेशा-हमेशा के लिए जेल में बंद करा देंगे। यह धमकी काम आ गई। दुकानदार ने हाथ-जोड़ना शुरू किया।
बात तयतोड़ तक पहुंचने लगी तो पत्रकार जी ने पहली बोली बोल दी 50,000। यह सुनते ही दुकानदार की पैंट ढीली हो गई। पत्रकार जी ने बोली कम कर दी, ताकि मुर्गा भाग न जाए। आखिरकार तय हुआ कि इन चारों पत्रकारों को पहली किस्त के तहत ढाई हजार रुपया का भुगतान होगा और बाकी रकम 1 महीने में 25,000 अदा की जाएगी। पत्रकार जी ने पैसा अपने जेब में हवाले किया और निकलने लगे, लेकिन इसी बीच कुछ दुकानदारों ने मामला सूंघ लिया, और इन सब को पकड़ कर धुन डाला।
पुलिस को खबर दी गई, पुलिस आई, इन पत्रकारों को गरियाया, झंपडि़याया, थाने पर ले गए, वीडियो बनवाया, कुबूल करवाया, जेब से पैसे बरामद कराया और दुकानदार को वापस कराया।
बात खत्म पैसा हजम