प्रेमी ने मांगा दहेज, क्षुब्ध मां-बेटी ने खाया जहर

सैड सांग

प्रेम के नाम पर पींगें बढाईं, बाद में दे दिया धोखा
ऐन वक्त पर प्रेमी बोला: 5 लाख नकद और कार चाहिए
शाहजहांपुर में हुआ हादसा, जिला अस्पताल में दोनों की मौत
5 जून को होने वाली थी स्थानीय अदालत में कोर्ट-मैरिज
जिस पर यकीन कर प्रेम किया हो और उसके साथ जीने-मरने की कसमें खायीं हों, खुद को उसके प्रति जीवन भर समर्पित करने का फैसला ले लिया हो, अगर वही शख्सप ऐन वक्त पर धोखा दे जाए तो आखिर कोई क्या करे। लेकिन इस सवाल का हल खोज लिया शाहजहांपुर की अनुपमा ने। लेकिन उसका यह फैसला अकेले का ही नहीं रहा, उसके साथ हुए हादसे से आहत उसकी मां ने भी अपनी कलेजे के टुकडे जैसी बेटी का दुख देखा नहीं गया और बेटी के साथ उसने भी अपनी जीवन लीला भी खत्म करने का फैसला कर लिया। सल्फास की गोलियां खाकर उन दोनों ने अपनी जान दे दी। आज हुए इस हादसे ने पूरे शहर को सन्नाटे में डाल दिया है।
शहर के ही एक मोहल्ले में रहने वाली अनुपमा त्रिपाठी स्थानीय स्नातकोत्तर कालेज की छात्रा थी। कुछ महीना पहले वह एक प्रतियोगिता परीक्षा के सिलसिले में लखनऊ गयी थी। वहीं उसकी भेंट सुल्तानपुर निवासी अलोक सिंह नाम के लडके से हुई। बातचीत की शुरूआत दोनों को ही भा गयी और जल्दी ही यह भेंट प्रेम में कब बदल गयी, अनुपमा को पता ही नहीं चला। लेकिन कुछ ही दिनों में वह आलोक को दिलोजान से प्याकर करने लगी। अक्सर मुलाकातें होतीं रहीं और प्यार लगातार अपने उरूज पर चढता रहा। बात शादी तक पहुच गई। हालांकि यह विजातीय सम्बन्ध था, लेकिन अनुपमा की मां ने उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। तय हुआ कि अब शादी कर दी जानी चाहिए। दोनों की ही रजामंदी के बाद अदालत में शादी के लिए अर्जी लगा दी गयी और कोर्ट मैरिज के लिए पांच जून की तारीख भी तय हो गयी।
यही फैसला अनुपमा और उसकी मां के लिये प्राणघातक सिद्ध हुआ। उन्हें क्या पता था कि जिस शख्स पर वह यकीन कर अपना सर्वस्व न्योछावर करने जा रहे हैं, वह असलियत में दहेज दानव निकलेगा। उनके सपने अचानक तब रेत के महल की तरह ढह गये जब आलोक सिंह ने अचानक ही अनुपमा की मां से पांच लाख रूपये नकद और एक चार पहिया गाड़ी की डिमांड कर दी। आलोक ने तो यहां तक कह दिया कि यदि दहेज की उसकी मांग पूरी नहीं की गयी तो वह अनुपमा से विवाह नहीं पायेगा। यह भारी भरकम मांग पूरी कर पाना अनुपमा के पिता संतकिशोर त्रिपाठी जैसे कम आय वर्ग के व्यक्ति के लिए असम्भव था। उन्होंने दहेज दे पाने में असमर्थता व्यक्त कर दी और आलोक सिंह शादी तोडने की बात कह कर वापस अपने घर सुल्तानपुर चला गया। इसके साथ ही संतकिशोर के घर में कोहराम मच गया।
आज सुबह अचानक शाहजहांपुर के थाना कोतवाली चौक के मोहल्ला आनन्दपुरम कालोनी में अनुपमा त्रिपाठी और उसकी मां अनीता त्रिपाठी की हालत बिगड गयी। बताते हैं कि उन दोनों ने बीती रात सल्‍फास खा लिया था। इन दोनों की हालत सुबह संतकिशोर त्रिपाठी ने देखी तो फौरन उन्हें जिला अस्पताल में दाखिल कराया। लेकिन अस्पताल में दोनों की ही इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर इस बात को कोई भी अधिकारी नहीं बता रहा है कि मौत का कारण सल्‍फास की गोलियां खाना ही था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनुपमा अलोक सिंह नाम के युवक से प्रेम विवाह करना चाहती थी। इसके लिये उसने अपनी मां अनीता को तो इस शादी के लिये राजी कर लिया था, पर पिता संतकिशोर त्रिपाठी इन दोनों की शादी को तैयार नहीं थे। मां अनीता ने संतकिशोर को इस शादी के लिए शांत तो करा लिया था, लेकिन दिमागी तौर पर वे उन्हें तैयार नहीं कर पायीं। लेकिन अचानक ही दहेज की इस मांग ने उन्हें तोड ही डाला। इस हादसे को लेकर वे अपने पति के सामने भी बेहद शर्मिंदा थीं। उन्हें इस बात का जबर्दस्त सदमा लगा था कि पांच जून को शादी की तैयारियों के लिए नाते-रिश्तेदारों तक को आमंत्रित कर लिया गया था। ऐसे में वे अब क्या करें, न तो उन्हें समझ में आ रहा था और ना ही अनुपमा को। इस घटना को लेकर दोनों मां-बेटी गहरे तनाव में रहने लगीं और पिछली रात में दोनों ने अपनी जिंदगी को आखिरकार खत्म कर डालने का फैसला कर लिया।

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