दस हजार करोड़ अदा करने के बाद ही छोड़े जाएंगे सुब्रत राय: सुप्रीम कोर्ट

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एक साल के पैकेज पर एक साल का ब्‍याज जरूर मांगेगी सेबी

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय को सुब्रत राय को सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है। सुब्रत राय 4 मार्च से दिल्ली की तिहाड़ जेल में है। हालांकि खबर है कि सुब्रत राय के बेल-पैकेज के तहत एक साल तक के लिए सुब्रत राय पर ब्‍याज की भी मांग कर सकती है। ब्‍याज की रकम भी हजारों करोड़ हो सकती है। मतलब यह कि मामला अभी लम्‍बा लटक सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को आदेश दिया है कि वह सेबी के पास 10 हजार करोड़ रूपए जमा कराएं। पांच हजार करोड़ नगद और पांच हजार करोड़ की बैंक गारंटी दें। न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन और न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ 10 हजार करोड़ रूपए जुटाने के लिए सहारा की कंपनियों के खाते डीफ्रीज करने पर सहमत हो गई।

पीठ ने मामले की सुनवाई गुरूवार तक के लिए स्थगित करते हुए सहारा से उन बैंक खातों का विवरण मांगा है जिन्हें डीफ्रीज किया जाना है। सहारा समूह पर निवेशकों के 20 हजार करोड़ बकाया है। बकाया राशि के भुगतान को लेकर सहारा समूह और सेबी के बीच विवाद चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को अदालत में हाजिर होने के लिए कहा।

अदालत में पेश नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और पुलिस को निर्देश दिया कि उन्हें गिरफ्तार कर 4 मार्च को अदालत में पेश करें। 28 फरवरी को लखनऊ पुलिस ने सुब्रत राय को गिरफ्तार किया। 4 मार्च को अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सहारा समूह ने निवेशकों के बकाया 20 हजार करोड़ रूपए के भुगतान को लेकर नया प्रस्ताव पेश किया। सहारा ने न्यायाधीश केएस राधाकृष्णन और न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ के समक्ष कहा कि निवेशकों के पैसे सेबी को 18 महीने की बजाय एक साल में लौटा दिए जाएंगे। यह राशि ओएफसीडी के जरिए एकत्रित की गई थी।

सहारा समूह ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह 2,500 करोड़ रूपए प्रस्ताव स्वीकार होने के 3 कार्य दिवस के अंदर लौटा देगा। 2,5000 करोड़ रूपए तीन किस्तों में 30 जून,30 सितंबर और 31 दिसंबर तक लौटा दिए जाएंगे। शेष 7000 करोड़ रूपए का भुगतान 31 मार्च 2015 तक किया जाएगा।

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