पीडिता ने सरेआम दबोच लिया बलात्‍कारी

सक्सेस सांग

अपराधी पर बेखौफ टूट पडी बांदा की बहादुर बालिका

रिपोर्ट दर्ज होने के महीनों बाद भी पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई

छुट्टा घूमते अभियुक्‍तों ने जीना हराम कर रखा था बालिका का

सहेली की मदद से पुलिस क्षेत्राधिकारी के दफ.तर के सामने दबोचा अपराधी को

मामले की रिपोर्ट भी मीडिया के दबाव में ही लिखी थी पुलिस ने

अभी भी फरार हैं बलात्‍कारी के दूसरे साथी, पुलिस बनी मददगार

बलात्‍कारी पर पुलिस ने जब कई महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं की तो आखिरकार पीडित बालिका खुद ही रणचंडी बन गयी। पुलिसिया कार्रवाई को तमाचा मारते हुए उसने खुद पहलकदमी ली और सरेबाजार अभियुक्‍त पर टूट पडी। पहले तो उसे जमकर पीटा और फिर सीधे थाने पहुंचा दिया। यानी जो काम पुलिस को करना था, वह उस बहादुर बालिका ने कर दिखाया। बांदा की इस घटना पर अब पीडित बालिका की जहां जयजयकार हो रही है, वहीं लोगबाग अब पुलिस को लानतें भेज रहे हैं।

बलात्‍कार की शिकार बालिकाओं के प्रति पुलिस का रवैया कितना निर्मम और अमानवीय है, इसकी मिसाल वैसे तो पूरे यूपी के किसी भी कोने में कभी भी देखी जा सकती है, जहां रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस की अकमर्ण्‍यता के चलते पीडित पक्ष खुद ही बेबस और अपमान का शिकार बन जाता है। ना जाने कितनी लडकियां पुलिस की इसी कार्यशैली का शिकार होकर आत्‍महत्‍या तक करने पर मजबूर हो चुकी हैं। लेकिन बांदा में तो पुलिस के मुंह पर तब तमाचा पड गया जब एक बलात्‍कार पीडित बालिका को रिपोर्ट लिखाने के कई मास बाद भी जब पुलिस पुलिस की ओर से कोई जवाब नहीं मिला और लाख शिकायतों के बाद भी अभियुक्‍त खुलेआम घूमते हुए इस बालिका और उसके परिवारीजनों को धमकाते रहे, सडक पर इस बालिका का निकलना दूभर कर दिया गया तो इस बालिका के धीर ज का बांध ही टूट गया। नतीजा यह हुआ कि यह बालिका अचानक चंडी बन गयी और एक दिन उसने एक अभियुक्‍त को सरेराह पकड लिया, उसे चप्‍पलों से पीटा और फिर थाने लाकर पुलिस के हवाले कर दिया। हालांकि पहले तो पुलिस ने इस बालिका  की इस हरकत को गैरकानूनी बताते हुए  उसे अर्दब में लेने की कोशिश की, लेकिन जब वहां भीड इकट्ठा होने लगी तो आखिरकार पुलिस को झुकना पडा। य हां बताते चलें कि पुलिस तो पहले इस मामले की रिपोर्ट ही नहीं लिखने को तैयार थी, लेकिन मीडिया के दबाव में उसे रिपोर्ट लिखने पर मजबूर होना पडा

कहा गया है कि जब नारी काली बना जाए तो उससे काल भी घबराता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला यूपी के बांदा जिले में। यहां एक लड़की के साथ एक महीने पहले गैंग रेप हुआ। लड़की ने इस बाबत थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पर हमेशा की तरह यूपी पुलिस इस मामले में अपने रवैये पर कायम रही। महीने भर बीतने के बाद भी अपराधी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। ल ेकिन लेकिन उधर दूसरी ओर इन अपराधियों और उनके सहयोगियों ने इस लडकी और उसके घरवालों को सरेबाजार अपमानित करना शुरू कर दिया। इसकी भी शिकायत पुलिस से की गयी लेकिन पुलिस ने इन लोगों की एक भी नहीं सुनी और इसका नतीजा यह हुआ कि अपराधियों के हौसले लगातार बढते गये। पीडित बालिका और उसके घरवालों का बाजार निकलना दूभर हो गया। लेकिन ऐसा आखिर कब तक चलता।

ऐसे में लड़की ने अपने मन में अपराधियों को खुद सजा देने की ठानी। वह उन्हें खोजने लगी। एक दिन उसे अपराधी दिख गए। हैरत की बात तो यह रही कि उसे यह अपराधी कहीं और नहीं, बल्कि खुद पुलिस के ही क्षेत्राधिकारी कार्यालय के सामने मिले। फिर क्‍या था। पीडित लडकी ने अपनी एक सहेली की मदद से उस अपराधी को धर दबोचा, हालांकि अभियुक्‍त ने खुद को छुडाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इसीबीच जनता भी जुट आयी। मामला समझ कर जनता ने भी अभियुक्‍त को जमकर धुना और इसके बाद इन लडकियों के साथ उसे पकड़ कर थाने ले गई।

मिली जानकारी के मुताबिक, 28 जनवरी की शाम को 23 वर्षीय इस लड़की को छह लड़कों ने किडनैप करके नशीला पदार्थ खिलाया और गैंगरेप किया। मामला पुलिस के पास गया। हमेशा की तरह पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जब मीडिया ने दबाव बनाया तो पुलिस को गैंगरेप का केस दर्ज करना पड़ा।पुलिस ने इसके बावजूद आरोपियों को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। विगत दिनों को लड़की ने इन अपराधियों को डीएसपी ऑफिस के पास देखा और उन्हें सहेली की मदद से घसीटते हुए सीधे थाने ले गई। रेप करने वाले युवक की पहचान पंडित मिश्रा के रूप में हुई है। इसके अन्य साथी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं।

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