: आइये, इन बेटियों के लिए तालियां बजायी जाएं : दिल्ली की नन्हीं बेटी ने साफ मना कर दिया, मैं नहीं जलाऊंगी पटाखे : सुप्रीम कोर्ट तक सख्त हो चुकी है वायु-प्रदूषण के कारक पराली जलाने के अपराधों पर :
दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इन दिनों प्रदूषण का लेवल काफी बढ़ा हुआ है। दीपावली से पहले दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ने की एक वजह किसानों द्वारा हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना माना गया था. ऐसे में सरकार ने किसानों को पराली जलाने से मना किया था। लेकिन इसके बावजूद जब एक किसान ने पराली जलाई तो उसके खिलाफ उसकी बेटी ही कमर कस कर खड़ी हो गयी। हालत यह हुई कि पराली जलाने पर आमादा किसान की कोशिशो के खिलफ उसकी बेटी सीधे सरकारी अफसरों से मिली और अपने ही पिता के खिलाफ शिकायत करके उनपर जुर्माना ठुंकवा दिया।
मतलब यह कि बेटियों के मामले में अब तक अभागे ही रहे हरियाणा की बेटियों ने अपने पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए बाकायदा जेहाद छेड़ दिया है। लेकिन इसके बावजूद यह कोशिश केवल एक नन्ही सी किरण मात्र ही है। इस बच्ची की कोशिश के मुकाबले हरियाणा के किसान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि चाहे अदालती आदेश हो या फिर प्रशासनिक कोशिशें, हम हर कीमत पर पराली जलाते रहेंगे। इतना ही नहीं, इन किसानों ने यह तय किया है कि वे प्रशासन को बाकायदा ज्ञापन देकर खुलेआम पराली जलायेंगे और ऐसा करने के पहले प्रशासन को समय के बारे में बाकायदा सूचित भी कर देगे।
इन किसानों की हठधर्मी ने दिल्ली एनसीआर में किसी भयावह हादसे के हालात पैदा कर दिये हैं। पिछले एक हफ्ते से छाये हुए जहरीले धुंआ के घने बादलों ने धुंध का गहरा खतरा पैदा कर दिया है। सुबह के समय तो पूरी दिल्ली की हालत तो किसी अंधे की तरह ही दिख रही थी। चंद फीट तक की दूरी देखने की क्षमता दिल्लीवालों में खत्म हो चुकी थी। यही हालत पिछले एक हफते से जारी है।
लेकिन इस बीच किसी सुनहरी सुबह की तरह बेटियों ने कमर कस ली। हरियाणा के जींद की एक बेटी ने बार-बार मना करने के बाद भी पराली जलाने पर अपने ही पिता की कृषि विभाग में की शिकायत कर दी. जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने इसकी जांच की और पराली जलाने का दोषी पाए जाने पर विभाग ने पिता पर 2500 रूपये का जुर्माना लगाया. बेटी का कहना है कि, ”गलत तो गलत होता है, चाहे वह पिता ने किया हो या फिर भाई ने.” इसके साथ ही बेटी ने की सभी माताओं और बहनों से अपील की कि जहां भी प्रदूषण हो रहा हो उसे रोकें. बेटी ने अपने पिता को कई बार समझाया था।
पूरा मामला जींद के ढाकल गांव का है. जहां एक किसान शमशेर श्योकंद अपने खेत में पड़ी पराली को जलाना चाहता था. यह बात शमशेर की दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी सोनाली के कानों में खबर पड़ी तो उसने अपने पिता को कहा कि वह ऐसा न करें क्योंकि पराली जलाना अपराध करना है. बेटी ने पिता को कई बार समझाया लेकिन पिता ने एक नहीं सुनी और खेत में पड़ी पराली को आग लगा दी. बेटी जब सुबह गांव से दूर नरवाना शहर के आर्य कन्या स्कूल में पढ़ने के लिए निकली तो वह पहले सीधा नरवाना स्थित कृषि विभाग पहुंची. उसने विभाग को पिता की शिकायत दी. शिकायत मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी हरकत में आएं. ब्लॉक एग्रीकल्चर ऑफिसर के मुताबिक विभाग के लोगों ने मौके का मुआयना किया और दोषी पाए जाने पर पिता को 2500 रूपये का जुर्माना लगाया गया.
बेटी सोनाली का कहना है कि पिता की शिकायत करना मेरे लिए बड़ा मुश्किल था लेकिन गलत तो गलत होता है चाहे वह पिता ने किया हो या फिर भाई ने. सोनाली का साथ ही यह भी कहना है कि पराली जलाने से प्रदूषण फैलता है इसलिए वह सभी माताओं और बहनों से भी अपील करती है कि जहां इस प्रकार का प्रदूषण हो रहा है उसे तुरंत रोका जाएं. सोनाली ने एक बात और कही है. वह यह है कि सरकार कब बजट का कोई ऐसा समाधान ढूढे़ ताकि किसानों को पराली न जलानी पड़े.