: आईआईटी की फीस बढ़ोत्तरी पर हल्ला करने वाले लोग बेईमान हैं : बेईमान और भ्रष्ट है जौनपुर और फैजाबाद का जिला प्रशासन :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यह वही लोग हैं जो पांच रूपये सेर देसी घी, एक रूपये में दस किलो आलू और छेदहा पैसा पर पाव भर मूंगफली के जमाने वाले दिनों को याद करते हैं। यही वे लोग हैं जो थारू या आदिवासी गांवों में घुस कर ताड़ी या महुआ चूते-चुआया करते थे और फिर उन्हीं गांवों की युवतियों पर कनखी-मार किस्से बुनते-गढ़ते थे।
आज यही लोग थाईलैंड-बैंकाक-दुबई में अपनी रातें रंगीन करते हैं, मुम्बई की बारगर्ल्स से ठुमके लगवाते करते हैं, जॉनी-वॉकर के नीचे से नहीं उतरते हैं, बीएमडब्ल्यू पर कुत्ते घुमाते हैं, नौकरों को वालमार्ट भेज कर घरेलू सामान मंगवाते हैं और हराम की कमाई को कृषि आय दिखा कर काली कमाई को हलाल-जायज आमदनी में दिखाते हैं आयकर रिटर्न में।
उन्हें आज प्रसव-पीड़ा हो रही है कि आईआईटी की फीस दो लाख कैसे बढ़ा दी गयी।
मुझे भी गुस्सा आया है कि क्या यह हरकत किसी विकासशील देश के राष्ट्रवादी हुक्मरान की हो सकती है, लेकिन हमारी हृदयविदारक पीड़ा और आपकी खोखली आवाज में खासा फर्क है हुजूर।
आप अपना गुर्दा-लीवर और हार्ट-ऑपरेशन अमेरिका, लन्दन में कराते हैं, मैं दिल्ली के अपोलो अस्पताल तो दूर, लखनऊ में ही पीजीआई की जांचों का खर्चा कर पाने की हैसियत तक नहीं रखता। और वहीं जौनपुर के बेशर्म प्रशासन और नेताओं ने सामूहिक बलात्कार पीडि़त बच्ची की रिपोर्ट दर्ज करना तो दूर, उसे पागलखाना भेजने की कवायद छेड़ दी, फैजाबाद के कुमारगंज में एक दूरस्थ गांव पूरे लाल खां में एक गरीब का घर एक दबंग ने लूट कर उसकी बेटी से बलात्कार की कोशिश की, तो पुलिस ने पूरे बेहाल परिवार को कई दिनों तक प्रताडि़त किया। उसके पास इतना भी पैसा नहीं है कि वह लखनऊ आकर अपनी बात कह सके।
और शर्म की बात है कि आप आईआईटी की फीस पर घडि़याली आंसू की नौटंकी कर रहे हैं।