सांसद जी ! जुबान है या उर्दू बाजार का पाखाना। इज्जत भी गई ?

बिटिया खबर

: जौनपुर के एक थानाध्यक्ष से बेहद अशोभनीय बात कर बैठे बसपा सांसद श्याम सिंह यादव : सांसद की अभद्रता पर तुर्की ब तुर्की जवाब कुछ यूं दिया दरोगा ने : आप सांसद हैं तो सांसदी कीजिए, बदतमीजी नहीं : दारोगा ने जवाब दे दिया, तो दो-कौड़ी का मुंह बन गया : सांसद की छीछालेदर वाला ऑडियो किसने वायरल किया :

कुमार सौवीर

लखनऊ : यह वीडियो है जिसमें एक समाप्त-प्राय पार्टी के सांसद और एक थानाध्यक्ष के बीच वार्तालाप चल रहा है, लेकिन इसमें किसी कुकुर बिलार की तरह लेतेरी की धततेरी की करने पर आमादा है सांसद और एक दारोगा। शुरुआत किया है सांसद ने, लेकिन आजिज होकर दारोगा ने सांसद को उनकी औकात पर ला खड़ा कर लिया। दरअसल, सांसद जी दारोगा को बदतमीज ही नहीं, बल्कि जाति के आधार पर पक्षपात का आरोप लगा रहे थे। जबकि दरोगा भी अपना करारा जवाब सांसद को पकड़ा रहा है। ओहदे के तौर पर देखें तो इन दोनों के बीच जमीन-आसमान की दूरी है लेकिन दोनों सड़कछाप बातचीत कर अपनी-अपनी गरिमा को ध्वस्त करने पर आमादा हैं। लेकिन इसकी शुरुआत की है सांसद ने।
जी हां, यह घटना है करीब छह महीना पहले की बतायी जाती है। सांसद हैं जौनपुर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव और थानाध्यक्ष हैं जौनपुर के ही बख्शा थाने के थानाध्‍यक्ष। लेकिन अचानक इतने वक्‍त के बाद इन दोनों के बीच हुई यह बातचीत वायरल हो गई है। घटना के मुताबिक बख्शा इलाके के दो यादव गुटों में जमीन को लेकर विवाद हुआ था जिसमें झगड़ा और बवाल शुरू हो गया। पुलिस को खबर मिली तो दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की गई और बताते हैं कि जब यह दोनों पक्ष किसी बात पर सहमत नहीं हुए तो पुलिस ने इन दोनों पर ही 151 धारा के तहत कार्रवाई कर दी।
लेकिन हैरत की बात है कि इस बवाल के दौरान यह दोनों लोगों को थाने पर बुलाया गया था लेकिन उस दौरान कोई बवाल पुलिस से नहीं हुआ था। मगर सूत्रों के अनुसार सांसद को किसी ने भड़काया कि उनके पक्ष के एक व्यक्ति पर पुलिस ने मारपीट की जिसमें व्यक्ति का चश्मा टूट गया। बस फिर क्या था, सांसद श्याम सिंह यादव का पारा साथ में आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने सीधे थानाध्‍यक्ष को फोन मिला दिया और बोले कि तुम बदतमीज हो, ठाकुरों की सरकार है, इसलिए तुम बेलगाम होते जा रहे हो। इसका अंजाम तुमको भुगतना पड़ेगा वगैरह-वगैरह। काफी देर तक सांसद की धमकियां सुन से थानाध्यक्ष तैश में आ गया। बताते हैं कि वह पूरे सम्‍मान और शालीनता के साथ सांसद से बात कर रहा था लेकिन जब सांसद ने दारोगा को बदतमीज और ठाकुर राज में नंगा नाच करने का आरोप लगाया तो थानाध्‍यक्ष भी बिगड़ गया। उसने भी सांसद को पलट कर जमकर खरी-खोटी सुना दी। बताते हैं कि दौरान थानाध्‍यक्ष ने सांसद जी की धोती के बजाय उनकी पाजामानुमा पैंट का एक-एक धागा तक नोंच-बिखेर कर कूड़े में फेंक दिया। और सांसद जी लबर-लबर ही करते रहे।
सूत्र बताते हैं कि सांसद श्याम सिंह ने अपने फोन के बजाय किसी दूसरे सेलफोन से दारोगा से बातचीत की थी। बताते हैं कि छह महीने बाद आज किसी बात पर वह व्‍यक्ति का संभवत: सांसद से रिश्‍ता बिगड़ गया तो उसने अपने फोन में सेव हो चुके अपने ऑडियो को वायरल कर दिया। या फिर यह भी हो सकता है कि वह फोन किसी दूसरे विरोधी पक्ष में पास पहुंच गया और उसने श्याम सिंह यादव सांसद का पायजामा फोन में ही उतार दिया। यह भी हो सकता है कि चूंकि इस घटना पर दर्ज हो चुकी इस बातचीत को प्रमाण के तौर पर सांसद श्याम सिंह यादव ने शासन को दारोगा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायत पत्र लिखा था और जांच के बाद यह पूरा प्रकरण पुलिस के गोपन विभाग तक पहुंच गया और वहीं से ही यादव जी का यह ऑडियो क्लिप वायरल हो गया। अब यह दीगर बात है कि इस शिकायती पत्र की जांच के बाद इस थानाध्‍यक्ष के खिलाफ कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ। यानी मामला दाखिल आफिस-दफ्तर हो गया।

यह जौनपुर के सांसद की भाषा है? न संस्‍कार और न व्‍यवहार, न पद का सम्‍मान 

लेकिन बसपा सांसद श्‍याम सिंह यादव बहुत परेशान हैं पुलिसवालों से। आज ही यानी शनिवार 26 नवम्‍बर-22 को ही सांसद श्याम सिंह यादव ने जिले के इसी बक्सा थाना की पुलिस पर आरोप लगाते हुए एक पत्रकार-वार्ता जिला मुख्यालय पर आयोजित की थी। उसमें क्या हुआ, अब तक पता नहीं चल पाया। लेकिन एक सांसद के तौर पर श्याम सिंह का थानाध्‍यक्ष के साथ हुआ यह व्‍यवहार बेहद अभद्र और शालीनता तो रहा ही है, जैसा कि वायरल हो चुके ऑडियो-क्लिप से पता चल रहा है।
बताते हैं कि उपरोक्‍त मामले में अगर सांसद श्याम सिंह यादव को पुलिस से अगर कोई शिकायत थी तो वह सीधे एसपी, आईजी या डीजीपी तक को भी शिकायत कर सकते थे लेकिन इसके बावजूद श्याम सिंह यादव ने सीधे थानाध्यक्ष को बदतमीज और जातिवादी होने का तमका पकड़ा दिया। वैसे यह जरूर हो सकता था कि वह दरोगा अपने सांसद की बात को शालीनता के साथ सुनता रहता रहा हो, लेकिन आखिरकार उसने भी आपा खो दिया। ठीक बात है भी। यह कोई तरीका है कि कोई बदतमीजी करता रहेगा और सामने वाला उसको जवाब भी नहीं देगा। सहनशीलता की भी तो एक सीमा होती है। अगला भी तो जवाब देगा। इस बात का एहसास सांसद श्याम सिंह यादव को तनिक भी नहीं था। वह अपने अंदाज में अंट-शंट आरोप थानाध्यक्ष को सुनाते रहे। और आखिरकार अपने ही हाथों से अपनी इज्‍जत का जनाजा उठा बैठे।
इस पूरे मामले की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए जब दोलत्‍ती डॉट कॉम ने बसपा सांसद श्याम सिंह यादव से बातचीत करनी चाहिए तो उनका फोन नहीं उठा। उधर बक्सा थाना के उपरोक्‍त दारोगा का तबादला कोई 5 महीना पहले ही किसी अन्य थाने पर हो जाने के चलते उस थानाध्यक्ष से भी संपर्क नहीं हो सका है।

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