सनी देओल के चरणों की धूल भी नहीं है लखीमपुर खीरी का बड़ा दारोगा

बिटिया खबर
: मामला लखीमपुर खीरी की बदतमीज महिला विधायक मंजू त्यागी का : कोतवाल को धमकी दी कि वह उसे थाने पर पहुंच कर उसे जूतों से पीटेगी : कप्तान ने उसे अपने पक्ष में भुनाया और कोतवाल को सस्‍पेंड कर दिया :

कुमार सौवीर
लखनऊ : एक फिल्में आई थी, जिसमें मुख्‍य किरदार थे सनी देओल। नाम था शायद इंडियन। फिल्‍म में पुलिस कप्‍तान बने थे, जो ईमानदार, सक्रिय और कर्मठ पुलिस अफसर बने थे। अपने आंदोलन और प्रदर्शन-धरना की अनुमति लेने के लिए एक नेता पुलिस कप्‍तान के ऑफिस में आया और अपना नाम वीर बहादुर सिंह बताते हुए बोला कि यूपी में लोग उसके नाम से घबराते हैं। उसने पुलिस की खिल्ली उड़ाते हुए डींगे हांकी कि उसके हर आंदोलन में बवाल हो जाता है और सरकार और प्रशासन हमारा कुछ भी नहीं उखाड़ पाती है। यह नेता कप्‍तान से मुस्‍कुराते हुए कहता है कि इसलिए उसके आंदोलन के दौरान पुलिस की तैनाती तो हो जानी चाहिए लेकिन उसमें खूबसूरत-चिकनी महिला सुरक्षाकर्मी मत भेजना वरना उनके शरीर के साथ होने वाली किसी भी हरकत का कोई जिम्मेदार नहीं होगा। यह कह कर वह नेता ठठाकर हंसता है।
वीर बहादुर सिंह के इस कमेंट से पुलिस कप्तान बने सनी देओल के तन-बदन में आग लग जाती है। गुस्‍साया कप्‍तान उस नेता को अपने दफ्तर में बुरी तरह पीट देता है, और उसके बाद उसके फटे-तारतार हो चुके कपड़ों के चीथड़े उड़ा देता है।
तो यह कहानी थी जिसमें सनी देओल अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के अपमान का तत्‍काल और समुचित जवाब दे देता है। लेकिन यूपी का पुलिस अधीक्षक ऐसा नहीं निकला। उसे अपने अधीनस्थ पुलिस अफसर के साथ हुए अपमानजनक व्यवहार पर गुस्सा नहीं आया, बल्कि उसने तो अपनी टीम-भावना की अनिवार्यता समझते-बूझते हुए अपने अधीनस्थ पुलिस अफसर को पहले तो लाइन हाजिर कर दिया, फिर उसे सस्पेंड भी कर दिया। मकसद था सत्‍तासीन एक महिला विधायक के पांवों में शरणागत होते हुए अभयदान हासिल कर लेना।
जी हां, यह मामला है लखीमपुर खीरी का, जहां की एक बदतमीज महिला विधायक मंजू त्यागी ने एक पुलिस कोतवाल को धमकी दी कि वह अभी फोन पहुंचकर कोतवाल को जूतों से पिटेगी। मंजू त्यागी चाहती थी कि उनके इलाके में केवल उनकी ही तूती बजती रहे, उनके सारे गलत-सलत काम होते रहें, गुंडों को संरक्षण मिलता रहे। और जब ऐसा न हो पाए तो उसका पूरा ठीकरा क्षेत्रीय कोतवाल के सर पर मढ़ दिया जाए। लेकिन 3 दिन पहले कोतवाल पर बुरी तरह बिफरी मंजू त्यागी ने उस कोतवाल को मोबाइल फोन पर जूतों से पीट कर उसका दिमाग दुरूस्‍त करने की धमकी दी, तो कोतवाल का स्वाभिमान जाग गया।
मंजू त्‍यागी की यह ऐसी घटिया हरकत थी, जिसको सुन कर किसी भी पुलिसवाले का खून खौल सकता था। खास कर उस अफसर के सर्वोच्‍च जिला प्रमुख यानी पुलिस अधीक्षक का। लेकिन हैरत की बात है कि महिला विधायक मंजू त्‍यागी की इस बदतमीजी पर पुलिस कप्तान को तनिक भी गुस्सा नहीं आया, बल्कि इस कप्‍तान ने उस घटना को अपने पक्ष में भुनाने की पुरजोर कोशिश कर डाली।
अब सुनिये कि भाजपा की उस निहायत बदतमीज महिला विधायक की इस घिनौनी हरकत के बाद डेवलपमेंट क्‍या हुआ। हुआ यह कि इस मामले की पूरी जानकारी कोतवाल ने अपने सीओ, एडिशनल एसपी और जिले के पुलिस कप्तान तक को भेजी, और मोबाइल पर महिला विधायक की बदतमीजी की फोन पर की गयी ऑडियो क्लिप भी सभी उच्च अधिकारियों को फॉरवर्ड कर दिया। साथ ही साथ, यह भी गुजारिश कर दी कि ऐसी हालात में काम हो पाना चूंकि नामुमकिन होगा इसलिए इससे बेहतर होगा कि उसे उसके मौजूदा पद से हटा दिया जाए।
लेकिन शर्मनाक बात यह है कि अपने इस अधीनस्थ कोतवाल के सम्मान का तनिक भी सम्‍मान कर पाए लखीमपुर खीरी के बड़े दरोगा यानी पुलिस अधीक्षक ने पहले तो उस कोतवाल को तत्‍काल पद से हटा कर उसे लाइन हाजिर कर दिया। इसी बीच न जाने किस अधिकारी ने कोतवाल और विधायक मंजू तिवारी त्यागी के बीच हुई इस बातचीत की ऑडियो क्लिप को वायरल कर दिया। यह जानते ही मंजू त्यागी के गुस्से का पारा भड़क गया। सत्ता के नशे में मस्‍त को लगा कि इससे उनकी छवि सुलग सकती है, इसलिए उन्‍होंने करीब लोगों को लगाया और नतीजा यह हुआ कि आनन-फानन पुलिस अधीक्षक ने कोतवाल को निलंबित कर दिया। सूत्र बताते हैं कप्‍तान ने यह निलम्‍बन केवल इस आरोप पर किया कि कोतवाल ने विधायक की धमकी वाला ऑडिया-क्लिप क्‍यों वायरल किया।
अब दुर्भाग्य यह है कि भविष्‍य में किसी कोतवाल को कोई नेता अगर जूतों से मारने की धमकी देगा और कोतवाल उसकी शिकायत भी अपने बड़े अफसरों या कप्तान को नहीं देगा। सवाल यह है कि यह ऑडियो क्लिप किसने वायरल किया, तो उसमें उस कोतवाल की क्‍या गलती। और अगर कोतवाल ने ही ऐसा वायरल किया, तो क्‍या गलत किया। महत्वपूर्ण सवाल है कि पुलिस अधीक्षक ने अपने कोतवाल को तो सस्पेंड कर दिया लेकिन जूतों से पीटने की धमकी देने वाली निहायत बदतमीज विधायक मंजू त्‍यागी की इस बदतमीजी पर इस बड़े कप्‍तान ने क्‍या कार्रवाई की। सत्ता से जुड़ी इस महिला विधायक मंजू त्यागी पर कोई कारवाई में अक्षम और केवल अपनी नौकरी बचाने में जुटे बड़े दारोगा यानी पुलिस कप्‍तान भी अगर ऐसी हरकतों पर आमादा हो जाएंगे, तो फिर अधीनस्थ कर्मचारी लोग भी भविष्‍य में अपने बड़े अफसरों के निर्देशों के साथ खेल करना शुरु कर देंगे, तो फिर इसमें बुरी बात क्‍या है।

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