: बनारस के विजया मॉल में चोरी करते पकड़ी गयी युवती ने भेलूपुर थाने में पांच घंटों तक बवाल काटा : बड़े अखबार का संपादक है यह चोर बेटी का बाप :
कुमार सौवीर
लखनऊ : महादेव की नगरी के थाने में गजब बवाल चल रहा था। एक युवती एक महिला पर गुर्राते कर गालियां बक ही थी। कह रही थी कि मेरी बनारस ही नहीं, बल्कि लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में बहुत बड़े-बड़े लोगों से घरेलू जानपहचान है। उसका कहना था कि अभी तुम मुझे जानती नहीं हूं। बोल रही थी कि, एक फोन करूंगी, तो मेरा बाप फौरन पहुंच जायेगा। पूरा थाना एक टांग में लटक जाएगा। वर्दी उतार दी जाएगी। पूरी हेकड़ी उतर जाएगी। तेरी सारी अकड़ फूं हो जाएगी।
वगैरह-वगैरह। कुर्सी पर अकड़ी बैठी यह युवती लगातार गुर्राती ही जा रही थीा
दोलत्ती संवाददाता को मिली खबर के मुताबिक यह मामला था बनारस के विजया मॉल का। यहां एक बड़े अखबार के स्थानीय संपादक की बेटी ने जमकर भागलपुरी चौवे-छक्के लगाये। बोली कि मेरे बाप कलम के तोपची हैं। एक ही इशारे में हिन्दुस्तान को इधर से उधर कर दूंगी। नाकों-चने चबवा दूंगी। क्या दारोगा और क्या एसएसपी। अभी मेरी पहुंच का अंदाजा नहीं है तुम लोगों को।
भेलूपुर पुलिस थाने में यह नाटकनुमा रायता लगातार पांच-छह घंटे तक फैलता-फैलाया जाता रहा। जो पीडि़त महिला थी वह एक कुर्सी पर दुबकी थी, लेकिन पूरे साहस के साथ। जबकि चोर युवती पूरी रंगबाजी के तहत कुर्सी पर एक पैर पर दूसरा चढ़ाये बैठी थी और पूरी ताकत के साथ पुलिसवालों के साथ ही साथ पीडि़त महिला पर हौंकियाय रही थी।
थाने पर चिल्ल पों कर रही युवती को पुलिस ने यहां के विजया मॉल से दबोचा था। यह युवती खुद को एक राष्ट्रीय बैंक में सहायक मैनेजर बता रही थी। थाने में बैठी पीडि़त महिला का कीमती मोबाइल इसी दबंग चोरनी ने चोरी किया था। महिला और उसके पति की शिकायत पर पुलिस विजया मॉल पर पहुंची थी, और लगातार बदतमीजी करने पर आमादा युवती को थाने पर पकड़ ले गयी थी। लेकिन इसके बावजूद यह चोर-युवती बाकी लोगों पर कौंकियाय रही थी। धमकी दे रही थी।
दोलत्ती संवाददाता को मिली खबर के अनुसार यह यह चोर युवती कोई छोटी-मोटी हैसियत की नहीं, बल्कि देश के एक बड़े अखबार के कई संस्करणों में स्थानीय संपादक की कुर्सी को तोड़ चुके एक चुप्पा पत्रकार की बेटी है। लोग बताते हैं कि यह संपादक बकलोल और चिरकुट भी है, और उस की छवि अपने दफ्तर से लेकर कर्मचारियों और अखबार समाज में अपनी करतूतों के चलते कुख्यात है। यह अखबार दिल्ली से लेकर लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद और पटना समेत कई राज्यों और बड़े नगरों से भी प्रकाशित होता है। यह पत्रकार इस अखबार के इलाहाबाद संस्करण में स्थानीय संपादक के पद पर कार्यरत है। जबकि पीडि़त महिला बनारस के एक पत्रकार हरेंद्र शुक्ला की पत्नी है।
भेलूपुर थाने में हिरासत में रही इस चोरनी और उसकी मां व बाप ने पहले तो सारे दंद-फंद फैलाए। साम, दाम, दंड, भेद दिखाया। लेकिन आखिरकार पत्रकार के कदमों में गिड़गिड़ा पड़ा यह संपादक। हालांकि इस मॉल में इस संपादक की बेटी ने जो हरकत की उससे केवल पत्रकार-बिरादरी ही नहीं शर्मसार है, बल्कि समाज में भी पत्रकारों की छवि को भारी धक्का लगा है। और उससे भी ज्यादा शर्मनाक करतूत तो उस चोरनी के पिता के तथाकथित पत्रकार पिता की है जो एक चोरनी की करतूत को दबाने-छुपाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाये रखा। लेकिन जब उसे पता चला कि उसके सारे तीर बेकार हो चुके हैं, तो उसके हाथों से सारे तोते उड़ गये। ऐसे में यह संपादक उस पीड़ित महिला और उसके परिवारी लोगों के कदमों में राम-राम चिल्लाने लगा। वह तो गनीमत रही कि पीड़ित महिला के पति पत्रकार ने उस संपादक और उसके परिवार को बख्श दिया वरना माहौल तो ऐसा बन गया था कि उस चोर युवती के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कर उसे हमेशा-हमेशा के लिए अपराधी की तख्ती टांग भी जाती।
जब सारी रामायण लिख दिए तो संपादक का नाम लिखने में कौन सी दिक्कत अा रही थी। वैसे पत्रकार बिरादरी तो पहले से ही बदनाम है, आज उसे एक और पदक प्राप्त हो गया।