सहारा इंडिया पर कोर्ट अवमानना नोटिस जारी

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पूछा: 24 हजार करोड़ की अदायगी ब्याज समेत क्यों नहीं किया

: सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन व सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन पर सुप्रीम कोर्ट की भृकुटी तनी : 30 जुलाई के बाद मामले की सुनवार्इ स्थगित नहीं होगी :

नई दिल्ली : निवेशकों का पैसा वापस करने के आदेश पर अमल न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के खिलाफ सख्ती दिखाई है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को समूह की दो कंपनियों- सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन व सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन को अवमानना नोटिस जारी कर दिए। कोर्ट के बीते साल 31 अगस्त के आदेश के मुताबिक इन दोनों कंपनियों को निवेशकों के करीब 24,000 करोड़ रुपये ब्याज सहित सेबी के पास जमा कराने थे। इन कंपनियों ने अभी तक पूरे पैसे का भुगतान नहीं किया है।

जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जेएस खेहर की पीठ ने पूंजी बाजार नियामक सेबी की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर कंपनियों को ये नोटिस जारी किए हैं। नियामक ने अवमानना याचिका में आरोप लगाया है कि सहारा समूह की इन दोनों कंपनियों ने भुगतान करने के सुप्रीम कोर्ट के बीते साल पांच दिसंबर के आदेश का पालन नहीं किया है। वैसे, पीठ ने सहारा के अनुरोध पर मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक स्थगित कर दी। साथ ही कहा कि कंपनी को तब तक जवाब देना होगा। इसके बाद भविष्य में सुनवाई स्थगित नहीं की जाएगी।

शीर्ष अदालत ने बीते साल दिसंबर में सहारा को निवेशकों से जुटाई रकम वापस करने के लिए थोड़ा समय और दे दिया था। सेबी का आरोप है कि सहारा ने उस आदेश का पालन नहीं किया है। इस याचिका के अलावा सेबी ने एक और अवमानना याचिका दाखिल कर रखी है, जिस पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट सहारा समूह के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर चुका है।

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