साध्वी प्रज्ञा की धमकी, सिंहस्थ जाने नहीं दिया तो आत्महत्या

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: सुरक्षा की पर्याप्त  सुरक्षा न मिलने से बहुत खफा हैं प्रज्ञा : अस्पताल में ही अनशन पर बैठ गयी हैं साध्वीप प्रज्ञा, दवा व पानी भी बंद :

मालेगांव ब्लास्ट मामले में मकोका के आरोपों से बरी हुई साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अब अपने तेवर तीखे कर दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद भी सिंहस्थ जाने के लिए सुरक्षा इंतजाम न होने से नाराज साध्वी सोमवार सुबह 10 बजे से खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में अनशन पर हैं। उन्होंने भोजन व दवाइयां बंद कर दी हैं। साध्वी की ओर से उनके विश्वस्त भगवान झा ने बताया कि प्रज्ञा सिंहस्थ खत्म होने तक अनशन पर रहेंगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें सिंहस्थ में जाने से रोका गया तो 21 मई को रात 8 बजे अपने प्राण त्याग देंगी।

साध्वी का आरोप है कि शोषितों वंचितों की बात करने वाली मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें सबसे ज्यादा परेशान किया है। यदि मुझे कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार पुलिस अधिकारी होंगे। साध्वी प्रज्ञा ने 4 मई को ही देवास कोर्ट से सिंहस्थ में शिप्रा स्नान व महाकालेश्वर दर्शन के लिए एक दिन की विशेष अनुमति ले ली थी। शेष | पेज 9 पर कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि 21 मई से पहले एक दिन के लिए एंबुलेंस में सशस्त्र पुलिस बल के साथ प्रज्ञा को सिंहस्थ मेले में शामिल होने उज्जैन लेकर जाया जाए।

साध्वी का आरोप है कि शोषितों वंचितों की बात करने वाली मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें सबसे ज्यादा परेशान किया है। यदि मुझे कुछ हुआ तो इसके जिम्मेदार पुलिस अधिकारी होंगे। साध्वी प्रज्ञा ने 4 मई को ही देवास कोर्ट से सिंहस्थ में शिप्रा स्नान व महाकालेश्वर दर्शन के लिए एक दिन की विशेष अनुमति ले ली थी। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि 21 मई से पहले एक दिन के लिए एंबुलेंस में सशस्त्र पुलिस बल के साथ प्रज्ञा को सिंहस्थ मेले में शामिल होने उज्जैन लेकर जाया जाए। कोर्ट के आदेश के बाद जेल प्रशासन की ओर से भोपाल पुलिस को 5 मई को ही इस बात की जानकारी दे दी गई थी, लेकिन भोपाल पुलिस ने यह कहकर सुरक्षा प्रबंध करने से इंकार कर दिया कि 850 पुलिसकर्मी पहले से ही सिंहस्थ में भेजे गए हैं। सुरक्षा खतरों को देखते हुए सिंहस्थ जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में प्रज्ञा को भेजना उनकी सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। इसकी जानकारी जब प्रज्ञा को मिली तो वह भड़क गईं।

कोर्ट के आदेश के बाद जेल प्रशासन की ओर से भोपाल पुलिस को 5 मई को ही इस बात की जानकारी दे दी गई थी, लेकिन भोपाल पुलिस ने यह कहकर सुरक्षा प्रबंध करने से इंकार कर दिया कि 850 पुलिसकर्मी पहले से ही सिंहस्थ में भेजे गए हैं। सुरक्षा खतरों को देखते हुए सिंहस्थ जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में प्रज्ञा को भेजना उनकी सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। इसकी जानकारी जब प्रज्ञा को मिली तो वह भड़क गईं। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश पुलिस के इस रवैए की शिकायत की है। उधर प्रज्ञा के परिजनों का कहना है कि भोजन व दवा नहीं खाने से उनका स्वास्थ्य और बिगड़ता जा रहा है।

मालेगांव ब्लास्ट मामले में मकोका के आरोपों से बरी हुई साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने अब अपने तेवर तीखे कर दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद भी सिंहस्थ जाने के लिए सुरक्षा इंतजाम न होने से नाराज साध्वी सोमवार सुबह 10 बजे से खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में अनशन पर हैं। उन्होंने भोजन व दवाइयां बंद कर दी हैं। साध्वी की ओर से उनके विश्वस्त भगवान झा ने बताया कि प्रज्ञा सिंहस्थ खत्म होने तक अनशन पर रहेंगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें सिंहस्थ में जाने से रोका गया तो 21 मई को रात 8 बजे अपने प्राण त्याग देंगी।

उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश पुलिस के इस रवैए की शिकायत की है। उधर प्रज्ञा के परिजनों का कहना है कि भोजन व दवा नहीं खाने से उनका स्वास्थ्य और बिगड़ता जा रहा है।

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