साढ़े पांच फीसदी घूस उगाहता है नगर आयुक्‍त

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: आगरा उत्‍तर से भाजपा के विधायक ने किया खुलासा कि कैसे लूटमार चल रही है आगरा के सरकारी महकमों पर : नगर निगम के ठेकों में न्‍यूनतम 29 फीसदी रकम तो सिर्फ कमीशन में हड़प लिया जाता है :  जगन प्रसाद गर्ग ने योगी समेत आला अफसरों तक को इस डकैती की खबर भेजी :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अपनी बीवी मुमताज महल की याद में भले ही शाहजहां ने आगरा में एक नायाब ताजमहल तैयार कर दिया हो। भले ही सरकार ने देश के मंद-बुद्धि अथवा मानसिक रूप से बेहद बिगड़ चुके बीमारों के लिए एक बेहतर पागलखाना आगरा में तमील कर दिया हो, लेकिन इन सब के बावजूद सच यही है कि आगरा सरकारी अफसरों की एक सबसे मुफीद चरागाह से कम नहीं है। कम से कम, आगरा के विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने जो एलान किया है, उससे साबित होता है कि अकेले आगरा की अफसरशाही सरकारी रकम को लूटने में अव्वल है।

मुख्‍यमंत्री और नगर विकास मंत्री को एक बड़ा पत्र भेजा है। जगन प्रसाद गर्ग भारतीय जनता पार्टी की ओर से आगरा उत्तर विधानसभा प्रतिनिधित्‍व करते हैं। पिछले दिनों उन्होंने उपरोक्त मंत्रियों को पत्र भेजकर बताया था कि वहां नगर निगम में आम आदमी के लिए नागरिक सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर जो ठेके उठते हैं, नगर निगम के अफसर बेहिसाब लूटमार करते हैं। उनका यह डाका नगर निगम के सरकारी खजाने पर होता है। जो सूची गर्ग ने मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को थमाई है उसके हिसाब से नगर निगम नगर आयुक्‍त से लेकर मुख्‍यमंत्री और अवर अभियंता तथा आडिट व लेखा वगैरह विभाग में भारी कमीशनखोरी होती है।

गर्ग की सूची के मुताबि‍क यहां के नगर निगम आयुक्त यहां के हर काम पर साढ़े पाचं फ़ीसदी कमीशन खाते हैं जबकि मुख्य जबकि मुख्य अभियंता उस ठेके की साढे़ चार फ़ीसदी कमीशन चर जाते हैं। अधिशासी अभियंता का हिस्सा 2 फ़ीसदी होता है और ठीक इतनी ही दो फीसदी रकम सहायक अभियंता भी खा जाते हैं। अवर अभियंता पांच फीसदी लेता है, और लूट-खसोट होती है जबकि सुपरवाइजर अपने लिए एक फीसदी राशि वसूल करता है। यहां के निर्माण विभाग में काम करने वाले डीलिंग लिपि लिखा और डब्‍ल्‍यूपीसी एक फीसदी रकम लेते हैं मगर किसी भी भुगतान पहले तैयार होने वाली पत्रावली पर 3 फ़ीसदी का कमीशन लेखा विभाग वसूल किए बिना दस्तखत नहीं बनाता। यही हालत यहां की निगरानी करने वाले डिपार्टमेंट का है, यहां के लुटेरे ऑडिटर 3 फ़ीसदी कमीशन लूटते हैं। गर्ग ने जो सूची दी है उसमें केवल यही तक कमीशनखोरी की सीमा नहीं है बल्कि दो अन्य फीसदी रकम की उगाही भी अन्‍य खर्च के तौर पर सीधे ठेकेदारों से की जाती है।

जगन प्रसाद गर्ग ने बताया है कि इस कमीशनखोरी के चलते नगर निगम के निर्माण कार्य में गुणवत्ता कहीं दूर-दूर तक नहीं है। गर्ग बताते हैं कि कमीशन की इस भारी लूटमार का सीधा असर नगर निगम के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर बेहिसाब पड़ रहा है। आम आदमी तो परेशान है ही, ठेकेदार भी कैसे कैसे घटिया निर्माण करने पर मजबूर हैं। इस पत्र में जगन प्रसाद गर्ग ने यह जिक्र नहीं किया है कि वहां आगरा विकास प्राधिकरण या पीडब्‍ल्‍यूडी जैसे अन्य निर्माण और अनुरक्षण विभागों पर कमिशन की क्या स्थिति है।

www.meribitiya.com के संवाददाता ने इस पत्र पर विधायक जगन प्रसाद गर्ग से बातचीत की थी। उन्होंने कुबूल किया कि यह पत्र उन्‍होंने ही लिखा है। उन्‍होंने बताया कि किसी और जिलों के मुकाबले आगरा में लूटमार बेहिसाब है। यह पूछने पर कि भाजपा के विधायक होने के बावजूद आपने इस मामले को सरकार की बजाए सार्वजनिक रूप से क्यों उठा दिया है, उनका कहना था कि हमने भाजपा का विधायक का दायित्व निभाया है। हम चाहते हैं कि सरकार के अफसरों पर अंकुश लगाएं ताकि आम आदमी को राहत मिल सके।

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