राफेल पर फैसला: सच तो छाप दिया है द टेलीग्राफ ने

बिटिया खबर
: राफेल पर फैसले को लेकर चिंदियां बिखेर डाली हैं इस अंग्रेजी अखबार ने : तीन-तीन काबिल जजों की कोर्ट ने सुनाया यह फैसला, और इतनी बड़ी गलती ? :

रवीश कुमार
नई दिल्‍ली : एक अख़बार यह भी है। कोर्ट इतनी बड़ी ग़लती कैसे कर सकता है? या सरकार से ये ग़लती हुई? कौन सी सीएजी की रिपोर्ट की बात लिखी है जो पब्लिक अकाउंट कमेटी में जमा हुई? पब्लिक अकाउंट कमेटी को तो क़ीमतों पर सीएजी की किसी रिपोर्ट की जानकारी ही नहीं।

तीन तीन क़ाबिल जजों के फ़ैसले में ऐसी चूक हो सकती है क्या? तीनों ने फ़ैसले की कापी पढ़ने के बाद ही दस्तखत किए होंगे। क्या वाक़ई सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सीएजी की कोई रिपोर्ट दिखाई ? पीएसी में सीएजी ने कौन सी रिपोर्ट दिखाई गई?

आप भी फ़ैसले के प्वाइंट नंबर 25 को पढ़िए। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर फ़ैसला मिल जाएगा।

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