बोले: मंत्री बनाना तो मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है
: मेरे खिलाफ बड़ी साजिश थी, लेकिन इसमें सपा के लोग शामिल नहीं थे : जिया उल हक को मेरे खिलाफ बेच रहे थे मेरे विरोधी : साजिशकर्ताओं का नाम बताने से परहेज कर रहे हैं राजा भैया :
लखनऊ : कुंडा में मारे गए सीओ जियाउल हक की विधवा परवीन आजाद के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखवाने का या मानहानि का कोई मुकदमा दर्ज कराने का इशारा तो राजा भैया ने किया है, लेकिन समझा जाता है कि वे इस बारे में कोई भी फैसला समाजवादी पार्टी के रवैये को देख कर ही करेंगे। उनका कहना है कि वे ऐसा कुछ भी अपने सर्मथकों और अपने क्षेत्र के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद ही करेंगे. मंत्री पद की वापसी के बारे में उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।
राजा भैया ने कहा कि ये सारा मामला उनके खिलाफ एक साजिश थी, जिसमें कुंडा में रहने वाले प्रदेश के बड़े नेता भी शामिल हैं. हालांकि उन्होंहने कहा कि इसमें कोई समाजवादी पार्टी का नेता नहीं है, लेकिन उन्होंने साजिशकर्ताओं का नाम बार-बार पूछने के बाद भी नहीं बताया.
राजा भैया ने कहा, ‘हमारे साथ दुर्भाग्य है कि जहां कुंडा या प्रतापगढ़ का नाम आता है, वह मीडिया की सुर्खियां बन जाता है, झेलना हमको पड़ता है. देखिए कुंडा बहुत सेंसिटिव जगह है. कुंडा में बहुत बड़े-बडे़ नेताओं के घर हैं. प्रदेश स्तर के कई नेता कुंडा के निवासी हैं. कई बार इशारा किया जा रहा है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सपा का कोई भी नेता
इस साजिश में नहीं था. जिन्होंने इस साजिश को हवा दी, मैं नहीं समझता हूं कि उसने कोई सही काम किया. मरहूम सीओ जियाउल हक की हत्या से उनको कोई शोक या चिंता ही नहीं थी. उनका मकसद था कि राजनैतिक साजिश रच करकर बदनाम करके एक हंगामा खड़ा किया जाए.
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