मंत्री पारसनाथ यादव को यकीन है कि लक्‍की उनकी औलाद नहीं, लेकिन एफआईआर दर्ज न होगी

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: कुख्‍यात और मरकहे मंत्री-पुत्र और उसके गनर ने सरेआम लठियाय दिया पत्रकार को : खुद को यूपी का मिनी मुख्‍यमंत्री कहलाते हैं पारसनाथ यादव : पारसनाथ यादव ने शाम को फोन कर घटना पर दुख व्‍यक्‍त किया, लेकिन कार्रवाई नहीं : 24 अगस्‍त को तय हो सकती है पत्रकारों की रणनीति और कप्‍तान की कार्रवाई :

कुमार सौवीर

लखनऊ : जौनपुर के बेताज बादशाह हैं पारसनाथ यादव और उनकी उद्दण्‍ड औलाद लकी यादव। लेकिन उन बाप-बेटे की बादशाही तब तक ही बनी रहती है, जब तक समाजवादी पार्टी की सरकार होती है। सपा सरकार का परदा गिरने के बाद से यह बाप-बेटे न जाने किस बिल में अपनी बादशाही घुसेड़ कर छिप जाते हैं। मगर जब तक सपा की सरकार रहती है, यह लोग सीधे अग्नि में लघुशंका करने बैठ जाते हैं। बीते 21 अगस्‍त-16 को इसी भस्‍मासुरी लकी और उसके नाजायज गनर ने एक पत्रकार को भरी बाजार में डण्‍डों से पीट दिया।

यह मामला जौनपुर के मडि़याहूं-जौनपुर मार्ग के पास पाली बाजार के पास हुआ। वक्‍त था शाम करीब चार बजे का। फ्लाईओवर के निर्माण की प्रक्रिया के चलते इस बाजार में जाम लगा हुआ था। अचानक तेज सायरन बजाती एक स्‍कार्पियो नुमा कार ने पहले तो जाम में फंसे बेबस-निरीह नागरिकों को गालियां दीं, फिर पारसनाथ यादव के बेटे लक्‍की यादव और उसके नाजायज गनर ने डण्‍डा लेकर जाम में फंसे लोगों पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया।

इसी बीच अपनी मोटरसायकिल सवार एक पत्रकार ब्रजराज चौरसिया भी इस जाम में फंसे हुए थे। वे मडि़याहूं से जौनपुर जा रहे थे। गुण्‍डागर्दी पर आमादा वह लक्‍की यादव लगातार भद्दी गालियां बरसा रहा था नागरिकों पर। लक्‍की की शह पर उसके गनर ने ब्रजराज पर भी लाठियां बरसा दीं। ब्रजराज बताते ही रह गये कि वह पत्रकार हैं, लेकिन मदहोश गनर ने पत्रकार ब्रजराज पर कई लाठियां बरसा दीं, और मोटरसायकिल का शीशा, हैलमेट  और टंकी तोड़ दी। यह अभद्रता और हमला देख कर ब्रजराज ने लक्‍की यादव से शिकायत की, तो लक्‍की ने ब्रजराज को भी गालियां देते हुए कहा कि:- साले मादर—– जनता सिर्फ गाली और लाठी की भी भाषा समझती है।

ब्रजराज ने लौट कर पत्रकारों को पूरी दास्‍तान बतायी और पुलिस व प्रशासन के बड़े अफसरों को लिखित अर्जी भेजी। खबर है कि यह अर्जी तो इन अफसरों ने ले लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि कई पत्रकार संघों के प्रतिनिधियों ने बाद में इस बारे में कई बार अफसरों से फोन पर बातचीत की, लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया। मगर चंद घंटों में ही यह घटना जंगल की आग की तरह शहर भर में फैल गयी।

एक वरिष्‍ठ पत्रकार ने न्‍यूज पोर्टल  को बताया कि शाम को मंत्री पारसनाथ यादव ने ब्रजराज चौरसिया को फोन किया और पूरी जानकारी हासिल की। इस पत्रकार ने बताया कि पूरी जानकारी हासिल करने के बाद पारसनाथ यादव ने ब्रजराज से घटना पर दुख व्‍यक्‍त किया, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि अगर लक्‍की यादव ने ऐसा किया है तो यकीनन वह लक्‍की उनकी असली औलाद नहीं है। बताते हैं कि पारसनाथ यादव ने आश्‍वासन दिया है कि जन्‍माष्‍टमी के दौरान वे इस मामले में हस्‍तक्षेप करेंगे।

उधर न्‍यूज पोर्टल www.meribitiya.com से बातचीत करते हुए जौनपुर के पुलिस कप्‍तान अतुल सक्‍सेना ने स्‍वीकार किया कि लक्‍की यादव को कोई भी सरकारी गनर मुहैया नहीं कराया गया है। उन्‍होंने बताया कि अगर पत्रकार पर हमला करने वाला वह हमलावर पुलिस का सिपाही है, तो वह लक्‍की यादव की सुरक्षा के बजाय, मंत्री पारसनाथ यादव की सुरक्षा में ही होगा। www.meribitiya.com ने जब यह पूछा कि इस मामले में पत्रकार की शिकायत के बावजूद कोई रिपोर्ट दर्ज क्‍यों नहीं की गयी, अतुल सक्‍सेना ने बताया कि केराकत में तनाव के चलते वे दो दिनों से बहुत व्‍यस्‍त थे। लेकिन कल यानी 24 अगस्‍त को इस मामले पर कार्रवाई करेंगे।

उधर खबर है कि जिले के विभिन्‍न पत्रकार संगठन इस हादसे पर अपनी रणनीति तय करने के लिए कल 24 अगस्‍त को ही बैठक करेंगे। लेकिन इस और ऐसे हादसों-हमलों पर www.meribitiya.com लगातार सतर्क और सक्रिय है।

लक्‍की यादव की गुण्‍डागर्दी से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- गुण्‍डा भस्‍मासुर

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