: मासूम बच्ची से महीनों तक बलात्कार करता रहा हाफिज की खाल में छिपा रेपिस्ट : अखिलेश यादव यूपी में महिला-सुरक्षा की ढफली बजाते हैं, जौनपुर में पुलिस-प्रशासन करती है लीपा-पोती : न जाने किस मुंह से यूपी में महिला सुरक्षा के नारे लगाते हैं पुलिस और प्रशासन के लोग :
कुमार सौवीर
जौनपुर : इस हाफिज की शर्मनाक कहानी सुनना पसंद करेंगे आप। जान कर धर्म के बेशर्म धंधेबाजों पर आपको शर्म आयेगी, उन पर से यकीन उठ जाएगा, और खुद को ऐसी इंसानी बिरादरी पर गुस्सा। इस दुराचारी हाफिज ने पहले एक मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। जब वह गर्भवती हो गयी, तो उसका साढ़े पांच महीने का गर्भपात कराने के लिए जुगत भिड़ाने लगा। यह नहीं हो पाया, तो मामला दबाने और उसे चुप कराने के लिए उस बच्ची के घरवालों को तीन लाख रूपया तक देने की पेशगी देने की कोशिश की। मगर बच्ची के घरवालों ने जब उसका प्रस्ताव नहीं माना तो बलात्कार का मामला दर्ज करने के डर से उस बच्ची से शादी कर ली, मगर शादी करने के एक महीने बाद ही उस बच्ची को मार-पीट कर घर से भगा दिया। अब वह हाफिज फरार है और पुलिस बिलकुल खामोश। जबकि अभी 19 दिन पहले इस बच्ची ने एक बेटी को जन्म दे दिया है।
पिछले कई बरसों से जौनपुर सिर्फ आतंक के साये में है। कब किसके साथ क्या हो जाए और उसका का मामला किसी तीसरे के माथे पर चस्पा कर दे, कोई भी नहीं जानता है। खासकर महिलाओं के मामले में तो यहां की पुलिस और प्रशासन की करतूतें किसी शातिर अपराधी के मानिन्द लगती हैं। अब यह तो सब को पक्का यकीन हो चुका है कि इस मामले में प्रशासन और पुलिस कुछ भी नहीं करेगी। वजह यह कि जौनपुर की आपराधिक राजनीति और यहां का नपुंसक प्रशासन और पुलिस लगातार पौरूषहीन होता जा रहा है। आम आदमी को अत्याचार और अन्याय के खिलाफ हुक्मरानों के पास न वक्त है और न ही प्राथमिकता। बच्ची और उसकी मां व विकलांग पिता ने इस मामले को दारोगा, कोतवाल, सीओ और एसपी-डीएम तक के यहां कई-कई बार गुहार लगायी है, मगर कुछ भी नहीं हुआ। वैसे भी एक स्थानीय पत्रकार का आशंका है कि अगर मामला ज्यादा भड़का तो पुलिस और प्रशासन उस हाफिज पर कार्रवाई करने के बजाय, उल्टे उस लड़की और उसके विकलांग मां-बाप पर आरोप लगा देंगे उन्हीं लोगों ने हाफिज का बलात्कार किया है।
एक स्थानीय जागरूक मुस्लिम शख्स ने इस हादसे की जानकारी पोर्टल www.meribitiya.com तक पहुंचायी। पोर्टल www.meribitiya.com से बातचीत के दौरान वे इस हादसे पर बेतरह नाराज थे। बोले कि:- शर्म आती है कि यह सज्जन खुद को बिलकुल ईमान वाले कहलाते हैं। मुसल्लम ईमान। पूरा कुरान मुंह-जुबानी याद है, क्योंकि मदरसे में हाफिज तक पढ़ाई की है। रमजान के महीने पर तराबी पढ़ते हैं। पांचों वक्त की नमाज पढ़ते हैं, इसके पहले इस्तिन्जा पाक करते हैं, उसके बाद वजू करते हैं और नीयत बांधते हैं। सिर पर जालीदार टोपी और टांगों में उठंगा पायजामा चढाते हैं। वहाबी इस्टाइल में दाढ़ी रखते हैं, मूंछ सफाचट रखते हैं। बात-बात पर तौबा बोलते हैं। अल्लाह और उसकी रहनुमाई के सदके देते हैं। सीना ठोंक कर दावा करते हैं कि अल्लाह सर्वोच्च है, और मुसलमान के अलावा बाकी सारे लोग इंसान नहीं, काफिर होते हैं। लेकिन पिछले दिनों उन्होंने खुद को बलात्कार के इल्जाम से बचने के लिए छह महीने की एक गर्भवती कमसिन लड़की से शादी कर ली, मगर उसके बाद उसे मार-पीट कर घर से भगा दिया है। उसे तलाक देने तक की जहमत नहीं उठायी है इन हाफिज साहब ने।
यह मामला है जौनपुर के बागीचा उमर खां मोहल्ले का। नगर कोतवाली क्षेत्र में बड़ी मस्जिद के पास रहते है इस बच्ची का परिवार। पिता दोनों पैरों से विकलांग है और बीड़ी की एक मामूली-सी दूकान चलाता है। घर में मां, दो छोटे भाई और एक बहन है। अपने पति को दोपहर भोजन पहुंचाने के लिए उस बच्ची की मां रोजाना जाती थी। जबकि बाकी बच्चे मदरसे में पढ़ने चले जाते थे। बड़ी बेटी घर में ही रहती थी।
इसी मोहल्ले में रहने वाले एक फैज अंसारी पुत्र मुन्ने ने इस साढ़े 16 बरस की बच्ची को एक दिन उस वक्त दबोच लिया जब वह उसकी मां अपने पति को दोपहर का खाना देने के लिए गयी हुई थी। डर के मारे बच्ची ने इस हादसे का जिक्र अपनी मां से नहीं किया, लेकिन बस यही उसकी सबसे बड़ी गलती हो गयी। उसके बाद तो फैज अंसारी ने उसे रोज ही अपनी हवस का शिकार बनाना शुरू कर लिया। एक दिन अचानक उसका फूला पेट देख कर उसकी मां का दिमाग चकराया, जब पूछताछ शुरू हुई तो बच्ची ने हकीकत बयान कर दी।