350 बहादुर महिला अफसरों में इकलौता चयन
नई दिल्ली : देश की जाबांज युवतियां अब बहादुरी के नये-नये करतब दिखा रही हैं। जाहिर है कि भारतीय सेना में शामिल इन महिला अधिकारियों ने दुनिया की आधी आबादी की सफलता के झंडे गाड़ना शुरू कर दिया है। ताजा खबर है कि युवा खुफिया अधिकारी लेफ्टिनेंट गेनेवी लालजी एक सेना कमांडर की महत्वपूर्ण सहायक के पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रचने जा रही हैं।
यह सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के रक्षा बल में महिलाओं को अधिक अवसर प्रदान किए जाने के प्रयासों का हिस्सा है. गेनेवी मध्य सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजन बक्शी की ‘एड डी कैंप्स’(एडीसी) होंगी जो एक जुलाई को लखनऊ में पदभार संभालने जा रहे हैं. एडीसी वे अधिकारी होते हैं जो सेना प्रमुख और सेना कमांडरों समेत शीर्ष अधिकारियों के निजी सहायकों के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं.
तीसरी पीढ़ी की सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट लालजी को वर्ष 2011 में कोर ऑफ मिल्रिटी इंटेलीजेंस में कमीशन प्रदान किया गया था और उन्होंने पुणे में युवा अधिकारियों के प्रशिक्षण के दौरान कई उपलब्धियां हासिल कीं. एक सेना अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि उन्हें कड़ी चयन प्रक्रिया के बाद इस नियुक्ति के लिए चुना गया है. बल में महिला अधिकारियों के प्रोत्साहन और उत्साह के स्तर को मापने के लिए कराए गए एक अध्ययन के बाद जनरल सिंह ने यह कदम उठाया. इस प्रक्रिया में करीब 350 महिला अधिकारियों का साक्षात्कार लिया गया और कठिनाइयों में उनका साहस, उनकी क्षमता और मजबूती को परखा गया.
एक अधिकारी ने बताया कि कई महिला अधिकारी लड़ाकू भूमिका में शामिल होने की इच्छुक थीं जिन्हें प्रशासन ने आश्वासन दिया कि यह चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है तथा उन्हें निकट भविष्य में अधिक बड़ी तथा अधिक महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है.