: मुकदमा वापस लेने के लिए फोन पर दलित को गालियां दी थीं मेनका गांधी ने : फिलहाल तो पुलिस इस मामले को नजरअंदाज करने की फिराक में दिख रही : लगातार तेज होती जा रही हैं केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के खिलाफ आवाजें :
कुमार सौवीर
लखनऊ : पीलीभीत के एक दलित को ऊंची जाति के पक्ष में खड़ी हो चुकीं मेनका गांधी पर आरोपों का शिकंजा और कसता जा रहा है। पहले उस दलित की आवाज को गांव में ही दबोचने की कोशिश, फिर उसे फोन पर हरामजादा की गाली देकर उसे मुकदमा वापस न लेने पर गांव से निकाल कर बाहर तबाह कर देने की धमकी का मामला अभी ठण्डा भी नहीं हुआ था कि अब एक नया विवाद मेनका गांधी के खाते में जुड़ गया है। अब आरोप लगाये जा रहे हैं कि शंकर नामक उस दलित की नाबालिग बेटी को अगवा कर लिया गया था।
उधर दलित शंकर को हरामजादा की गाली देकर धमकी देने वाले ऑडियो टेप को दोबारा पुलिस अधीक्षक मुनिराज को सौंप दी गयी है। इसके पहले मुनिराज ने ऐसे किसी ऑडियो न पाने की बात कही थी। लेकिन उसी मामले में क्षेत्र के ही एक सीओ ने दावा किया था कि उसे वह ऑडियो फाइल मिल चुकी है और उसका परीक्षण किया जा रहा है। लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पुलिस इस मामले में कौन से कार्रवाई करेगी और कब तक करेगी। इस मामले में लगातार दबाव बना रहे आप पार्टी के नेताओं का कहना है कि चूंकि यह मामला एक केंद्रीय मंत्री का है, इसलिए पुलिस इस मामले को ठण्डे बस्ते में रख रही है।
आपको बता दें कि गांव में जमीन के विवाद में जब एक दलित ने कई गांववालों को एसटी-एसएसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया तो इस पर हंगामा मच गया था। चूंकि कुल करीब 1600 वोटों वाले इस गांव में दलित केवल 100 के करीब हैं और बाकी वोट पिछड़ी जाति के हैं, इसलिए आरोपों के अनुसार वोटों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में करने के लिए मेनका गांधी उस दलित के खिलाफ खड़ी हो गयीं, उस दलित के खिलाफ घेराबंदी की और उसके बाद उसे फोन पर गालियां व धमकियां दीं।
आप पार्टी के संदीप सक्सेना के अनुसार उक्त थाना क्षेत्र की दलित महिला ने एसपी से केंद्रीय महिला एवम बाल विकास मंत्री व पीलीभीत की सांसद द्वारा फ़ोन पर जान से मरवाने की धमकी दिए जाने की शिकायत की है। पीड़िता ने धमकी का ऑडियो भी एसपी को सौपा है। एसपी ने मामले में क्षेत्राधिकारी को जांच के आदेश दिए है। पीलीभीत के बरखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव अलकथान निवासी दलित महिला जानुका देवी ने आज पुलिस लाइन पहुचकर केंद्रीय महिला एवम् बाल विकास मंत्री व ज़िले की सांसद मेनका गांधी द्वारा फ़ोन पर एक मामले में समझौता न करने पर गाव से निकलवाने व जान से मरवाने की धमकी दिए जाने का ऑडियो पुलिस अधीक्षक मुनिराज को सौपते हुए मामले की शिकायत की है।
पीड़िता की माने तो उसके घर के आँगन की दीवार को तोड़ कर गाव के कुछ दबंगों द्वारा जबरन दरवाजा लगाने का प्रयास किया जा रहा था। जिस पर पीड़िता ने आरोपियों के विरुद्ध बरखेड़ा थाने के मुकदमा अपराध सं. 461/2016 में आईपीसी की धारा 363,354,323,504 सहित एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था बाबजूद इसके बरखेड़ा पुलिस ने अब तक आरोपियों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की है।
एसपी ने जहां पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सम्बंधित क्षेत्राधिकारी को जांच के आदेश दिए है।वही ऑडियो की वॉइस् हाईप्रोफाइल जनप्रतिनिधि के नाम से जुडी होने के चलते पुलिस भी अब मामले में सभी पहलुओं पर जांच करेगी।
लेकिन इस मामले में तब एक नया नाटकीय मोड़ आ गया जब दो स्थानीय अखबारों ने एक नयी खबर छाप दी कि शंकर लाल से मुकदमा वापस कराने के लिए विपक्षी लोगों ने उसकी बेटी का अगवा कर लिया था। अब सूत्र बताते हैं कि उस अगवा की गयी बेटी को तब ही छोडा गया जब शंकर लाल ने उस मुकदमे को वापस करने की अर्जी अदालत में लगा दी। अब खबर है कि वह बच्ची अपने घर पहुंच गयी है, लेकिन गांव के दलितों में आतंक फैल गया है।
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