: कानूनगो ने वापस ले ली मंत्री-प्रतिनिधि के खिलाफ अपनी रिपोर्ट : सरकारी फैसले के बाद भासपा का फैसला कि अब 4 को नहीं होगा घेराव : भासपा के जिलाध्यक्ष ने कर रख रखा था सरकारी जमीन पर कब्जा :
मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता
गाजीपुर : मुख्यमंत्री से सोमवार को मंत्री ओमप्रकाश राजभर की मुलाकात रंग आ गयी। श्री राजभर के प्रतिनिधि रामजी राजभर के खिलाफ दलित कानूनगो बालचंद्र राम की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर वापस ले ली गई। कयास लगाया जा रहा है कि इससे जहां कैबिनेट मंत्री की मूंछ रह गई वहीं डीएम संजय कुमार खत्री की कुर्सी भी फिलहाल सुरक्षित हो गई है।
हालांकि लखनऊ में एनेक्सी भवन में मुख्यमंत्री से मिलने के बाद श्री राजभर ने मीडिया को बताया कि उनकी 19 सूत्री मांग में मुख्यमंत्री ने 17 मांगें तत्काल मान ली है। लिहाजा गाजीपुर डीएम के खिलाफ चार जुलाई को उनकी पार्टी का प्रस्तावित घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। लेकिन डीएम के हटाने के सवाल पर उनका जवाब साफ नहीं रहा जबकि उनकी मांगों में गाजीपुर डीएम को हटाने की मांग प्रमुख थी। खबर यह भी मिली है कि मुख्यमंत्री ने डीएम संजय कुमार खत्री को तत्काल हटाने की बात से अपने कैबिनेट मंत्री को राजी कर लिया।
यूपी की नौकरशाही से जुड़ी खबरों को बांचने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री से ओमप्रकाश राजभर की मुलाकात से पहले और बाद में लखनऊ से डीएम को फोन आया। उसके बाद ही कानूनगो बालचंद्र राम को ढूंढ़ा गया और उन्हें कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि के खिलाफ दर्ज कराई गई अपनी एफआइआर वापस लेने को कहा गया। एफआइआर वापस लेने की पुष्टि मामले की विवेचना कर रहे सीओ मुहम्मदाबाद जनार्दन दूबे ने भी की। श्री दूबे ने कहा कि कानूनगो ने कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि तथा उनके खिलाफ लगाए गए अपने सारे आरोप वापस लेने के लिए लिखित आवेदन किए। उनके आवेदन को स्वीकार कर जरूरी कार्यवाही पूरी कर दी गई।
मालूम हो कि कैबिनेट मंत्री की डीएम के खिलाफ नाराजगी की वजह उनके प्रतिनिधि के खिलाफ वही एफआइआर थी। दरअसल बरेसर थाने के मनीरामपुर के नरीजन राजभर ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंच कर अपनी जमीन पर कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि और भासपा जिलाध्यक्ष रामजी राजभर के अवैध कब्जे को हटाने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने चकबंदी आयुक्त को पैमाइश कराकर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया था। उसके बाद चकबंदी आयुक्त ने गाजीपुर डीएम संजय खत्री को पत्र के जरिये समस्या का जल्द समाधान करने निर्देश दिया था। तब डीएम ने चकबंदी अधिकारियों की टीम बनाकर पैमाइश करने तथा जमीन कब्जा मुक्त कराने का निर्देश दिया था।
गाजीपुर की खबरों को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
उसी क्रम में 17 जून को कानूनगो बालचंद्र राम लेखपाल संग मौके पर जमीन की पैमाइश के लिए पहुंचे थे। कानूनगो बालचंद्र राम की एफआइआर के मुताबिक मौके पर कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि और उनके भाई राजनेत राजभर ने उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज करते हुए उन्हें भगा दिया था। वैसे उस मामले में कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि रामजी राजभर ने कहा था कि कथित मारपीट की घटना के वक्त वह मौके पर नहीं जिला मुख्यालय पर थे।