मलाला, लौट आओ और मदरसे में पढ़ो: तालिबान

बिटिया खबर

कुख्यात तालिबानी नेता अदनान राशिद ने ही मारी थी गोली

: मलाला को तालिबानियों ने ही सिर में गोली मारी थी : राशिद बोला कि तालिबानों का मकसद मलाला को मारना नहीं था : स्कूल तबाह कर रहे हैं मुसलमानों को, माकूल जगह है मदरसा :

इस्लामाबाद : संयुक्त राष्ट्र में बच्चों की शिक्षा के संबंध में मलाला के भाषण के कुछ ही दिन बाद तालिबान ने आज उनसे कहा है कि वह पाकिस्तान लौट आएं और प्रांत के किसी भी मदरसे में शिक्षा ग्रहण करें। पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की हत्या के प्रयास में वांछित तालिबान लड़ाका अदनान राशिद ने मलाला को एक पत्र लिखा है। तालिबान ने ही पिछले वर्ष अक्तूबर में मलाला पर हमला किया था जिसमें उनके सिर में गोली लगी थी।

राशिद ने लिखा है, मैं आपको घर वापस आने, इस्लामी और पश्तून संस्कृति अपनाने, अपने गृहनगर के निकट महिलाओं के किसी भी इस्लामी मदरसे में पढ़ने, अल्लाह की पुस्तक का ज्ञान पाने, अपनी कलम का इस्तेमाल मुसलमान समुदाय के भले के लिए करने और नयी दुनिया के नाम पर पूरी मानवता को दास बनाने की साजिश में लगे छोटे से कुलीन वर्ग का पर्दाफाश करने की सलाह देता हूं। करीब 2,000 शब्दों का यह पत्र 15 जुलाई को लिखा गया है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कहां से भेजा गया है। इसे आज मीडिया में जारी किया गया।

वायुसेना के पूर्व कर्मी राशिद ने 16 वर्षीय मलाला पर हुए हमले को उचित ठहराने का प्रयास करते हुए दावा किया कि वह ‘तालिबान-विरोधी अभियान’ में शामिल थी। राशिद ने लिखा है:- तालिबान ने आप पर हमला स्कूल जाने या आपको शिक्षा से प्रेम होने के कारण नहीं किया। कृपया इस बात पर भी ध्यान दें कि तालिबान या मुजाहिद्दीन किसी भी पुरूष, महिला या बच्ची की शिक्षा के खिलाफ नहीं हैं।

तालिबान लड़ाका अदनान राशिद ने अपने पत्र में लिखा है, तालिबान का मानना है कि आप जानबूझ कर उनके खिलाफ लिख रही थीं और स्वात में इस्लामी शासन स्थापित करने की उनकी कोशिशों पर पानी फेरने के लिए एक अभियान चला रही थीं और आपकी लेखनी उकसाने वाली थी। उसने आगे लिखा है कि स्कूलों के बर्बाद होने के पीछे सिर्फ उग्रवादी इकलौते कारण नहीं हैं। उसने दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना स्कूलों को बैरक की तरह इस्तेमाल करती है।

मलाला ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करते रहने की अपील की थी। मलाला ने कहा था कि वह किसी के खिलाफ नहीं हैं और वह सभी तालिबान, सभी आतंकवादियों और सभी चरमपंथियों के पुत्रों और पुत्रियों के लिए शिक्षा चाहती हैं। मलाला ने कहा, मैं मुझे गोली मारने वाले तालिब से भी नफरत नहीं करती हूं। यदि मेरे हाथ में बंदूक हो और वह मेरे सामने खड़ा हो तब भी मैं उसे नहीं मारूंगी। पिछले वर्ष सिर में गोली लगने के बाद इलाज कराने ब्रिटेन गईं मलाला अपने परिवार के साथ फिलहाल ब्रिटेन में ही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *