: अदालते ऐसे फैसले न दें जो व्यावहारिक न हो : अमरमणि त्रिपाठी और मुख्तार अंसारी को जेल से रिहा करो : नेताओं का बस चले तो देश बेच दे। क़फन बेच दें : भारत में अगर कही भगवान हैं तो बस न्यायपालिका में :
शिवानी कुलश्रेष्ठ
लखनऊ : सबसे पहले तो मैं कहना चाहती हूं कि यह साहब आरसी कपूर का मामला पढ़ें। दूसरी बात कहना चाहती हूं कि इनकी बात का पालन करते हुए तत्काल अमरमणि त्रिपाठी और मुख्तार अंसारी को जेल से रिहा किया जाए क्योकि इन सभी के पास इतना बल हैं कि यह पूरे उत्तर प्रदेश को छावनी बना सकते हैं। जब जयललिता के भक्त लोटे-लोटे फिर रहे थे तब क्यों इनका मुंह फूट गया था? तब क्यों नही कहा कि साहब जयललिता को छोड़ दो। भक्त मर रहे हैं।
मैं सोचती थी कि केरल वेरल से सब महिलाओं के प्रति अच्छे होगें क्योकि यहां पर साक्षरता और शिक्षा हमारे उत्तर प्रदेश से अधिक हैं। इससे बढ़िया तो हमारा उत्तर प्रदेश और बिहार हैं। हमारे यहां महिलाओं के प्रति ऐसा व्यवहार नही होता। महिला अगर तेज आवाज में कह दे कि मौड़ा छेड़ रहौं हैं तो देखों फिर बाकी कैसे जूतम पजार होती हैं।
कुछ नही केरल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
मैं अगर केरल की मुख्यमंत्री होती तो उत्पातियों के पिछवाड़े में दो डंडे मारकर खदेड़ देती। न्यायपालिका को क्या करना हैं या क्या नही करना हैं आप लोग मत बताइए। न्यायपालिका आपकी तरह काम नही करती हैं। वो संविधान की रक्षक हैं। सड़क पर कितना भी लंहगा उठा उठाकर नग्नता कर लो। न्यायपालिका सर्वोच्च हैं। वो करेगी वही जो संविधान कहेगा। अगर न्यायपालिका भारत में से खत्म कर दी जाए तो आर्यावर्त भारतखंडें में बचेगा ही क्या? #मैं अधीनस्थ न्यायालय से लेकर #सर्वोच्च न्यायालय तक के जजों को बारम्बर प्रणाम करती हूं। #नमन करती हूं। #सिर झुकाती हूं। #भारत में अगर कही भगवान हैं तो बस न्यायपालिका में है। नेताओं का बस चले तो देश बेच दे। क़फन बेच दें।
दुष्ट कही के। मुझे किसी राजनीतिक पार्टी से संवेदना नही हैं। मैं सबसे नफरत करती हूं।