बुर्का तो मर्दों के लिए पाबंद किया जाना चाहिए

सैड सांग

बेहूदा फतवों पर पाकिस्तानी ब्लॉगर ने जताया कड़ा ऐतराज

: पर्दानशीन महिलाओ का रोजा खराब कर रहे है पैंट-शर्ट, कुर्ता-पाजामाधारी मुसलमान : पुरुषों को बुर्का न पहनने से रोजा खराब हो रहा है महिलाओं का : नजरें मर्दों की बुरी है जबकि फ़तवा औरते पर जारी :

मदन तिवारी

अभी कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पख्तून मे एक उल्लेमा ने फ़तवा जारी किया कि रमजान के महीने मे महिलायें बिना बुर्का के बाहर न निकले इससे रोजा खराब होता है, गलत ख्यालात दिल में आते है। पाकिस्तान की एक महिला ब्लागर ने इसके जवाब मे पोस्ट किया कि महिलाओं का रोजा भी खराब हो रहा है, गलत ख्यालात दिल में आ रहे है। पैंट –शर्ट पहनकर या टी शर्ट और कोट–टाई लगाकर बिना मुंह ढंके पुरुषों को बाजार मे देख कर महिलाओ का भी रोजा खराब हो रहा है। दिल में हलचल पैदा होने लगती है। पुरुषों को भी रमजान के महीने में बुर्का पहन कर अपने शरीर को पूरी तरह ढंक कर चलने का फ़तवा जारी किया जाय।

मर्द और औरत, दोनों इंसान हैं और दोनों के दिल मे सेक्स है। फ़िर सिर्फ़ महिलाओं को देखकर पुरुषों का रोजा ही कैसे खराब होगा ? महिलायें भी तो बुर्के के अंदर से देखती हैं। बल्कि बुर्के के अंदर से देखने पर पकडे जाने का भय नही रहता, इसलिये ज्यादा देर तक घूरती रह सकती हैं। इस ब्लॉैगर का कहना है कि पुरुषों को बुर्का न पहनने से महिलाओं का रोजा खराब हो रहा है जिसके लिये खुदा कभी भी पुरुषो को माफ़ नही करेगा। रमजान के पवित्र महिने मे इस तरह की नापाक हरकत के लिये पुरुषों को दोजख मे भी जगह नहीं मिलेगी।

मामला गंभीर है, और बहस जोर पकड चुकी है। उधर सउदी मे एक मुल्ला ने फ़तवा जारी किया है कि नवजात शिशु को भी बुर्का पहनाये क्योंकि छोटे बच्चों के बारे में भी पुरुषों को बुरे ख्यालात न आये। यह बहस व्यापक होती जा रही है। हो सकता है कि पुरुषो को भी बुर्का पहनने का फ़तवा जारी हो।

कुछ भी हो, ऐसे फतवों को लेकर एक प्रश्न तो जरुर खडा हो गया है कि क्या बुर्के मे रहने वाली औरत कि नियत स्मार्ट मर्द देखकर नही ंखराब हो सकती ? अपने पक्ष में इतिहासकारों का कहना है कि नजरें मर्दों की बुरी है जबकि फ़तवा औरते के लिये जारी होता है। बीमार मर्द है, आपरेशन औरतों का हो रहा है। (Shaikh, Sa‘diyya (2003). Encyclopedia of Islam & the Muslim World. Macmillan Reference USA. p. 33. ISBN 9780028656038)

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