लिंग-वर्द्धक अखबार में बदलाव: निर्मल पाठक आजाद, साइज 4 इंच तक सिमटा

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: अब निर्मल पाठक अकेले ही किया करेंगे सेलेब्रेटी-नेताओं का इंटरव्‍यू, शशि शेखर वाला पासंग हट गया : पहले तो नौ इंच से कम बात ही नहीं करता था यह अखबार, अब चार इंच तक सिमट गया : लेकिन सम्‍पादकीय में मोदी-भजन के सुर तेज हुए :

कुमार सौवीर

लखनऊ : लिंग-वर्द्धक यंत्र को प्रोत्‍साहित करने वाले विज्ञापनों से भरे पड़े अखबार दैनिक हिन्‍दुस्‍तान में इधर कुछ अलग किस्‍म में प्रयोग और बदलाव आये हैं। एक तो यह कि बड़े नेताओं और दीगर मंत्रियों व शख्सियतों का साक्षात्‍कार अब सीधे निर्मल पाठक ही कर रहे हैं। और दूसरा बदलाव यह है कि इस अखबार में छपने वाले लिंग-वर्द्धक यंत्र से जुड़े प्रमोशनल विज्ञापनों ने अपना दावा-नुमा टारगेट छोटा कर दिया है। अखबारी दुनिया में इस तरह का ऐसा बदलाव इस संस्‍थान के मौजूदा समाचार-प्रबंधन में आये सकारात्‍मक बदलाव का परिचायक माना जा रहा है। हां, यंत्र के साइज को लेकर पाठकों के बीच चर्चाएं अभी भी तेज ही चल रही हैं।

सच तो यही है कि इस अखबार ने पिछले चंद बरसों में एक नये प्रतिमान स्‍थापित किये हैं। विज्ञापन के क्षेत्र में तो इस लिंग-वर्द्धक समाचारपत्र ने ऐसी-ऐसी स्‍पीड पकड़ ली थी कि उसके मुकाबले बाकी बकवास अखबारों के सारे रिकार्ड ही मीलों-युगों पहुंच कर ध्‍वस्‍त हो गये। हालांकि इस रफ्तार को थामने की कोशिश इस वक्‍त अमर उजाला जरूर करने की भरसक कोशिश कर रहा है। कहने की जरूरत नहीं कि खबरों के मामले को छोड़ दिया जाए, तो कम से कम विज्ञापन के संदर्भ में दैनिक जागरण में साफ-सुथरा माहौल अब तक अक्षुण्‍ण ही है।

दैनि‍क हिन्‍दुस्‍तान से जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए

हिन्‍दुस्‍तान, जोश नयी उमंगों का

आपको याद होगा कि देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत के कई बड़े मंत्रियों का साक्षात्‍कार इस अखबार ने प्रकाशित किये थे। अपनी बकवास प्रवृत्ति के चलते यह साक्षात्‍कार बेहद चर्चित भी हुए, जिसमें ज्‍वलंत सवालों को छोड़ कर उन सतही मसलों पर चर्चा की गयी, जिसका रविशंकर के विभाग से कोई लेना-देना ही नहीं था। कहने की जरूरत नहीं कि ऐसे साक्षात्‍कारों में सिर-पैर की बातें ही प्रकाशित की गयीं।

आप खुद से पूछिये कि किसी भी शख्‍स का इंटरव्‍यू कोई एक विशेषज्ञ लेता है, या फिर पूरा मोहल्‍ला। लेकिन इस परम्‍परा और जरूरत को धता बता दिया इस लिंग-वर्द्धक अखबार ने। ऐसे कई इंटरव्‍यू तो पॉलिटिकल एडीटर निर्मल पाठक ने किये, लेकिन ऐन वक्‍त पर शशि शेखर मौके पर पहुंच गये। संयुक्‍त रूप से इंटरव्‍यू हुआ और कहने की जरूरत नहीं कि पत्रकारीय मूल्‍यों और प्रतिमानों के संदर्भ में ऐसे इंटरव्‍यू दो-कौड़ी के साबित हुए। न इस घाट के और उस घाट के। दरअसल, सूत्र बताते हैं कि यह अनाधिकार चेष्‍टा इसलिए की गयी, ताकि शशि शेखर खुद को सत्‍ता के करीब और करीब पहुंच कर अपना नाम-शक्‍ल दर्ज करा सकें।

लेकिन जल्‍दी ही इसकी गुणवत्‍ता को लेकर जब संस्‍थान और संस्‍थान के बाहर भी गम्‍भीर सवाल उठने लगे तो निर्मल पाठक को को इस काम के लिए स्‍वतंत्र कर दिया गया। चाहे पूर्व सेनाध्‍यक्ष जनरल बिक्रम सिंह का साक्षात्‍कार हो, या फिर दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्‍हा समेत दीगर अन्‍य शख्सियतों का, यह काम निर्मल पाठक ने ही एकल प्रयास में ही किया, और खुल कर किया। लेकिन शशि शेखर अपनी संपादकीय लेख में अपने पूरे शौक को लगातार पूरा करते ही जा रहे हैं।

अब जरा लिंग वर्द्धक यंत्र के बारे में भी बात कर ली जाए। ताजा खबर यह है कि इस अखबार ने ऐसे प्रमोशनल विज्ञापनों में लिंग बढ़ाने के टारगेट को 3 से 4 इंच तक समेट लिया है। इसके पहले यह लिंग-वर्द्धक यंत्र बेचने का विज्ञापन छापने वाला अखबार ऐसे यंत्र के विज्ञापनों में लिंग के विस्‍तार को 8 से 9 इंच तक अभूतपूर्व से विस्‍तार देने के दावे किया करता था। हालांकि ऐसा ही नहीं है कि 8 से 9 इंच वाले लिंग बढ़ाने वाले विज्ञापन इस अखबार ने छापना बंद कर दिया है, लेकिन 3 से 4 इंच वाले लिंग विस्‍तार को भी स्‍थान देने की कोशिश की है इस अखबार ने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *