पत्नी प्रिंसिपल, पति दलाल। सीबीआई ने दबोच लिया

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: युवती ने रिकार्ड कर सीबीआई को सौंपी इंटरव्यू में घूस-काण्ड  की फाइल : कानपुर चकेरी के केंद्रीय विद्यालय में प्राचार्य-पति अब जेल में हैं : दस हजार रूपया महीना वसूली होती थी कई संविदा शिक्षकों से : चकेरी ही नहीं, अधिकांश विद्यालयों में घूस-काण्ड ने पैर फैलाये :  कमाल है केन्द्रीय विद्यालय- एक :

कुमार सौवीर

कानपुर : चकेरी वाले के‍न्द्रीय विद्यालय में संविदा कर्मचारियों से घूस लेकर नियुक्ति देने के मामले में सीबीआई ने दो लोगों को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया है। एक युवती की पहल पर हुई इस कार्रवाई में जिन लोगों को सीबीआई ने दबोचा है, उसमें एक व्यक्ति इसी विद्यालय की प्रधानाचार्य का पति है। उसका नाम है मिलनकांत द्विवेदी। यह पहला मामला है जब शिक्षा के मंदिर-परिसर में रिश्वत लेकर शिक्षकों की खरीद-फरोख्त का प्रकरण सतह पर आया है।

सीबीआई को इस विद्यालय में चल रहे घिनौने गोरखधंधे की खबर एक युवती ने दी थी। हुआ यह कि इस विद्यालय समेत कुछ अन्य केन्द्रीय विद्यालय में संविदा के आधार पर कुछ शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी। इसके लिए विद्यापन भी दिये गये थे। आपको बता दें कि संविदा के आधार पर होनी वाली ऐसी नियुक्तियों का मामला सीधे सम्बन्धित प्रधानाचार्य ही करते हैं। युवती की सामाजिक, सम्मान और सुरक्षा के लिए हम इस युवती का नाम सार्वजनिक नहीं करेंगे।

बहरहाल, इस युवती ने ऐसे पदों के लिए आवेदन किया और इंटरव्यू  भी दिया। लेकिन इसके पहले ही उस युवती को ऐसी नियक्तियों में भारी-भरकम रकम घूस के तौर पर वसूलने की खबर मिल गयी थी। ऐसे में उस युवती ने अपने मोबाइल को रिकार्डिंग-मोड पर रख दिया और पूरे दौरान की गतिविधियों अपने मोबाइल पर दर्ज करा लीं। बताते हैं कि इस युवती से इंटरव्यू और उसके फौरन बाद एक मोटी रकम मांगी गयी  और बताया गया कि यह रकम मिल जाने के बाद उसकी नौकरी पक्की हो जाएगी। इंटरव्यू के फौरन बाद यह रिश्वत की यह बातचीत चकेरी केन्द्रीय विद्यालय की प्रधानाचार्य के पति ने की, जो उस वक्त विद्यालय परिसर में मौजूद थे। एक राष्ट्री्य वैज्ञानिक संस्थान में कार्यरत इस व्यक्ति का पूरा इतिहास सीबीआई अब खंगाल रही है।

इस लेनेदेन की बातचीत को उक्त युवती ने सीधे सीबीआई को दे दी। इसी आधार पर सीबीआई ने अपना जाल फैलाया और फिर रिश्वत की रकम लेकर वह युवती चकेरी केन्द्रीय विद्यालय की प्रधानाचार्य के पति के पास गयी और उन्हें वह रकम थमा दी। जैसे ही वह रकम प्राचार्य-पति को थमायी गयी, उसी वक्त सीबीआई ने उन्हें पकड़ लिया। गिरफ्तारी के वक्त प्राचार्य-पति के पास रिश्वत के रूपयों की गड्डी मौजूद थी।

इसके साथ ही इसी विद्यालय में संविदा खेल-शिक्षक के तौर पर तैनात एक अन्य व्यक्ति को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। उक्त युवती से पैसा उगाहने के दौरान सीबीआई ने प्राचार्य-पति के साथ उस संविदा खेल-शिक्षक को भी रंगेहाथों दबोचा है। बताते हैं कि इसके पहले भी यह संविदा शिक्षक इसी विद्यालय की एक छात्रा के साथ अभद्रता के आरोप में जमकर पीटा जा चुका है। उसके बाद उसे नौकरी से हटा दिया गया था। लेकिन ऐन-केन-प्रकारेण वह व्यक्ति दोबारा इस पद पर नियुक्त हो गया। जानकार बताते हैं कि इस खेल-शिक्षक के पास उस पद के लिए पर्याप्त उपाधि तक नहीं है। कुछ भी हो, पता चला है कि कई अन्य केन्द्रीय विद्यालयों में रिश्वत का खुला फर्रूखाबादी खेल चल रहा है। इतना ही नहीं, खबर तो यहां तक है कि संविदा शिक्षक की नियुक्ति के लिए प्रति शिक्षक प्रति मास दस हजार रूपयों तक की उगाही की जाती है।

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