कुख्‍यात हत्‍यारे की तेरहवीं में भारी भीड़, आखिर क्‍यों

बिटिया खबर
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: मुन्‍ना बजरंगी की फोटो पर फूल चढ़ाने की होड़ मची, चेहरा दिखाने को आतुर थी देश की निरीह जनता : एक दुर्दांत अपराधी के घर पहुंचे शरणागत लोगों की इस उतावली का मकसद क्‍या था : यह है जनता की असलियत। चरण-चुम्‍बन माफिया का, और गालियां सरकार को :

कुमार सौवीर
लखनऊ : साढ़े तीन दर्जन से भी ज्‍यादा कत्‍ल-ओ-गारत का दुर्दांत अपराधी मुन्‍ना बजरंगी की सीट स्‍वर्ग में भी कन्‍फर्म हो गयी। जैसे पीएचडी जैसी डिग्रियां होती हैं न, उसी तरह मुन्‍ना बजरंगी को भी एक नयी उपाधि से नवाज दिया जौनपुर के लोगों ने। मुन्‍ना को अब स्‍वर्गीय प्रेमप्रकाश सिंह उर्फ मुन्‍ना बजरंगी जी के तौर पर सम्‍मान दिया जाएगा। जाहिर है कि जनता की इस भारी मांग के पूरा हो जाने के बाद से ही अब समस्‍त नर्क-लोक में गौशालाएं खुलने की संभावनाएं मजबूत हो गयीं हैं, बिना आधारशिला रखे हुए।
कल्‍पनाथ राय समेत बड़े दिग्‍गज राजनेताओं-मंत्रियों की सरेआम हत्‍या करने वाले मुन्‍ना बजरंगी पर निजी, राजनीतिक और आपराधिक कारणों से हुई हत्‍याओं के मामले दर्ज हैं। देश के कुख्‍यात हिस्‍ट्रीशीटर मुन्‍ना बजरंगी साक्षात काल-स्‍वरूप हो गया था। अरबों की उगाही के लिए मुन्‍ना ने देश भर में बड़े लोगों का जीना हराम कर रखा था। बाद में पुलिस ने उसे एनकाउंटर में गोलियां मारी, लेकिन वह बच गया। मगर पुलिस ने उसे जेल से बाहर नहीं निकलने दिया। मगर अभी दो हफ्ता पहले ही आपसी गैंग-वार के चलते बागपत में सुनील राठी नामक कुख्‍यात अपराधी ने भरी जेल में मुन्‍ना बजरंगी को गोलियों से भून डाला।
बहरहाल, शनिवार को जमालापुर के निकट मुन्‍ना के पैत्रिक गांव में भारी भीड़ जुटी। 15 हजार से ज्‍यादा छपे निमंत्रण भेजे गये। राजस्‍थान के ठाकुरों के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी अपने चेले-चापड़ों के साथ मौके पर पहुंचे। और खून का बदला सरकार से निकालने की डींग मारते रहे। तेरहवीं में केवल राजपूतों ने ही शिरकत की, और बाकी जातियों ने इससे दूरी ही बनायी रखी। ठाकुरों का नेता सुखदेवऔर मुन्‍ना की बीवी सीमा ने किया कई ऐलान।
सीमा को अपने वैधव्‍य पर रोना तो आ रहा था, लेकिन जिन चालीस लोगों की हत्‍या मुन्‍ना बजरंगी ने कर के उनकी पत्नियों की मांग उजाड़ डाली थी, उस पर सीमा कुछ भी नहीं बोलीं।

दुर्दांत अपराधी मुन्‍ना बजरंगी की मौत पर कुमार सौवीर का विश्‍लेषण अगर आप देखना चाहें तो कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:-
तेरहवीं में राजनीतिक गोटियां बिछाने का ब्रह्म-भोज 

लेकिन शर्म की बात यह है कि एक अपराधी के तेरहवीं में इतनी जुटी भीड़ के आने का सबब क्‍या था। क्‍या वे जाति-बिरादरी के चलते पहुंच‍े थे, या फिर मुन्‍ना के परिवार की पीड़ा पर हिस्‍सा बंटाने गये थे। पूर्व प्रधानमंत्री सूर्य कुमार जी इसका निदान खोजने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब सरकार और उसकी मशीनरी किसी मिशन में फेल हो जाती है, और अपराधियों की तूती बोलने शुरू हो जाती है, तो जनता का मोहभंग सरकार और उसके प्रशासन से हो जाता है। फिर उसका झुकाव अपराधियों के पक्ष में होता है, और वे उनके चरण-चुम्‍बन करते हैं।
कुछ भी हो, सरकार भी तो जनता की ही होती है। विपक्ष भी होता है, जो सरकार की अराजकता पर विरोध करता है और जनता को नया रास्‍ता बताता है। लेकिन मुन्‍ना बजरंगी की तेरहवीं में यह कुछ भी नहीं हुआ। विपक्ष की भूमिका किसी ने भी नहीं निभाई। योगी सरकार की असफलता का इससे बड़ा प्रमाण और क्‍या हो सकता है।

1 thought on “कुख्‍यात हत्‍यारे की तेरहवीं में भारी भीड़, आखिर क्‍यों

  1. कल्पनाथ राय का निधन हृदयाघात से हुआ था ,जबकी यहाँ लिखा है मुन्ना बजरंगी ने हत्या की थी,कृपया स्पष्ट करें।

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