पूरे परिवार की सामूहिक यौन-सामग्री हर गांव में आधा दर्जन से ज्‍यादा

सैड सांग

पति के अलावा उसके भाइयों के साथ भी सोना शर्त में शामिल

हरियाणा : रिपोर्ट यह भी कहती है कि इन महिलाओं को यौन गुलामों की तरह इस्तेमाल किया जाता है और फिर आगे किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया जाता है। ये जवान महिलाएं, जिन्हें दुल्हनों के रूप में बेच दिया जाता है, वे हरियाणा में ‘पारो’ के नाम से जानी जाती हैं।

एक अनुमान के अनुसार, केवल  झारखंड से 45 हजार ‘पारो’ लाई गई हैं। दलाल उनके अभिभावकों को बेटी के एवज में 500 से 1000 रुपये तक देते हैं। हर गांव में खरीद कर लाई गई हैं लड़कियां। शक्ति वाहिनी हरियाणा की एकमात्र ऐसी समाजसेवी संस्था है जो ‘पारो’ की सहायता करने की कोशिश कर रही है और सरकार द्वारा चलाये जा रहे आश्रमों में भेज रही है।

संस्था के एक कार्यकर्ता रिक्षित का कहना है कि राज्य के हर गांव में पांच- छह लड़कियां इसी तरह खरीद कर लाई गई हैं। बचाई गई लड़कियों का कहना है कि उन्हें स्थानीय पुरुष खेत मज़दूरों के रूप में खरीद कर लाये थे, लेकिन उनका यौन शोषण किया जा रहा था। एक केस ऐसा भी आया था, जब एक व्यक्ति ने अपनी ‘पारो’ की केवल इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि उसने उस व्यक्ति के भाइयों के साथ सोने से मना कर दिया था।

मध्यकालीन युग में सरेआम महिलाओं की बोली लगाना आम बात थी, लेकिन आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं हों, यह सचमुच समाज के माथे पर सबसे बड़ा कलंक है।

यह समाचार श्रंखला का अंक है। पूरी श्रंखला को पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें:- यौन-सामग्री के तौर पर धड़ल्ले से बिक रही हैं भारत की बेटियां

 

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