: शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं का वरदहस्त हमेशा इन लोगों के सिर पर रहा : मथुरा काण्ड में बलवाइयों ने राजनीतिक शरण के चलते करतूत की थी : बाद में मुंह की खा चुके प्रशासन ने बदले में 32 लाशें बिखेर डाली थीं : डीजीपी जावेद अहमद के बयान को जमकर तराश दिया आयोजकों ने, बोले कि हमने ज्यादा लोगों के आने की सम्भावना व्यक्त की थी :
कुमार सौवीर
लखनऊ : तू डाल-डाल, मैं पात-पात। भीड़ और प्रशासन के बीच यही रिश्ता होता है। दोनों ही एक-दूसरे की चाल समझते हैं। एक-दूसरों को परास्त करने के लिए जी-जान लड़ाये रखने की शिक्षा दी जाती है। और मथुरा में हुआ हत्याकाण्ड तो ऐसे कवायदों की राह में एक बड़ा मील-स्टोर माना जाना चाहिए। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। जय गुरूदेव सम्प्रदाय ने इस शिक्षा का प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के सामने बिलकुल झूठ बोला कि चंदौली वाले समारोह को बेहद संतुलित और अनुशासनिक किया जाएगा। इसके लिए आयोजकों ने दावा कि महज तीन हजार लोगों की ही जुटान होगी।
लेकिन किसी मूर्ख घुग्घू की तरह प्रशासन ने आयोजकों की बात पर यकीन कर लिया और नतीजा यह हुआ कि का दावा इन समुदाय के लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। शर्म की बात है कि प्रशासन ने इस बारे में तनिक भी सोच-समझ की जरूरत नहीं समझी। अब हालत यह है कि किसी दुधमुंहे बच्चे की तरह जिलाधिकारी कुमार प्रशांत अब बता रहे हैं कि चंदौली जिले में गंगा के किनारे डोमरी गांव में बाबा जयगुरुदेव की याद में आयोजित दो दिवसीय जागरूकता शिविर में आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी स्थित पीली कोठी से होते हुए डोमरी गांव जा रहे थे, कि राजघाट पुल पर भगदड़ मच गई।
उधर पुलिस प्रमुख जावेद अहमद ने बेहद सतही और औपचारिक बयान जारी किया। जावेद बोले कि एक आदमी बढ़ती भीड़ के कारण घुटन से मर गया, इससे और ज्यादा दहशत फैल गई. उन्होंने कहा कि हम भीड़ प्रबंधन की जांच कर रहे हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जावेद अपने इस बयान पर अपने गाल बजा सकते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि उनके इस बयान पर एक जोरदार टक्कर दे दिया है जयगुरूदेव संप्रदाय ने। इस सम्प्रदाय का दावा है कि उन्होंने पुलिस को आगाह किया था कि अधिक लोग आ सकते हैं। फिर तो जावेद और उनका प्रशासन खुद ही कठघरे में खड़ा हो चुका हे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर अफसोस जताते हुए संवेदनाएं प्रकट की हैं.उन्होंने कहा है कि स्थानीय प्रशासन को इससे प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराने को कहा गया है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “वाराणसी में भगदड़ में लोगों की मौत पर गहरा दुख हुआ है. शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी शोक संवेदना. जो घायल हैं, उनके लिए प्रार्थना.”
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी भगदड़ के कारण हुई मौतों पर दुख जताया. सोनिया ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए उम्मीद जताई कि प्रशासन पीड़ितों को समुचित चिकित्सा सेवा और मुआवजा प्रदान कर रहा होगा. पार्टी के एक बयान के मुताबिक, सोनिया ने उत्तर प्रदेश और वाराणासी में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। वहीं, राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि उन्हें ‘वाराणासी में भगदड़ की घटना के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ’. उन्होंने कहा, ‘इस त्रासदीपूर्ण हादसे के पीड़ितों के परिजनों के साथ तहेदिल से मेरी संवेदनाएं हैं’.
जयगुरूदेव सम्प्रदाय के आयोजन में वाराणसी में हुए हादसे की खबरें देखने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: काशी में मृत्यु-नृत्य