मीडिया में जो प्राइम टाइम सब्जेक्ट है, राजनीति में डस्टबिन
: इण्डिया न्यूज चैनल ने अवाम से जुड़े मसलों पर बैठकी शुरू की : सपा के शाहिद ने किया वायदा कि जल्दी ही दुरूस्त किया जाएगा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : अब तो आपको मानना ही होगा जन-प्रतिबद्धता का धर्म पत्रकारिता की रग-रग में प्रवाहमान है। जबकि उप्र सरकार और अफसरशाही में न्यूनतम। प्रमाण है आज इंडिया न्यूज चैनल, जिसने आम आदमी की दिक्कतों का मसला प्राइम-टाइम पर ले लिया, जबकि सरकार ने इस मसले पर केवल टालू-चलताऊ रवैया दिखाया, और जिम्मेदार बड़ी अफसरशाही को बचाने का भरसक साजिश की। ठीक उसी तरह, जैसे बुलंदशहर के जिला अस्पताल और फैजाबाद तथा जौनपुर में जिलाधिकारियों और कप्तानों को बचाने की साजिशें बुनी गयीं। जहां अफसरों की फेंकी गयी रोटियों से तृप्त अफसरों ने ऐसे सारे घिनौने मामले दबा दिये। जनता भेज दी गयी ठेंगे पे। है ना कमाल सेल्फी से लेकर जुल्फी तक का?
न्यूज चैनल इण्डिया न्यूज ने आज शाम अपने बेहद महत्वपूर्ण वक्त में बुलंदशहर जिला अस्पताल में एक बारात टिकाने और देर रात तक डीजे बजाये जाने की हरकत पर बातचीत की। इस हादसे ने इस अस्पताल को बाकायदा किसी विशालकाय बरातघर में तब्दील किया था। मरीज तड़पते रहे और डॉक्टर-कर्मचारी धूम मचाये रहे।
यह पहला मौका नहीं है बुलंदशहर में। आतंकी हरकतों का खतरा था। तेज आवाज पटाखे रात में नहीं जलाये जाएं। सन-90 में दीपावली की रात पटाखों की धूम रात 11 बजे तक चलती रही तो तब के डीएम डीएम एसपी सिंह खुद मौके पर पहुंचे और सीधे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक समेत कई डॉक्टरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सन-08 में सीएमओ की विदाई के वक्त जिला अस्पताल में सबसे बड़ा जलसा हुआ। यहां एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में देर रात तक तेज आवाज जश्न मनाया गया, जिसमें डीएम भी मौजूद रहे। लेकिन दो दिन पहले हर सीमा टूट गयी, जब अस्पताल को बारातघर बना दिया गया। डीएम बी चंद्रकला को पता ही नहीं चला।
इधर यूपी के दूसरे पूर्वी छोर में जौनपुर में एक किशोरी गैंग-रेप से पीडि़त होकर 17 फरवरी की रात शहर के एक कोने पर बेहोश मिली। लेकिन डीएम सीबी गोस्वामी और पुलिस कप्तान राधेश्याम यादव से लेकर आईजी एसके भगत तक ने सूचना मिलने के बावजूद मामले का संज्ञान नहीं लिया। आज दोपहर फैजाबाद के कुमारगंज के दूरस्थ गांव में 12 साल की बच्ची से बलात्कार हो गया, लेकिन अब तक न पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है और न डाक्टरों ने।
आज इस कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं में समाजवादी पार्टी के मोहम्मद शाहिद, कांग्रेस के सुरेंद्र राजपूत और भाजपा के विजय बहादुर पाठक भी मौजूद थे। मैंने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद शाहिद से यूपी में सेल्फी से लेकर जुल्फी तक जैसी अफसरशाही का खुलासा करना शुरू किया तो अन्तत: शाहिद भाई भावुक हो गये। बोले:- मैं आपको विश्वास दिला रहा हूं ऐसे मामलों को बहुत जल्दी और पूरी संवेदनशीलता के साथ निपटाया जाएगा।
मोहम्मद शाहिद मेरे पुराने मित्र हैं। उनकी जुबान पर यकीन करता हूं मैं। अगर वे अपना वायदा पूरा कर सके तो यकीन मानिये कि अफसरशाही में सेल्फी और जुल्फी की करतूतों वाला जमाना अब खात्मे को होगा।
आमीन