नवजात दारोगा जी! तुम्‍हारी शिकायत तो बिलकुल फर्जी निकली

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: भारतीय वन सेवा की अधिकारी ने की थी आईएएस अफसर की शिकायत : आईएफएस ऑफिसर्स एसोसियेशन ने आईएएफ अफसर से कहा था कि वन अधिकारियों से अभद्रता पर माफी मांगी जाए : उपाम-प्रशासन ने पूरी शिकायत ही रद्दी की टोकरी में फेंक दिया, कहा कि अर्थहीन थी यह शिकायत :

कुमार सौवीर

लखनऊ : जंगलात महकमे में दारोगाई करने आये आईएफएस अफसरों को अब मुंह की खानी पड़ गयी है। अपनी सेवा के अफसरों की सार्वजनिक तौहीन को लेकर उठी उनकी शिकायत को अब रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि भारतीय वन सेवा अफिसरों की ऐसी शिकायत पूरी तरह मूर्खतापूर्ण और औचित्‍यहीन-अर्थहीन थी, ऐसे में उस पर कोई भी एक्‍शन लिया जाना बेतलब है।

आपको बता दें कि कोई 15 दिन पहले भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने यह बवाल खड़ा किया था, जब उन्‍हें प्रशासनिक तौर-तरीकों को समझाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। यह प्रशिक्षण लखनऊ की उप्र प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी में आयोजित की गयी थी। इस प्रशिक्षण के दौरान एक प्रशिक्षक और सन-08 के आईएएस अफसर हिमांशु कुमार ने भारतीय वन सेवा के नये अफसरों को सरकारी कामकाज के तौर-तरीकों से लैस करने की जिम्‍मेदारी निभाई थी। लेकिन इसी प्रशिक्षण के दौरान नये प्रशिक्षु आईएफएस अफसरों ने हिमांश कुमार के रवैये पर सख्‍त ऐतराज कर हंगामा खड़ा कर दिया था। इन नवजात अफसरों का आरोप था कि हिमांशु ने उन्‍हें जेई जैसे शब्‍द से नवाजने की कोशिश की, जो पूरी तरह अपमानजनक ही था।

उधर सूत्र बताते हैं कि हिमांशु तो उस दौरान उस वक्‍त प्रशासनिक सिस्‍टम समझा रहे थे, बता रहे थे कि किस तरह विकास कार्यों की फाइलों की प्रक्रिया और उसके निस्‍तारण में सीडीओ के माध्‍यम से जिलाधिकारी तक भेजा जाता है। आपको बता दें कि प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत किसी भी विकास कार्य से सम्‍बंधी महकमे की फाइलों को देखने का पहला दायित्‍व सीडीओ को ही होता है, उसके बिना कोई भी फाइल आगे नहीं जा सकती है।

लेकिन इसी बीच न जाने कैसे यह विवाद और विवाद खड़ा हो गया कि हिमांशु कुमार ने आईएफएस अफसरों की तुलना जेई से की है। अकादमी के एक जिम्‍मेदार अधिकारी का कहना है कि उस प्रशिक्षण के दौरान हिमांशु ने एक बार भी ऐसा कोई भी शब्‍द नहीं इस्‍तेमाल किया जिससे आईएफएस अफसर की प्रतिष्‍ठा पर कोई ठेस पहुंच सके। लेकिन इसके बावजूद प्रशिक्षु आईएफएस अफसरों ने इस पर हंगामा खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं, इस मामले की शिकायत सीधे आईएफएस अफसर्स एसोसियेशन तक पहुंची तो एसोसियेशन की महासचिव  ईवा शर्मा ने अकादमी प्रशासन को पत्र लिख भेज दिया कि हिमांशु ने उनके संवर्ग के साथ अभद्रता व्‍यवहार किया है, ऐसे में उन्‍हें बाध्‍य किया जाए  कि वे आईएफएस  अफसरों से क्षमा याचना करें।

लेकिन अकादमी सूत्रों का कहना है कि इस मामले को अनावश्‍यक और औचित्‍यहीन मानते हुए उसे रद्दी की टोकरी पर फेंक डाला है।

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महज ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान एक आईएएस अफसर की किसी टिप्‍पणी पर इतना भड़क गये आईएफएस अफसर, तो जमीन पर क्‍या होता होगा। मैं नहीं कहता कि सारा जंगलात महकमा ही बेईमान है, लेकिन ताजा घटनाओं को देखा जाए तो जंगल में मंगल से लेकर क्‍या-क्‍या नहीं होता है वन विभाग में। कभी डीएफओ की करतूतें तो कभी डीएम की बेहूदी और नाजायज साजिशें। जंगल और उनके बाशिंदों का सर्वनाश करने पर आमादा है यह सब बाबू और दारोगा लोग। www.meribitiya.com मेरी बिटिया डॉट कॉम अफसरों के ऐसे शर्मनाक तेवरों और साजिशों का लगातार खुलासा करने पर आमादा है। इस श्रेणी की खबरों को देखने-पढने के लिए निम्‍न लिंक को क्लिक कीजिए:- लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें

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