मुख्‍य सचिव हो या कोई और, क्‍या कानून से ऊपर रहेगा

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: यूपी के सबसे बड़े अफसर ने प्रताड़ना की शर्मनाक पराकाष्‍ठा पार कर दी : गोमती नगर से लेकर हजरतगंज थाने तक अमानवीय प्रताड़ना देती रही पुलिस : मेरीबिटियाडॉटकॉम ने भेजी इस मानवाधिकार उल्‍लंघन पर राज्‍यपाल को सूचना : लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें- 31 :

कुमार सौवीर

लखनऊ : मुख्‍य सचिव के घर एक बेशकीमती हार की चोरी में दबोचे गये दो घरेलू नौकरों के मामले में कुछ हौलनाक तथ्‍य सामने आये हैं। पता चला है कि इस मामले में लगातार दो महीनों तक पुलिस ने मुख्‍य सचिव आलोक रंजन के आदेश पर उन नौकरों को गैरकानूनी तरीके से थाने पर बंधक बनाये रखा। इस दौरान इन दोनों के साथ अमानवीय प्रताड़ना भी दी गयी।

लखनऊ के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पाण्‍डेय के तबादले के बाद इस डरावने सच पर से पर्दा हटा है। इसके बाद ही पता चला है कि पुलिस किस-किस आपराधिक, अनाचार, अराजकता और बेशर्मी तक सीमा तक गिर सकती है कि दो युवकों को गैरकानूनी तरीके से एक से लेकर दूसरे थाने तक उन्‍हें शंट किया जाता रहे और इस दौरान उन नौकरों से मनचाहा सच कुबूलने के लिए उन्‍हें अमानवीय प्रताड़ना दी जाए।

आपको बता दें कि 27 फरवरी-16 को यूपी के मुख्‍य सचिव आलोक रंजन के घर एक बेशकीमती हीरों का नेकलेस-सेट चोरी हो गया था। इसकी कीमत करीब तीस लाख रूपया बतायी जाती है। इस चोरी का पता चलते के बाद ही आलोक रंजन और उनके परिजन बौखला गये और घर में काम करने वाले दो नौकरो पर चोरी की यह तोहमत थोप दी। पहले तो घरवालों ने उन दोनों नौकरों को जानवरों की तरह पीटा और उसके बाद उन्‍हें गोमतीनगर पुलिस थाने के हवाले कर दिया। इस चेतावनी के साथ कि जब तक यह लोग वह हार वापस नहीं करें, उन्‍हें हवालात में ही बंद रखा जाए।  (क्रमश)

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लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें

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