आई ऐम सॉरी कलेक्‍टर, लेकिन तुम हो पक्‍के बदतमीज

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: होमगार्ड तो निरीह प्राणी होता है, अब कोई तुम्‍हें पीट दे तो ? : बहराइच के डीएम तुम आईएस हो या फिर कोई दबंग दारोगा : हैसियत हो तो सीधे अपने कप्‍तान को दौड़ा कर लठियाओ न, फिर लगे कि तुम हो असली मर्द : कमिश्‍नर भी बड़े वाले निकलाा, बोल कि मामला संज्ञान में है और एसपी से बात की जाएगी :

कुमार सौवीर

लखनऊ : बहराइच के बेअंदाज डीएम ने पहले तो अपने बंगले के सारे दरवज्‍जे बन्‍द करा दिये। फिर अपने बंगले की सुरक्षा के लिए लगाये गये पांचों होमगार्ड को पूरे बंगले में दौड़ा-दौड़ा कर लठियाया। बचने के लिए इधर-उधर भागते-चिल्‍लाते सुरक्षाकर्मियों की चीत्‍कार इधर निकलती थी, उधर डीएम साहब उसे मां, बहन और बेटी की गालियां देते हुए उनके परिवार की महिलाओं के गुप्‍तांगों के बारे में खुली-नंगी गालियां बकते थे। सरकारी बंगले में यह सारा अश्‍लील और दारूण सरकारी सांस्‍कृतिक कर्मकाण्‍ड करीब आधा घंटा तक चला। लेकिन जल्‍दी ही इस किसी बदतमीज और बेअंदाज दारोगा-नुमा डीएम की इस निहायत बदतमीज-गुण्‍डागर्दी पूरे देश-प्रदेश में किसी स्‍वादिष्‍ट चाट की तरह चर्चित हो गयी। यह गुण्‍डागर्दी तब हुई जब मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी आईएएस एसोसियेशन की मीटिंग में कहा था कि अफसरों की मेहनत से ही सरकार की छवि सुधरती है। लो, बस हो गया। बहराइच के इस बेअंदाज डीएम की इस करतूत ने प्रदेश सरकार की छवि को ठीक से नगीने टांक दिये।

अब ताजा खबर यह है कि इस जिलाधिकारी ने इन सारे पांचों सुरक्षाकर्मियों को बर्खास्‍त करने का आदेश दे दिया है। लेकिन आपको एक खास बात बता दूं। कानून को अपनी बपौती समझे यूपी के ऐसे अफसरों की यह गुण्‍डागर्दी जल्‍दी ही धूल में मिल जाएगी। हालांकि मैं ज्‍योतिषी, भविष्‍यवक्‍ता या नजूमी नहीं हूं, लेकिन इतना तो ताल ठोंक कर दावा कर सकता हूं कि जिस तरह इस डीएम ने अपने सरकारी सुरक्षाकर्मियों को बुरी तरह पीट कर उन्‍हें बर्खास्‍त भी कर दिया है, उस करतूतों की सारी चमड़ी अदालत में एक पल भी नहीं टिक पायेगी। हां, इस घटना के बाद इस डीएम के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों का अंदाज बेहद अराजक भी हो जाएं, इसकी गुंडाइश ज्‍यादा ही है।

हालांकि यह पूरा प्रकरण तो आपको पहले से ही पता होगा कि यह हादसा कैसे हुआ। संक्षेप में हम आपको बता देते हैं बहराइच के इस लंका-काण्‍ड में दशाननी और रावणी कर्म-काण्‍ड। नेपाल के सीमान्‍त जिले बहराइच में इस वक्‍त जिलाधिकारी हैं अभय कुमार। देहात क्षेत्र से सटे इलाके में डीएम का एक बड़ा बंगला है। बीती 19 दिसम्‍बर को इस बंगले के पीछे लगे चंदन के दो पेड़ों को चोर काट ले गये। बस इसी बात पर भड़के अभय ने कानून को अपने हाथों में ले लिया और तेल-‍पिलाई मोटी लाठी लेकर सुरक्षाकर्मियों को जमकर लठियाय दिया। पीटे गये सुरक्षाकर्मियों में एक कम्‍पनी कमांडेंट भी था। लेकिन जिस वक्‍त वक्‍त यह लाठी-चार्ज चल रहा था, उस समय जिला कमांडेंट को भी अभय ने अपने बंगले पर बुलवाया था और उसके सामने ही जमकर लाठी बरसायी थी।

अब सवाल यह है कि अगर चंदन के पेड़ों की चोरी की रिपोर्ट क्‍या कलेक्‍टर अभय ने थाने में दर्ज करायी थी। जो भी हो, इस कलेक्‍टर को यह अधिकार कैसे मिल गया कि वह किसी को सरेआम बुरी तरह लठिया दे। अगर शक था तो भी, उसे पुलिस के हवाले किया जाना चाहिए, न कि किसी बवाली-मवाली-गुंडे की तरह सरेआम इन कर्मचारियों को पीट देने का अधिकार आखिर किस कानून में दर्ज है। और फिर अगर बंगले की सुरक्षा का जिम्‍मा तो जिला कमांटेंड और पुलिस कप्‍तान का ही था। ऐसी में तो जिम्‍मेदार तो सीधे जिला कमांडेंट और पुलिस कप्‍तान ही माने जाएंगे। ऐसे में क्‍या कलेक्‍टर जिला कमांडेंट और पुलिस कप्‍तान को सरेआम लठिया पाने की हैसियत जुटा पायेंगे।

दरअसल कलेक्‍टर अभय का यह कृत्‍य अशोभनीय और कदाचार से कम नहीं है। होमगार्ड एसोसियेशन इस मामले में खासा खफा है। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि देवी पाटन मंडल के आयुक्‍त सुधीर दीक्षित का यह कहना निहायत गैर-जिम्‍मेदारी पूर्ण है कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। पत्रकारों ने जब कमिश्‍नर से इस बारे में पूछा तो वे बोले कि वे इस बारे में पुलिस कप्‍तान से बात करेंगे। यानी गजब कर रहे हैं देवीपाटन के मण्‍डलायुक्‍त। अरे, आपको इस बारे में संज्ञान है, लेकिन अब तक आपने पुलिस कप्‍तान से पूछा तक नहीं। इतना ही नहीं, क्‍या एक आयुक्‍त को ऐसी खबर के बारे में कप्‍तान से पूछतांछ करनी चाहिए, अथवा सीधे जिलाधिकारी से जवाब-तलब करना चाहिए।

इस घटना के साथ ही अब मेरी बिटिया डॉट अब यूपी के बदतमीज अफसरों के बारे में श्रंखलाबद्ध लेख प्रकाशित करने जा रहा है। इस श्रंखला के अगले अंकों को पढ़ने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:- बदतमीज बड़े बाबू

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