हिन्‍दुस्‍तान के पत्रकार पर मुकदमा, फिर एफआर

दोलत्ती

: मामला ही बेबुनियाद था, चिलम खींचे है जौनपुर की पुलिस : अब फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का मुकदमा दर्ज होगा : पांडवों की गिरोहबंदी और अफसरों के शतरंजी खेल में हो गया खोल :
दोलत्‍ती संवाददाता
जौनपुर : पुलिसवालों की करतूतों को महसूस करने के लिए यहां के दो मामलों से परखना होगा। एक मामला है नगर कोतवाली का, जबकि दूसरा है शाहगंज कोतवाली का। शाहगंज कोतवाली क्षेत्र में एक मुस्लिम महिला को उसके जेठ ने मारपीट कर घर से निकाल बाहर कर दिया है, लेकिन कई महीना बीत जाने के बावजूद उस महिला के मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब हालत यह है कि जब यह महिला कोतवाली पर जाती है, तो उसे धमकाया जाता है कि ज्‍यादा चिल्‍लाओगी तो उसे जेल में बंद कर दिया जाएगा। इस महिला का पति खाडी देश में काम करता है। उसने एक दूसरी महिला से शादी कर ली है, और अब जेठ पुरानी महिला को घर में रखने को तैयार नहीं है।
उधर नगर कोतवाली में हिन्‍दुस्‍तान अखबार के प्रेस-फोटोग्राफर आशीष श्रीवास्‍तव उर्फ पोलू पर एक आपराधिक मुकदमा दायर कर दिया गया है। मामला सिरे से बेबुनियाद है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने उस मामले को दर्ज कर लिया। हालांकि अब पुलिस का भी अब दावा है कि जांच में मामला झूठा पाया गया है और इसी के चलते मुकदमे को निरस्त कर दिया है। साथ ही झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के निवासी तामीर हसन नामक युवक ने बीते 26 मई को प्रेस छायाकार आशीष श्रीवास्तव के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। गौरतलब है कि तामीर हसन एक अनजान से समाचार पत्र अमन की शान का जिला संवाददाता है। एक वाट्सऐप ग्रुप पर लगी खबर के स्‍क्रीन-शॉट के आधार पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है वह साफ-साफ अलग-अलग मामला है, लेकिन पुलिस ने बिना किसी पूछताछ के ही तामीर हसन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। सूत्र बताते हैं कि इस अखबार के संपादक सामिर हुसैन का इतिहास काफी दागी है। उस पर कई मुकदमे भी दर्ज बताये जाते हैं।
बहरहाल, एसपी सिटी डॉ संजय कुमार ने बताया कि जांच में शिकायत झूठा पाया गया है, जिसके आधार पर मुकदमा को निरस्त करते हुए वादी के खिलाफ 182 के तहत कार्यवाई किया जा रहा है।
लेकिन खबर सिर्फ इतनी ही नहीं है। इसमें अफसरों के खेल-खिलाड़ी और इसे उखाड़ो, उसको गिराओ की नीति का अहम रोल है। कहने की जरूरत नहीं है कि अफसरों को तेल लगा कर अपनी हैसियत बनाने में जौनपुर के कुछ पत्रकार बड़े लालायित होते हैं। आजकल आला हाकिम के घर से लेकर बंगला तक और कुर्सी से लेकर उनके शौचालय से लेकर फील्ड-दफ्तर तक इन्‍हीं पांच पांडवों का राज है। सुबह-सुबह आला हाकिम के घर पहुंच जाना, जलपान करना, गुप्त सूचनाओं को लेना-देना। किसका काम लगाना है, किसको लादना है, किसकी चुगली करना है। जिसका काम लगाना है, उससे हाकिम पहाड़ा सुनता है। हाकिम की छुच्‍छी में हवा भर कर तैयार कर लेते हैं यह पांडव। हर एक जमीनी या हवाई कोशिश को आला हाकिम के पक्ष में बुनना और तिल का ताड़ बनाना इन पांच पांडव का धंधा बन गया है।
जाहिर है कि इस कवायद में परस्‍पर होड़ लगी भी रहती है। सूत्र बताते हैं कि आशीष श्रीवास्‍तव उर्फ पोलू भी इसी होड़ में रहते हैं। एक दिन उन्‍होंने फेसबुक पर एक खबर ब्रेक की। पोलू ने अपनी खबर में लिखा था जौनपुर के डीएम डीके सिंह ने न्‍यूज कंटेंट में मुख्‍यमंत्री के खिलाफ अपशब्‍दों का प्रयोग पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी करने का आदेश दिया है। न्‍यूज सपोर्ट के लिए जिस स्‍क्रीन-शॉट काइस्‍तेमाल किया गया, उसमें अमन की शान का भी नाम हो गया। बस तामीर हसन ने पूरा मामला ही तामीर कर मुकदमा दर्ज करा दिया।
हैरत की बात है कि पोलू का तो प्रशासन और पुलिस पर खासा रसूख है। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने बिना पूछताछ के ही मुकदमा दर्ज कर दिया। सूत्र बताते हैं कि प्रशासन और पुलिस के बड़े अफसर पत्रकारों को शतरंज के मोहरों की तरह जहां-तहां उठाते-गिराते रहते हैं। अपने इसी खेल में ही इस बार पोलू को भी ऊंट से नीचे पटक दिया गया है।

2 thoughts on “हिन्‍दुस्‍तान के पत्रकार पर मुकदमा, फिर एफआर

  1. समाज और प्रशासन की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत कर पत्रकारिता जगत में नई क्रांति लाने की सुरुवात है जो कि सहसा ही लोगों की सोच पर प्रहार करने का काम बखूबी निभाये जा रहे हैं।
    धन्यवाद इन मुद्दों को उठाने के लिये।

  2. अपने भारत का चौथा स्तंभ कहीं जाने वाली व्यवस्था खतरे में है जैसा कि जगह-जगह पत्रकारों पर अत्याचार प्रशासन का देखा जा रहा है पत्रकार बंधु भी शासन-प्रशासन की भाषा बोलने पर मजबूर हैं ऐसी स्थिति परिस्थिति में आपने इतना स्पष्ट रूप से लेखन किए हुए हैं यह हम सब के गौरव का विषय है धन्यवाद रविंद्र पांडे रेणुकूट सोनभद्र यूपी

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