: अपाहिज नाना ही करते थे मुझसे अश्लील हरकतें : घर की महिलाएं पिता के सम्मान में पूरी तरह रची-बसी थीं : लंदन में ब्यूटी सोल्यूशन का काम करती हैं सीमा :
दोलत्ती संवाददाता
लंदन : बाबा नागार्जुन पर अश्लील हरकत और दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली गुनगुन थानवी अब इस ताजा घटना की इकलौती नायिका नहीं हैं। इस मामले में गुनगुन थानवी को सहारा दिया है लंदन में अंटोरिया की रहने वाली सीमा चांदना शर्मा ने। दोलत्ती संवाददाता की छानबीन में आये नतीजों के मुताबिक सीमा ने मॉस्को में बसे शिक्षक अनिल जनविजय की वाल पर इसी मसले पर चर्चा करते हुए अपने साथ हुए हादसे का खुलासा किया है।
आपको बता दें कि मॉस्को विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर अनिल जनविजय ने गुनगुन थानवी ने बाबा नागार्जुन पर गुनगुन थानवी द्वारा लगाये गये आरोप का खंडन करते हुए कुछ पेशबंदी की है। दोलत्ती संवाददाता के मुताबिक अनिल ने लिखा है कि गुनगुन थानवी 7 नवंबर 1984 को पैदा हुई थी, जबकि नागार्जुन 30 जून 1911 को। अनिल का सवाल है कि अगर दुष्कर्म के समय गुनगुन 7 बरस की थी तो इसका मतलब यह है कि घटना 1991-92 में हुई होगी। लेकिन 1991 में तो नागार्जुन घूमना-फिरना बन्द कर चुके थे और बढ़े हुए अण्डकोष की बीमारी की वजह से चलने-फिरने से लाचार हो चुके थे। वे घर पर चारपाई पर पड़े रहते थे। इसलिए गुनगुन थानवी का यह आरोप झूठा है। अब गुनगुन थानवी यह नहीं कहे कि जब नागार्जुन ने उससे दुष्कर्म किया था तो उसकी उम्र तीन-चार बरस की थी।
अनिल की इस वाल पर इसी मसले पर खासा हंगामा खड़ा हो गया है। बाकायदा गाली-गलौज चल रही है वहां। लेकिन इसी बीच लंदन की रहने वाली सीमा चांदना शर्मा ने अपने साथ हुए एक हादसे का खुलासा किया है और इस तरह गुनगुन थानवी की कतार में खड़ी हो गयी हैं। दोलत्ती संवाददाता के मुताबिक सीमा मूलत: चंडीगढ़ की रहने वाली है। अपनी कहानी सुनाते हुए सीमा ने लिखा है कि: अच्छा तो फिर मेरी सुनो ! मेरी ताई के पिताजी भी चलने फिरने से लाचार थे, जब मैं साथ आठ साल की थी। वे बोल भी नहीं सकते थे और ऊँचा सुनते थे ! मुझे अपने पास बैठने को बोलते और जब कोई नहीं होता तो इधर उधर हाथ लगते। बच्ची थी मैं। पूरी तरह तो शायद नहीं पर सहज नहीं रह पाती थी।
सीमा ने लिखा है कि ऐसी हालत में जब मैं उठकर जाने की करती तो माँ और ताई फिर से उनके पास बिठा देती। उन्हें लगता कि पिताजी ( ऐसे बुलाते थे सब उन्हें ) बच्चों से प्रेम करते है और ये बच्ची उनके पास बैठना नहीं चाहती। हर समय खेलने की लगी हुई है ! डाँट पड़ती इस बात को लेके और जब आँसू निकलते तो थप्पड़ पड़ता ।
सीमा ने लिखा है कि आज पहली दफ़ा ये बात लिख रही हूँ। कोई यक़ीन नहीं करता के एक अस्सी साल का आदमी , जो इतना असहाय है ऐसा काम कर सकता है ? पर मैंने झेला है ,101 प्रतिशत मुझे गुनगुन पर विश्वास है !
जब नमवें दुलत्ती बा तब का कहे के !
जय हो दुलत्ती!!
जब नमवें दुलत्ती बा तब का कहे के!
क्या आपने इजाज़त ली ये छोटी बच्ची की तस्वीर लगाने से पहले ? आप ये तस्वीर अभी के अभी हटाए !हर profession के कुछ क़ायदे होते है , आप लोग सोशल मीडिया के कॉमेंट्स से न्यूज़ बनाते हो और जो देश में इतना कुछ हो रहा है , उस पे एक शब्द नहीं ! रिपोर्टर बनने का इतना ही शौंक है अगर तो ऐसा कुछ करिए के अपने आपसे नज़र मिला सके और लोगों से भी , नज़र से गिरकर आप रिपोर्ट नहीं कर रहे , सिर्फ़ सनसनी फैला रहे है !
नमस्कार