दिल्ली गैंगरेप पर फैसला टला, सुनवाई 25 को

बिटिया खबर

फैसला सीलबंद किया, कहा कि मीडिया से दूर रखा जाए

दिल्ली : जुवेनाइल कोर्ट ने दिल्ली गैंगरेप के नाबालिग आरोपी पर फैसला दोनों पक्षों को सीलबंद लिफाफे में सौंप दिया है. 25 जुलाई को इस फैसले को सार्वजनिक किया जाएगा. दिल्ली गैंगरेप के नाबालिग आरोपी के मामले की सुनवाई कर रहे जुवेनाइल बोर्ड ने दोनों पक्षों को सीलबंद लिफाफे में फैसला सौंप दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इसके बारे में मीडिया से बात न की जाए. कोर्ट ने कहा है कि वह 25 जुलाई को फैसला सुनाएगी.

बोर्ड ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अपने फैसले को खुली कोर्ट में सुनाने से इंकार कर दिया। वैसे, आरोपी को अभी दोषी करार दिया गया है या नहीं इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। केस के एक वकील ने मीडिया से कहा, हमारे पास आदेश की प्रति आने पर ही कुछ स्थिति स्पेष्ट  हो सकेगी। बोर्ड में सुनवाई के दौरान केवल संबंधित पक्ष ही मौजूद रहे।

उसके पहले खबरें आ रही थीं कि नाबालिग आरोपी को दोषी करार दिया गया है और उसे 25 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा. ट्रायल के बाद बाहर आए वकीलों ने कहा कि इस मामले में जजमेंट ओपन कोर्ट में अनाउंस नहीं किया गया. कोर्ट ने मीडिया को कहा कि आरोपी को जुवेनाइल की तरह ट्रीट किया जाएगा.

दिल्लीक महिला आयोग की अध्ययक्ष बरखा सिंह ने कहा है कि नाबालिग आरोपी को भी उतनी ही सजा मिलनी चाहिए, जितनी की अन्य  आरोपियों को। आरोपी मानसिक रूप से बालिग था, लिहाजा उसे केवल तीन साल तक की सजा देकर छोड़ देना उचित नही।

अगर नाबालिग आरोपी अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों के तहत दोषी पाया गया तो उसे संभवतः अधिकतम तीन साल तक की सजा तक हो सकती है। यही नहीं, अगर बोर्ड द्वारा उसे अधिकतम सजा दी गई, तो यह देश में पहला ऐसा फैसला होगा, जिसमें किसी नाबालिग को महिला हिंसा और यौन अपराध के तहत इतनी सजा मिलेगी। ऐसा होने पर यह फैसला न्यािय प्रकिया में मील का पत्थ र और एक व्यंवस्थाा के तौर पर भी शामिल हो जाएगा। वारदात के वक्ति 17 वर्ष का यह नाबालिग अभी तक जेल में करीब छह माह से अधिक समय बिता चुका है।

दिल्ली गैंगरेप मामले में पूरा देश उबल उठा था. इस मामले में नाबालिग ही सबसे बड़ा हैवान माना जा रहा है. नाबालिग आरोपी पर पीड़ित से दो बार रेप करने का आरोप है. आरोप है कि इस नाबालिग ने बेहोशी की हालत में लड़की से दूसरी बार रेप किया था. सबसे घिनौनी करतूत करने वाले को जुवेनाइल बोर्ड भी नाबालिग मान चुका है. घटना के वक्त उसकी उम्र 17 साल, 6 महीने बारह दिन थी.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, नाबालिग ने ही लड़की को बस में बुलाया था. यही नहीं, इसी नाबालिग ने पीड़ित और उसके दोस्त को बस से फेंकने को कहा था. गैंगरेप की शिकार लड़की का दोस्त भी दिल्ली पुलिस के दावों की तस्दीक कर चुका है.  इसके अलावा, पीड़ित लड़की के दोस्त ने पुलिस को बताया था कि लड़की पर लोहे की रॉड से हमला करने में यही नाबालिग आरोपी सबसे आगे आया था.

दिल्ली गैंगरेप पर सरकार ने भी सख्त रवैया अपनाया हुआ है. सरकार ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर माने जाने की पैरवी की है. उधर, दिल्ली पुलिस नाबालिग की उम्र घटाकर 16 साल कर देने की वकालत कर रही है.

आरोपी मुकेश मुकरा, कहा- मैं गैंगरेप में शामिल नहीं था

वहीं अदालत में बुधवार को दूसरे आरोपी मुकेश की पेशी हुई थी. मुकेश ने गैंगरेप में शामिल होने के आरोप से इनकार किया. मुकेश ने माना कि घटना वाले दिन पीड़ित लड़की अपने दोस्त के साथ बस में चढ़ी थी. मुकेश ने बाकी पांच साथियों को वारदात में शामिल बताया.

अब अदालत बाकी चार आरोपियों से भी पूछताछ करेगी. पूछताछ की फेहरिस्त में मुकेश पहला आरोपी था. दिल्ली गैंगरेप कांड के कुल छह आरोपी हैं. उनमें से एक रामसिंह तिहाड़ जेल में सुसाइड कर चुका है.

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